‘इंसटेक्स’ वस्तु-विनिमय प्रणाली | 02 Dec 2019

प्रीलिम्स के लिये

‘इंसटेक्स’ वस्तु-विनिमय समझौता

मेन्स के लिये:

‘इंसटेक्स’ के तकनीकी पक्ष

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छह यूरोपीय देश ईरान के साथ ‘इंसटेक्स’ (Instrument in Support of Trade Exchanges- INSTEX) नामक वस्तु-विनिमय प्रणाली से जुड़ गए हैं।

‘इंसटेक्स’ (INSTEX):

  • INSTEX फ्राँस, ब्रिटेन तथा जर्मनी द्वारा ईरान के साथ प्रारंभ की गई एक वस्तु-विनिमय प्रणाली है जिसका उद्देश्य डॉलर का प्रयोग न करते हुए ईरान पर अमेरिका द्वारा लगाए गए व्यापारिक प्रतिबंध को दरकिनार कर ईरान के साथ व्यापारिक संबंध स्थापित करना है।
  • पेरिस में पंजीकृत INSTEX ईरान को तेल की बिक्री ज़ारी रखने तथा बदले में अन्य सामान तथा सेवाओं के आयात की अनुमति देता है।
  • हालाँकि इस प्रणाली के अंतर्गत अभी तक कोई भी विनिमय नहीं हुआ है

पृष्ठभूमि:

  • अमेरिका ने ईरान के साथ वर्ष 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अपने को अलग करते हुए वर्ष 2018 में ईरान पर भारी व्यापारिक प्रतिबंध लगाए थे।
  • अमेरिका ने दुनिया के सभी देशों को चेतावनी देते हुए कहा था कि अगर वे अमेरिकी प्रतिबंधों से बचना चाहते हैं तो ईरान से कच्चे तेल का आयात बंद कर दें।

मुख्य बिंदु:

  • बेल्जियम, डेनमार्क, फ़िनलैंड, नीदरलैंड, नार्वे और स्वीडन ने INSTEX से जुड़ने का निर्णय लिया है।
  • इज़रायल ने इन छह यूरोपीय देशों द्वारा इस विनिमय प्रणाली का समर्थन करने के निर्णय की आलोचना करते हुए कहा है कि इससे ईरान में विरोध प्रदर्शन बढ़ेंगे।

परमाणु समझौता, 2015

  • 2015 में बराक ओबामा प्रशासन के दौरान अमेरिका, ब्रिटेन, रूस, चीन, फ्राँस और जर्मनी के साथ मिलकर ईरान ने परमाणु समझौता किया था।
  • इस समझौते को ‘ज्वाइंट कॉम्प्रिहेंसिव प्लान ऑफ एक्शन’ (Joint Comprehensive Plan of Action- JCPOA) नाम दिया गया।
  • इस समझौते के अनुसार, ईरान को संबंधित यूरेनियम के भंडार में कमी करते हुए अपने परमाणु संयंत्रों की निगरानी के लिये अनुमति प्रदान करनी थी। इसके बदले ईरान पर आरोपित आर्थिक प्रतिबंधों में रियायत दी गई थी।

स्रोत- द हिंदू