स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 | 21 Aug 2020

प्रिलिम्स के लिये

स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 संबंधी आँकड़े, स्वच्छ भारत मिशन-शहरी

मेन्स के लिये

स्वच्छ सर्वेक्षण का उद्देश्य और महत्त्व

चर्चा में क्यों?

आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (Ministry of Housing and Urban Affairs- MoHUA) द्वारा आयोजित स्वच्छ महोत्सव में केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वार्षिक स्वच्छता शहरी सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण- स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 (Swachh Survekshan 2020) के परिणामों की घोषणा की।

सर्वेक्षण के प्रमुख बिंदु

  • आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा किये गए इस वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्‍यप्रदेश के इंदौर (Indore) शहर को लगातार चौथी बार (1 लाख से अधिक जनसंख्या की श्रेणी में) देश के सबसे स्वच्छ शहर का दर्जा प्राप्त हुआ है।
    • वहीं इस श्रेणी में सूरत और नवी मुंबई को क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त हुआ।
  • गंगा नदी के तट पर बसे शहरों में वाराणसी को सबसे स्‍वच्‍छ शहर का पुरस्‍कार मिला, जिसके बाद कानपुर, मुंगेर, प्रयागराज और हरिद्वार का स्थान है।
  • 100 से अधिक शहरी स्थानीय निकायों (ULBs) वाले राज्यों की श्रेणी में छत्तीसगढ़ को देश के सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा प्रदान किया गया, जबकि दूसरा और तीसरा स्थान क्रमशः महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश को प्राप्त हुआ।
  • 100 से कम शहरी स्थानीय निकायों वाले राज्यों की श्रेणी में झारखंड को देश के सबसे स्वच्छ राज्य का दर्जा प्रदान किया गया, जिसके बाद हरियाणा, उत्तराखंड, सिक्किम, असम और हिमाचल प्रदेश का स्थान है।
  • नई दिल्ली को देश की सबसे ‘स्‍वच्‍छ राजधानी शहर’ की श्रेणी में स्थान प्राप्त हुआ।
  • जालंधर छावनी बोर्ड को देश के सबसे स्‍वच्‍छ छावनी बोर्ड की श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त हुआ, जबकि दिल्ली छावनी बोर्ड और मेरठ छावनी बोर्ड ने क्रमश: दूसरा और तीसरा स्थान प्राप्त किया।

वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण 2020

  • वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण, एक अखिल भारतीय स्वच्छता सर्वेक्षण है जो भारत के शहरों, कस्बों और राज्यों को स्वच्छता, अपशिष्ट प्रबंधन और समग्र स्वच्छता के आधार पर मूल्यांकित करता है।
  • स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 देश के वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण का पांचवाँ संस्करण है।
  • आधिकारिक आँकड़ों के अनुसार, वर्ष 2020 में आयोजित वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण के पांचवें संस्करण में कुल 4242 शहरों को शामिल किया गया, जिसमें 62 छावनी बोर्ड और 97 गंगा नदी के किनारे बसे शहर भी शामिल हैं।

पृष्ठभूमि

  • शहरी स्वच्छता की स्थिति में सुधार करने के लिये शहरों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय (MoUHA) ने वर्ष 2016 में शहरों की वार्षिक रैंकिंग की शुरुआत की थी।
  • वर्ष 2016 में आयोजित किये गए पहले स्वच्छ सर्वेक्षण में कुल 73 शहरों को शामिल किया गया था और आने वाले वर्षों में इस सर्वेक्षण के दायरे को विस्तृत किया गया और इसके अंतर्गत कई अन्य शहर भी शामिल किये गए।
    • वर्ष 2017 में आयोजित दूसरे स्वच्छ सर्वेक्षण में 434 शहर शामिल थे, जबकि वर्ष 2018 में आयोजित तीसरे स्वच्छ सर्वेक्षण में 4203 शहर शामिल किये गए और वर्ष 2019 में आयोजित सर्वेक्षण के चौथे संस्करण में 4237 शहर शामिल किये गए।

उद्देश्य

  • इस सर्वेक्षण का मुख्य उद्देश्य व्यापक पैमाने पर नागरिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना और कस्बों और शहरों को रहने के लिये एक बेहतर स्थान बनाने की दिशा में एक साथ काम करने के महत्त्व के बारे में समाज के सभी वर्गों के बीच जागरूकता पैदा करना है।
  • इसके अलावा इस सर्वेक्षण का उद्देश्य देश के सभी कस्बों और शहरों में सबसे स्वच्छ शहर बनने के लिये स्‍वस्‍थ प्रतिस्पर्द्धा की भावना को बढ़ावा देना भी है।
  • वर्ष 2016 में इस वार्षिक स्वच्छ सर्वेक्षण की शुरुआत एक स्वच्छता निगरानी उपकरण के रूप में की गई थी, किंतु वर्तमान में यह समय के साथ स्वच्छता के संस्थायन (Institutionalization) पर केंद्रित एक उपकरण के रूप में विकसित हो गया है।

स्रोत: पी.आई.बी.