भारतीय रेलवे नवाचार नीति | 16 Jun 2022

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय रेलवे नवाचार नीति। 

मेन्स के लिये:

भारतीय रेलवे नवाचार नीति, भारतीय रेलवे। 

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में रेल मंत्री द्वारा भारतीय रेलवे नवाचार नीति- "रेलवे के लिये स्टार्टअप" (StartUps For Railways) शुरू किया गया है। 

  • नीति की मुख्य विशेषताएंँ: 
    • नवोन्मेषकों को रेलवे में तकनीकी समाधान के लिये 1.5 करोड़ रुपए तक की अनुदान राशि सामान बंटवारे के आधार पर मुहैया कराई जाएगी 
    • यह पॉलिसी बहुत व्यापक और इस्तेमाल नहीं किये गए स्टार्टअप इकोसिस्‍टम की भागीदारी के माध्यम से रेलवे के संचालन, रखरखाव और बुनियादी ढांँचे के निर्माण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर दक्षता लाने में मददगार साबित होगी।
    • रेलवे में प्रोटोटाइप का ट्रायल किया जाएगा। 
    • प्रोटोटाइप के सफल प्रदर्शन पर तैनाती को बढ़ाने के लिये बढ़ी हुई धनराशि प्रदान की जाएगी। 
    • नवोन्मेषकों का चयन एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रणाली द्वारा किया जाएगा जिसे ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। 
    • विकसित बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) केवल नवप्रवर्तकों के पास रहेंगे। 
    • विलंब से बचने हेतु संभागीय स्तर पर संपूर्ण उत्पाद विकास प्रक्रिया का विकेंद्रीकरण किया जाएगा। 
  • पहचाने गए मुद्दे: 
    • भारतीय रेलवे के विभिन्न मंडलों, क्षेत्रीय कार्यालयों या ज़ोनों से प्राप्त 100 से अधिक समस्या विवरणों में से इस कार्यक्रम के चरण 1 के लिये रेल फ्रैक्चर, हेडवे रिडक्शन इत्यादि जैसे ग्यारह समस्या विवरण लिये गए हैं। 
  • अपेक्षित लाभ: 
    • यह नीति एक बहुत बड़े और अप्रयुक्त स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र की भागीदारी के माध्यम से संचालन, रखरखाव और आधारभूत संरचना के निर्माण के क्षेत्र में मानक और दक्षता लाएगी। 
    • इसका उद्देश्य भारतीय रेलवे की परिचालन दक्षता और सुरक्षा में सुधार के लिये भारतीय स्टार्टअप/MSME/नवोन्मेषकों/उद्यमियों द्वारा विकसित अभिनव प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाना भी है। 
    • यह रेलवे क्षेत्र में सह-निर्माण और सह-नवाचार के लिये देश में "नवाचार संस्कृति" को बढ़ावा देगा। 

भारतीय रेलवे : 

  • परिचय:  
    • भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा (लंबाई में) नेटवर्क है। 
    • यह माल ढुलाई और यात्रियों दोनों की आवाज़ाही की सुविधा प्रदान करता है और अर्थव्यवस्था के विकास में योगदान देता है। 
    • भारतीय रेलवे की शुरुआत वर्ष 1853 में हुई थी, जब बॉम्बे से ठाणे तक 34 किमी. की दूरी तय करने के लिये एक लाइन का निर्माण किया गया। 
    • भारतीय रेल देश का सबसे बड़ा सरकारी उपक्रम है। 
    • भारतीय रेलवे नेटवर्क की लंबाई 67,956 किमी. (रेलवे ईयरबुक 2019-20) थी। 
  • ज़ोन: 
    • भारत में रेल प्रणाली को 16 ज़ोन में बाँटा गया है 

रेलवे ज़ोन  

मुख्यालय 

मध्य 

मुंबई CST 

पूर्वी 

कोलकाता 

मध्य पूर्वी 

हाजीपुर 

पूर्व  

भुवनेश्वर 

उत्तरी 

नई दिल्ली 

उत्तर पूर्वी 

गोरखपुर 

उत्तर पूर्व सीमांत 

मालीगाँव (गुवाहाटी) 

उत्तर पश्चिमी 

जयपुर 

दक्षिणी 

चेन्नई 

दक्षिण मध्य  

सिकंदराबाद 

दक्षिण पूर्वी 

कोलकाता 

दक्षिण पूर्व मध्य  

बिलासपुर 

दक्षिण पश्चिमी  

हुबली 

पश्चिमी 

मुंबई (चर्च गेट) 

 
पश्चिम मध्य 

जबलपुर 

  • भारतीय रेलवे के चार स्थल दार्जिलिंग हिमालयन रेलवे (1999), नीलगिरि माउंटेन रेलवे (2005), कालका शिमला रेलवे (2008) और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई (2004) यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों मे शामिल हैं। 
    • माथेरान लाइट रेलवे और कांगड़ा वैली रेलवे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलो की प्रतीक्षारत या अस्थायी सूची में शामिल हैं। 

यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्षों के प्रश्न: 

भारतीय रेलवे द्वारा इस्तेमाल किये जाने वालेजैव शौचालयों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015))

  1. जैव-शौचालयमें मानव अपशिष्ट का अपघटन एक कवक इनोकुलम द्वारा शुरू किया जाता है।
  2. इस अपघटन में अमोनिया और जलवाष्प ही एकमात्र अंतिम उत्पाद हैं जो वायुमंडल में छोड़े जाते हैं।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं? 

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2 

उत्तर: (d) 

व्याख्या:  

  • भारतीय रेलवे की जैव-शौचालय परियोजना प्रौद्योगिकी का एक अभिनव और स्वदेशी विकास है। यह अपनी तरह की पहली तकनीक है और मानव अपशिष्ट के त्वरित अपघटन के लिये दुनिया में किसी भी रेलमार्ग द्वारा पहली बार इसका उपयोग किया जा रहा है। 
  • इन जैव-शौचालयों को शौचालयों के नीचे फिट किया जाता है और उनमें छोड़े गए मानव अपशिष्ट पर एनारोबिक बैक्टीरिया की एक कॉलोनी द्वारा अपघटन कराया जाता है जो मानव अपशिष्ट को मुख्य रूप से पानी में परिवर्तित करता है और मीथेन, अमोनिया आदि जैसी जैव-गैसों के रूप में कम मात्रा में परिवर्तित करता है। अतः कथन 1 और 2 सही नहीं हैं। 
  • गैसें वायुमंडल में चली जाती हैं और अपशिष्ट जल को क्लोरीनीकरण के बाद ट्रैक पर छोड़ दिया जाता है। 
  • इस प्रकार मानव अपशिष्ट रेलवे पटरियों पर नहीं गिरता है, जिससे प्लेटफार्मों पर सफाई और स्वच्छता में सुधार होता है, और ट्रैक एवं कोच रखरखाव कर्मचारियों को अपना काम अधिक कुशलता से करने में सुविधा होती है। 

अतः विकल्प (d) सही है। 

स्रोत: पी.आई.बी.