आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक में भारत का 143वाँ स्थान | 20 Feb 2017

सन्दर्भ

हाल ही में एक अमेरिकी शोध संस्थान 'द हेरिटेज फाउंडेशन' की तरफ से जारी आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक (index of economic freedom) में भारत की रैकिंग उसके पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान समेत कई दक्षिण एशियाई देशों से भी पीछे है। गौरतलब है कि इस चिंतनीय माहौल के बनने के पीछे, भारत में बाज़ार को ध्यान में रखकर किये गए आर्थिक सुधारों से होने वाली प्रगति को माना जा रहा है, क्योंकि आर्थिक सुधार अपनी प्रकृति में सतत होने के बजाय एकांगी होकर रह गए हैं।

सूचकांक से संबंधित महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पिछले पाँच वर्षों में औसतन 7 प्रतिशत की दर से सतत वृद्धि हुई है, लेकिन इस वृद्धि के सकारात्मक परिणामों का एक समान समावेशन हम अपनी नीतियों में करने में असफल रहे हैं।
  • शोध समूह की रिपोर्ट में भारत को 'अधिकांशतया गैर-खुली' अर्थव्यवस्था की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि भारत ने लोक-उपक्रमों के माध्यम से कई क्षेत्रों में अपनी एक व्यापक उपस्थिति बनाए रखी है। इसके अलावा रिपोर्ट में इस बात पर भी बल दिया गया है कि प्रतिबंधात्मक और भारी-भरकम नियामकीय वातावरण से उद्यमिता हतोत्साहित हो रही है।
  • इस सूचकांक में भारत ने कुल 52.6 अंक हासिल किये जो पिछले साल के मुकाबले 3.6 अंक कम है। पिछले साल इस सूचकांक में भारत की रैंकिंग 123 थी। इस सूचकांक में हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर और न्यूजीलैंड शीर्ष पर रहे हैं।
  • दक्षिण एशियाई देशों में भारत से नीचे अफगानिस्तान 163 और मालदीव 157वें स्थान पर हैं जबकि इस सूचकांक में नेपाल का स्थान 125, श्रीलंका का 112, पाकिस्तान का 141, भूटान का 107 और बांग्लादेश का 128 है।
  • चीन ने इस सूचकांक में 57.4 अंक हासिल किये जो पिछले साल के मुकाबले 5.4 अंक अधिक है। इस साल उसका स्थान 111वाँ रहा है। अमेरिका 75.1 अंक हासिल कर 17वें स्थान पर रहा है। इस सूचकांक में वैश्विक औसत 60.9 अंक रहा जो पिछले 23 साल में रिकॉर्ड उच्चस्तर है।

क्या है ‘आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक’

  • ‘आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक’ (Economic Freedom Index) विश्व के विभिन्न देशों में दी गई आर्थिक स्वतंत्रताओं का तुलनात्मक अध्ययन करने का बहुआयामी सूचकांक है।विदित हो कि विभिन्न देशों में आर्थिक स्वतंत्रता की स्थिति को मापने के लिये अमेरिका का ‘द हेरिटेज फाउंडेशन’ (The Heritage Foundation) और ‘द वाल स्ट्रीट जर्नल’ (The Wall Street Journal) संयुक्त रूप से वर्ष 1995 से प्रतिवर्ष आर्थिक स्वतंत्रता सूचकांक जारी कर रहे हैं।
  • गौरतलब है कि यह सूचकांक आर्थिक स्वतंत्रता के 12 मात्रात्मक और गुणात्मक कारकों के आधार पर मापा जाता है, और इन 12  कारकों को मुख्य रूप से चार व्यापक श्रेणियों में बाँटा गया है, जो इस प्रकार से हैं:

1) कानून का राज(संपत्ति से संबंधित अधिकार, सरकार की प्रतिबद्धता, न्यायिक प्रभावशीलता इत्यादि)।
2) सरकार का हस्तक्षेप (सरकारी खर्च, कर का बोझ, वित्तीय स्थितियाँ इत्यादि)।
3) नियामक क्षमता (व्यापार स्वतंत्रता, श्रम स्वतंत्रता, मौद्रिक स्वतंत्रता इत्यादि)।
4) ओपेन मार्केट ऑपरेशन्स (व्यापार स्वतंत्रता, निवेश स्वतंत्रता, वित्तीय स्वतंत्रता इत्यादि)।