भारत-ब्रिटेन वर्चुअल सम्मेलन | 06 May 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारत के प्रधानमंत्री और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के बीच एक वर्चुअल सम्मेलन आयोजित किया गया।

  • भारत ने ब्रिटेन को कोविड-19 की दूसरी गंभीर लहर के मद्देनज़र उसके द्वारा प्रदान की गई त्वरित चिकित्सा सहायता के लिये धन्यवाद दिया।

North-sea

प्रमुख बिंदु

रोडमैप 2030:

  • यह द्विपक्षीय संबंधों को एक "व्यापक रणनीतिक साझेदारी" तक बढ़ाएगा।
  • यह स्वास्थ्य, जलवायु, व्यापार, शिक्षा, विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा रक्षा क्षेत्र में ब्रिटेन-भारत संबंधों के लिये एक रूपरेखा प्रदान करेगा।
    • यह वैश्विक स्वास्थ्य सुरक्षा और महामारी से निपटने में ब्रिटेन-भारत के बीच स्वास्थ्य साझेदारी का विस्तार करेगा।
    • इसमें महत्त्वपूर्ण दवाओं, टीकों और अन्य चिकित्सा उत्पादों को उन लोगों तक पहुँचाने के लिये अंतर्राष्ट्रीय आपूर्ति शृंखला को मज़बूती प्रदान करना शामिल है, जिनकी उन्हें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।
    • दोनों देश मौज़ूदा वैक्सीन साझेदारी (Vaccines Partnership) को बढ़ाने पर सहमत हुए।

उन्नत व्यापार साझेदारी की शुरुआत:

  • यह बाज़ार के विशिष्ट क्षेत्रों में पहुँच को सुविधाजनक बनाने की परिकल्पना करता है। इसके अंतर्गत ब्रिटेन अपने मत्स्य पालन क्षेत्र को भारतीयों के लिये खोलने, नर्सों हेतु अधिक अवसरों की सुविधा प्रदान करने और एक सामाजिक सुरक्षा समझौते पर सहमत हुआ।
  • दूसरी ओर भारत ने ब्रिटिश फल उत्पादकों पर लगाये प्रतिबंध हटा दिये।
  • ये दोनों देश कानूनी सेवाओं में पारस्परिक सहयोग की दिशा में भी काम करेंगे।
  • भारत और ब्रिटेन ने एक अंतरिम व्यापार समझौते पर विचार करने सहित एक व्यापक मुक्त व्यापार समझौते (Free Trade Agreement) पर बातचीत करने की घोषणा की।
  • वर्ष 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का एक महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया गया।

एक नए भारत-ब्रिटेन ‘वैश्विक नवाचार साझेदारी’ की घोषणा:

  • ब्रिटेन अनुसंधान और नवाचार सहयोग में भारत का दूसरा सबसे बड़ा भागीदार है।
  • इस साझेदारी का उद्देश्य चुनिंदा विकासशील देशों को समावेशी भारतीय नवाचारों का हस्तांतरण करने में आवश्यक सहयोग प्रदान करना है। इस दिशा में शुरुआत अफ्रीका से होगी।।

सुरक्षा और रक्षा:

  • समुद्री क्षेत्र में जागरूकता पर सहयोग:
    • इसमें समुद्री सूचना साझाकरण पर नए समझौते, गुड़गाँव में भारत के सूचना संलयन केंद्र (Information Fusion Centre)  में शामिल होने के लिये ब्रिटेन का निमंत्रण और एक महत्वाकांक्षी अभ्यास कार्यक्रम शामिल है, जिसमें संयुक्त त्रिपक्षीय अभ्यास शामिल हैं।
  • ब्रिटेन का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप:
    • ब्रिटेन का कैरियर स्ट्राइक ग्रुप (Carrier Strike Group) इस वर्ष के अंत में भारत का दौरा करेगा, जो भारतीय नौसेना और वायुसेना के साथ संबंधों को बढ़ावा देने के लिये पश्चिमी हिंद महासागर में भविष्य के सहयोग को सक्षम करने हेतु संयुक्त प्रशिक्षण अभ्यास करेगा।
  • लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2:
    • ब्रिटेन, भारत के स्वदेशी लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट मार्क 2 (Light Combat Aircraft Mark 2) के विकास में सहायता करेगा।
  • संभावित सहयोग:
    • दोनों देशों ने अनुसंधान, क्षमता निर्माण, औद्योगिक सहयोग, रक्षा, अंतरिक्ष और साइबर जैसे क्षेत्रों में नए औद्योगिक सहयोग पर चर्चा की।

प्रवासन:

  • भारत और ब्रिटेन ने ‘प्रवासन एवं आवाजाही साझेदारी’ (Migration and Mobility Partnership) पर हस्ताक्षर किये, जिसका उद्देश्य दोनों देशों के बीच विद्यार्थियों और कामगारों की आवाज़ाही के लिये और भी अधिक अवसर सुलभ कराना तथा अवैध आव्रजन को कम करना है।

जलवायु परिवर्तन:

  • दोनों देशों ने आगामी कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज़ COP-26 में एक महत्त्वाकांक्षी परिणाम सुनिश्चित करने के लिये एक साथ काम करने पर सहमत हुए और स्वच्छ ऊर्जा, परिवहन, नई तकनीक के विकास में तेज़ी लाने, प्रकृति और जैव विविधता की रक्षा तथा विकास में मदद करने सहित जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिये ब्रिटेन-भारत साझेदारी का विस्तार किया।

द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास

आगे की राह

  • भारत 21वीं सदी की महाशक्ति बनाने की तरफ अग्रसर है। यह जल्द ही विश्व का सबसे प्रभावी देश बन जाएगा। यह वैश्विक दौड़ में नए भागीदारों की तलाश कर रहा है। ऐसे समय में ब्रिटेन के पास भारत के शिक्षा, अनुसंधान, नागरिक समाज और रचनात्मक क्षेत्र में सहयोग करके अपने रिश्ते को मज़बूत करने का उपयुक्त अवसर है।
  • हाल ही में यूरोपीय संघ से अलग हुए ब्रिटेन के वाणिज्यिक नुकसान की भरपाई भारत के कुशल श्रम, तकनीकी सहायता और व्यवसायिक बाज़ार कर सकते हैं।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस