भारत और अमेरिका के बीच मक्का को लेकर दुविधा | 24 Sep 2025

स्रोत: द हिंदू 

चर्चा में क्यों? 

अमेरिका ने भारत को मक्के का निर्यात करने में रुचि दिखाई है, लेकिन भारत अभी भी GM (जेनेटिकली मॉडिफाइड) फसलों से जुड़ी चिंताओं, अपने मज़बूत घरेलू मक्का उत्पादन और राष्ट्रीय राजनीतिक विचारों के कारण इस पर सावधानी बरत रहा है। 

भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका से मक्का आयात करने से क्या रोकता है? 

  • GM आयात पर नियामक प्रतिबंध: भारत में जीन-संशोधित (GM) मक्का के आयात पर प्रतिबंध है। वर्ष 2024 में अमेरिका के 94% मक्का GM है, जबकि भारत में GM खेती केवल कपास के लिये ही अनुमति प्राप्त है। इसलिये अमेरिका का GM मक्का भारत में कानूनी रूप से आयातित नहीं किया जा सकता। 
  • उच्च टैरिफ बाधाएँ: भारत की टैरिफ संरचना मक्का आयात को हतोत्साहित करती है, 0.5 मिलियन टन के कोटे पर 15% शुल्क लगता है, जबकि अतिरिक्त आयात पर 50% शुल्क लगता है, जिससे अमेरिकी मक्का व्यावसायिक रूप से अव्यावहारिक हो जाता है। 
  • घरेलू किसानों का संरक्षण: भारतीय अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि सस्ते आयात से मक्का-आधारित इथेनॉल पारिस्थितिकी तंत्र और नए किसानों को खतरा हो सकता है, जिससे बढ़ते घरेलू उत्पादन और खेती वाली ज़मीन के बीच, सरकार किसानों की आय की सुरक्षा करने के लिये सतर्क है। 
  • डंपिंग का जोखिम: शिपिंग, विपणन लागत और व्यावसायिक मार्जिन को ध्यान में रखे बिना अमेरिकी मक्के की कीमत भारतीय मक्के की कीमत का लगभग 70% ही है। यह डंपिंग के बराबर होगा, जिससे भारतीय मक्का किसानों को नुकसान होगा। 
  • इथेनॉल मिश्रण पर संप्रभु नीति: इथेनॉल उत्पादन के लिये मक्का का आयात भारत के आयात प्रतिस्थापन के लक्ष्य को कमज़ोर करता है, जिसका उद्देश्य आयात पर निर्भरता पैदा करने के बजाय घरेलू उत्पादन का उपयोग करना और विदेशी मुद्रा बचाना है। 
    • पेट्रोल में 20% इथेनॉल मिश्रण से आयात प्रतिस्थापन के माध्यम से वार्षिक विदेशी मुद्रा व्यय में 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक की बचत हो सकती है।

मक्का के संबंध में मुख्य तथ्य क्या हैं?

  • परिचय: मक्का एक अत्यंत बहुपयोगी फसल है, जिसे इसकी उच्च आनुवंशिक उपज क्षमता के कारण ‘अनाज की रानी(Queen of cereals)’ के रूप में जाना जाता है। 
    • मध्य अमेरिका में उत्पन्न होने वाला यह अनाज मानव उपभोग, पशु आहार और चारे के लिये विश्व स्तर पर महत्त्वपूर्ण है। 
  • जलवायु एवं तापमान: पाले के प्रति संवेदनशील (विशेषकर पौध) को पाले से मुक्त अवधि की आवश्यकता होती है, जिसमें औसत दैनिक तापमान 15°C से अधिक हो, लेकिन पर्याप्त पानी के साथ 45°C तक की गर्मी को सहन कर सकता है। 
    • यह सूर्य के प्रकाश के प्रति अत्यधिक संवेदनशील है। अनाज पकने के लिये ऊपरी पत्तियों तक पर्याप्त रूप से रोशनी पहुँचना आवश्यक है। 
  • मृदा आवश्यकताएँ: अच्छी तरह से जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। भारी चिकनी मिट्टी या रेतीली मिट्टी के अनुकूल तथा जलभराव के प्रति संवेदनशील है।  
  • जल आवश्यकताएँ: यह एक जल कुशल फसल है, जिसे अधिकतम अनाज उपज प्राप्त करने के लिये 500-800 मिमी पानी की आवश्यकता होती है। 
  • भारत की वैश्विक स्थिति: भारत पाँचवाँ सबसे बड़ा मक्का उत्पादक (FAO, 2023) है, लेकिन केवल 14वाँ सबसे बड़ा निर्यातक (UN-कॉमट्रेड 2022) है। 4 टन प्रति हेक्टेयर (वैश्विक 6 टन/हेक्टेयर की तुलना में) से निम्न उपज के साथ, यह काफी हद तक आत्मनिर्भर बना हुआ है। 
    • भारत ने हाल ही में मुख्य रूप से म्याँमार और यूक्रेन से मक्का का आयात शुरू किया है। 
  • प्रमुख उत्पादक: शीर्ष उत्पादक देश संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और ब्राज़ील हैं। 
    • भारत में मक्का का उत्पादन करने वाले प्रमुख राज्य कर्नाटक, मध्य प्रदेश और बिहार हैं। 
  • उपयोग: मक्का को विश्व स्तर पर भोजन, पशु आहार, चारा और उद्योगों के लिये कच्चे माल के रूप में इसके विविध उपयोग के लिये अत्यधिक महत्त्व दिया जाता है। 
    • खाद्य एवं चारे के अलावा भारत में 14-15% मक्का का उपयोग औद्योगिक उद्देश्यों के लिये किया जाता है। 
    • यह स्टार्च, तेल, प्रोटीन, मादक पेय, खाद्य स्वीटनर, फार्मास्यूटिकल्स, सौंदर्य प्रसाधन, कपड़ा, फिल्म, गोंद, पैकेजिंग और कागज उद्योगों में एक महत्त्वपूर्ण घटक है। 
    • भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने भारत की पहली "मोमी" मक्का संकर विकसित की है, जिसमें एमाइलोपेक्टिन स्टार्च की उच्च मात्रा है, जो इसे इथेनॉल उत्पादन के लिये आदर्श बनाती है।

देशों द्वारा आयात प्रतिबंधों को सक्षम करने वाले प्रमुख WTO प्रावधान क्या हैं?

प्रकार 

विवरण 

मुख्य शर्त 

सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (SPS) उपाय

देश खाद्य, पशु और पौधों के लिये अपने स्वास्थ्य और सुरक्षा मानक निर्धारित कर सकते हैं। 

उपाय वैज्ञानिक आधार पर होने चाहिये, मनमाने ढंग से भेदभावपूर्ण या व्यापार को छुपाकर रोकने वाले नहीं होने चाहिये। 

ट्रेड पर तकनीकी बाधाओं का समझौता (TBT)

तकनीकी नियम, मानक और अनुपालन मूल्यांकन (जैसे गुणवत्ता मानक, लेबलिंग, उत्पाद विशिष्टताएँ) शामिल। 

उपाय उद्देश्यों को पूरा करने के लिये आवश्यक से अधिक व्यापार-प्रतिबंधक नहीं होने चाहिये, जैसे राष्ट्रीय सुरक्षा, उपभोक्ता संरक्षण या पर्यावरण सुरक्षा। 

सुरक्षा उपाय

यदि घरेलू उद्योग आयात में अचानक वृद्धि से खतरे में हो तो अस्थायी आयात प्रतिबंध लागू किये जा सकते हैं। 

प्रतिबंध अस्थायी होते हैं, आमतौर पर मुआवज़ा देना पड़ता है तथा अनुचित व्यापार नहीं होना चाहिये। 

एंटी-डंपिंग

उन आयातों पर अतिरिक्त शुल्क, जो सामान्य मूल्य से कम में बेचे जाते हैं और घरेलू उद्योग को नुकसान पहुँचाते हैं। 

डंपिंग मूल्य विश्लेषण के माध्यम से साबित की जाती है तथा डंप किये गए आयात और आर्थिक नुकसान के बीच प्रत्यक्ष कारण संबंध होना आवश्यक है। 

काउंटरवेलिंग ड्यूटी

उन आयातों पर शुल्क, जो सब्सिडी प्राप्त होते हैं और घरेलू उद्योग को नुकसान पहुँचाते हैं। 

इन शुल्कों को तभी लागू किया जाता है, जब गहन जाँच से पुष्टि हो कि विदेशी निर्यात सब्सिडी घरेलू उद्योग को "सामग्री रूप से हानि" पहुँचा रही हो। 

मेन्स के लिये संबंधित कीवर्ड 

  • आत्मनिर्भर एग्रीकल्चर  
    • “टेक्नोलॉजी ऐज़ ए प्लाउ (Technology as a Plough)”: फसल उत्पादन में AI, ड्रोन और प्रिसिजन फार्मिंग का योगदान। 
    • “फ्रॉम लैब टू लैंड, इनोवेशन ग्रोस् (From Lab to Land, Innovation Grows)”: अनुसंधान और विकास (R&D) को किसानों के अनुकूल समाधानों में परिवर्तित करना। 
    • “बायोटेक भारत, बायो-सिक्योर भारत (Biotech Bharat, Bio-Secure Bharat)”: उत्पादकता और सुरक्षा के संतुलन हेतु आनुवंशिक प्रगति। 
  • फसल की सहनशीलता और विविधीकरण 
    • “क्लाइमेट-स्मार्ट क्रॉप्स, क्लाइमेट-सिक्योर नेशन (Climate-Smart Crops, Climate-Secure Nation)”: सूखा और बाढ़ सहिष्णु किस्मों के माध्यम से अनुकूलन। 
    • “क्रेडिट ऐज़ कल्टिवेशन कैटालिस्ट (Credit as Cultivation Catalyst)”: समय पर वित्तीय सहायता से छोटे किसानों का समृद्ध होना संभव। 
  • स्थिरता और संसाधन दक्षता 
    • “वाटर सेव्ड इज़ वेल्थ गेनड (Water Saved is Wealth Gained)”: कुशल सिंचाई और संरक्षण अभ्यास। 
    • “एनर्जी इन एवरी एकर (Energy in Every Acre)”: सौर पंप, नवीकरणीय संसाधन और सटीक ऊर्जा प्रबंधन। 
    • “फर्टिलाइजर्स फ्रॉम द फार्म, नॉट द फैक्ट्री (Fertilizers from the Farm, Not the Factory)”: जैविक इनपुट और जैविक समाधानों को बढ़ावा देना। 

निष्कर्ष 

भारत द्वारा अमेरिका से मक्का आयात पर लगाए गए प्रतिबंध GM फसलों पर प्रतिबंध, टैरिफ बाधाओं, किसानों की सुरक्षा और इथेनॉल आत्मनिर्भरता के लक्ष्यों से प्रेरित हैं। हालाँकि भारत विश्व का पाँचवाँ सबसे बड़ा मक्का उत्पादक है, फिर भी कम पैदावार और बढ़ती मांग के कारण कभी-कभार आयात होता है। घरेलू सुरक्षा और वैश्विक व्यापार दबावों के बीच संतुलन बनाना एक प्रमुख नीतिगत चुनौती बनी हुई है। 

दृष्टि मेन्स प्रश्न:

प्रश्न. भारत में मक्का की बढ़ती मांग के बावजूद संयुक्त राज्य अमेरिका से मक्का के आयात को प्रतिबंधित करने वाले कारकों पर चर्चा कीजिये। 

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. चार ऊर्जा फसलों के नाम नीचे दिये गए हैं। उनमें से किसकी खेती इथेनॉल के लिये की जा सकती है? (2010) 

(a) जटरोफा 
(b) मक्का 
(c) पोंगामिया 
(d) सूरजमुखी 

उत्तर: (b) 

प्रश्न. भारत की जैव ईंधन की राष्ट्रीय नीति के अनुसार, जैव ईंधन के उत्पादन के लिये निम्नलिखित में से किनका उपयोग कच्चे माल के रूप में हो सकता है? (2020) 

  1. कसावा
  2. क्षतिग्रस्त गेहूँ के दाने  
  3. मूँगफली के बीज      
  4. कुलथी (Horse Gram)  
  5. सड़ा आलू    
  6. चुकंदर 

नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1, 2, 5 और 6 
(b) केवल 1, 3, 4 और 6 
(c) केवल 2, 3, 4 और 5 
(d) 1, 2, 3, 4, 5 और 6   

उत्तर: (a)


मेन्स

प्रश्न. एकीकृत कृषि प्रणाली (IFS) कृषि उत्पादन को बनाए रखने में किस सीमा तक सहायक है? (2019)