भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी | 20 Jul 2023

प्रिलिम्स के लिये:

भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी, नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकी कार्य योजना मंच

मेन्स के लिये:

भारत-अमेरिका संबंध

चर्चा में क्यों?  

हाल ही में भारत के पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री और अमेरिका की ऊर्जा मंत्री के बीच नई दिल्ली में भारत-अमेरिका रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी (Strategic Clean Energy Partnership- SCEP) पर मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की गई।

  • बैठक के दौरान दोनों पक्षों ने ऊर्जा सुरक्षा को मज़बूत बनाने में द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा संबद्धता और SCEP की उपलब्धियों, स्वच्छ ऊर्जा नवाचार के अवसरों के सृजन, जलवायु परिवर्तन से निपटने तथा रोज़गार के अवसरों का सृजन करने को रेखांकित करते हुए द्विपक्षीय स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी के बढ़ते महत्त्व का संज्ञान लिया।

प्रमुख बिंदु: 

  • महत्त्वाकांक्षी और गतिशील SCEP अधिदेश की समीक्षा: 
    • दोनों पक्षों ने स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, बैटरी भंडारण और स्वैपिंग प्रौद्योगिकियों, गैस हाइड्रेट्स, उन्नत जैव ईंधन तथा हाइड्रोजन एवं इलेक्ट्रोलाइज़र उत्पादन जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की।
    • साथ ही स्वच्छ ऊर्जा कार्य क्षेत्रों की विस्तृत शृंखला में सहयोग को गहन और मज़बूत बनाने वाले महत्त्वाकांक्षी एवं गतिशील SCEP अधिदेश की समीक्षा की। 
  • प्रतिबद्धताएँ: 
    • स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करने के लिये भारत में नेट ज़ीरो गाँव (Net zero village) के विकास की दिशा में कार्य करने पर सहमति व्यक्त की गई।
    • स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन का समर्थन करने के लिये सार्वजनिक-निजी ऊर्जा भंडारण कार्य बल की स्थापना।
    • सार्वजनिक-निजी हाइड्रोजन टास्क फोर्स के माध्यम से हाइड्रोजन प्रौद्योगिकियों की तैनाती।
    • महत्त्वाकांक्षी स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को आगे बढ़ाने के लिये प्रमुख प्रौद्योगिकियों के विकास में तेज़ी लाने हेतु US-इंडिया न्यू एंड इमर्जिंग रिन्यूएबल एनर्जी टेक्नोलॉजीज़ एक्शन प्लेटफॉर्म (RETAP) लॉन्च किया गया ।
  • वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन की पुष्टि:
    • इस गठबंधन का उद्देश्य परिवहन क्षेत्र सहित सहयोग को सुविधाजनक बनाना और टिकाऊ जैव ईंधन के उपयोग को तेज़ करना है।
      • ब्राज़ील, भारत और अमेरिका अन्य देशों के समान अग्रणी जैव ईंधन उत्पादक एवं उपभोक्ता हैं।
    • गठबंधन स्वच्छ ऊर्जा मंत्रिस्तरीय बायोफ्यूचर प्लेटफॉर्म, मिशन इनोवेशन बायोएनर्जी पहल और ग्लोबल बायोएनर्जी पार्टनरशिप (GBEP) के सहयोग से काम करेगा।
  • साउथ एशिया ग्रुप फॉर एनर्जी (SAGE): 
    • दोनों पक्षों ने अनुसंधान, विश्लेषण और क्षमता निर्माण गतिविधियों का समर्थन करने के लिये भारतीय एजेंसियों तथा अमेरिकी राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं के बीच जुड़ाव को गहरा करने हेतु SAGE लॉन्च किया, जैसे कि कम कार्बन प्रौद्योगिकियों के जीवन चक्र मूल्यांकन में मॉडलिंग क्षमता का निर्माण एवं निर्माण क्षेत्र में ऊर्जा खपत पर विश्लेषण।
  • अन्य चिंताएँ:
    • उभरते ईंधन और प्रौद्योगिकी स्तंभ के अंतर्गत एक प्रक्रिया के रूप में कार्बन कैप्चर, उपयोग एवं भंडारण को जोड़ना।
    • यूएस एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (USAID)) का कई भारतीय संगठनों जैसे भारतीय रेलवे, NTPC ग्रीन नेशनल स्किल्स डेवलपमेंट कॉरपोरेशन, स्किल्स काउंसिल फॉर ग्रीन जॉब्स और फोरम ऑफ रेगुलेटर्स के साथ सहयोग।

रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी:

  • SCEP को वर्ष 2021 में आयोजित जलवायु पर नेताओं के शिखर सम्मेलन में दोनों देशों द्वारा घोषित अमेरिका-भारत जलवायु और स्वच्छ ऊर्जा एजेंडा-2030 साझेदारी के तहत लॉन्च किया गया था।
  • SCEP प्रक्रियाओं और अंतिम उपयोग में विद्युतीकरण तथा डीकार्बोनाइज़ेशन पर अधिक बल देने के साथ-साथ ऊर्जा सुरक्षा तथा नवाचार को आगे बढ़ाने के साथ उभरती हुई स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों का विस्तार करना; हार्ड-टू-डीकार्बोनाइज़ सेक्टर्स के लिये समाधान ढूँढना और इसके लिये तकनीकी समाधान प्रस्तुत करना।
  • SCEP को वर्ष 2018 में रणनीतिक ऊर्जा साझेदारी के रूप में स्थापित किया गया था तथा इसने ऊर्जा सहयोग हेतु विगत अंतर-सरकारी अनुबंध अमेरिका-भारत ऊर्जा संवाद की जगह ली थी।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

मेन्स: 

प्रश्न. भारत-रूस रक्षा समझौतों की तुलना में भारत-अमेरिका रक्षा समझौतों का क्या महत्त्व है? हिंद-प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थायित्व के संदर्भ में विवेचना कीजिये। (2020) 

प्रश्न. 'भारत और यूनाइटेड स्टेट के बीच संबंधों में खटास उत्पन्न होने का कारण वाशिंगटन का अपनी वैश्विक रणनीति में अभी तक भी भारत के लिये किसी ऐसा स्थान की खोज करने में विफलता है, जो भारत के आत्म-समादर और महत्त्वाकांक्षा को संतुष्ट कर सके।' उपयुक्त उदाहरणों के साथ स्पष्ट कीजिये। (2019) 

स्रोत: पी.आई.बी.