छत्तीसगढ़ और झारखंड में संस्थागत प्रसवों की स्थिति | 01 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये:

संस्थागत प्रसव

मेन्स के लिये:

संस्थागत प्रसव में कमी से संबंधित मुद्दे 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ और झारखंड द्वारा जारी नवीनतम आँकड़ों के अनुसार, COVID-19 के कारण इन राज्यों में संस्थागत प्रसवों (Institutional Deliveries) की संख्या में कमी आई है।

प्रमुख बिंदु:

  • छत्तीसगढ़ में वर्तमान परिदृश्य:
    • मार्च, 2020 के दौरान संस्थागत प्रसवों की संख्या की तुलना में अप्रैल, 2020 के दौरान 15.39% की कमी दर्ज की गई।
    • फरवरी, 2020 में संस्थागत प्रसव की संख्या 37984 दर्ज की गई थी लेकिन देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण अप्रैल, 2020 में संस्थागत प्रसव की संख्या घटकर 32,529 हो गई।
    • गौरतलब है कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 के दौरान कुल संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 44.9 से बढ़कर 70.2 हो गया था।
  • झारखंड में वर्तमान परिदृश्य:
    • मई 2020 में संस्थागत प्रसव के लिये 52000 महिलाओं को सूचीबद्ध किया गया था। लेकिन 21 मई 2020 तक केवल 5.1% प्रसव मेडिकल संस्थानों में हुआ है। 
    • राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-3 और राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 के बीच संस्थागत प्रसव का प्रतिशत 40.1 से बढ़कर 61.9 हो गया था।

अन्य बिंदु:

  • पिछले दो दशक से भारत में संस्थागत प्रसव की संख्या में वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण- 4 (National Family Health Survey- NFHS) के अनुसार, वर्ष 2015-16 के दौरान कुल प्रसवों में संस्थागत प्रसवों की हिस्सेदारी 79% थी, जबकि यही आँकड़ा वर्ष 2005-06 में 39% था। 

संस्थागत प्रसव में हालिया गिरावट के कारण:

  • COVID-19 महामारी के प्रसार को रोकने के लिये देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण सार्वजनिक परिवहन मुख्य रूप से प्रभावित हुए हैं अर्थात् सार्वजनिक परिवहन के आवागमन पर प्रतिबंध है, अतः गाँवों से अस्पतालों तक पहुँचना मुश्किल हो गया है।
  • अस्पतालों में संक्रमण का डर होने के कारण लोग वहाँ जाने से बच रहे हैं।
  • COVID-19 के संक्रमण से बचने के लिये कई प्रसव निजी नर्सिंग होम में हुए हैं।
  • पूरी स्वास्थ्य मशीनरी COVID-19 से निपटने में व्यस्त होने की वज़ह से अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में चिकित्सा कर्मचारियों की अत्यधिक कमी है।

संस्थागत प्रसव:

  • संस्थागत प्रसव का अर्थ है चिकित्सा संस्थान में प्रशिक्षित और सक्षम स्वास्थ्य कर्मियों की देख-रेख में एक बच्चे को जन्म देना, जहाँ किसी भी स्थिति को संभालने तथा माँ एवं बच्चे के जीवन को बचाने के लिये उत्तम सुविधाएँ उपलब्ध हों।
  • यदि बच्चे का जन्म घर पर होता है तो ख़राब वातावरण से संक्रमित होने की संभावना बढ़ जाती है तथा प्रसव जटिलताओं को संभालना बहुत कठिन और कभी-कभी असंभव भी हो जाता है।

आगे की राह:

  • COVID-19 महामारी के इस दौर में भी अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से समझौता नहीं किया जाना चाहिये। 
  • सरकार को मेडिकल स्टाफ, आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करनी चाहिये जैसे कि शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के लिये एम्बुलेंस, टीकाकरण, मातृत्त्व देखभाल, आदि।
  • वर्तमान में COVID-19 के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के बीच समन्वय की आवश्यकता है साथ ही सरकार को भविष्य में इस तरह की चुनौतियों से निपटने के लिये हमेशा तैयार रहना चाहिये। 

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस