भारत के स्टार्टअप में वृद्धि | 31 Dec 2022

प्रिलिम्स के लिये:

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम, नेशनल स्टार्टअप अवार्ड्स, SCO स्टार्टअप फोरम, PRARAMBH

मेन्स के लिये:

स्टार्टअप परितंत्र और इसका महत्त्व

चर्चा में क्यों? 

संसद में पेश किये गए आँकड़ों के अनुसार, विगत पाँच वर्षों में भारत में पंजीकृत स्टार्टअप की संख्या वर्ष 2016 में 452 से बढ़कर दिसंबर 2022 में  84,012 हो गई है। 

  • उनमें से कई क्लाउड में स्थित हैं, अर्थात इंटरनेट के माध्यम से सुलभ होने वाले सर्वर और डेटा स्टोरेज, और कई स्टोरेज कंपनियाँ इन स्टार्टअप को लुभाने के लिये कई तरह के प्रोत्साहन भी दे रही हैं।

भारत के स्टार्टअप बूम/वृद्धि में AWS क्लाउड सेवाओं की भूमिका: 

  • परिचय: 
    • भारत के प्रमुख क्लाउड सेवा प्रदाताओं में से एक, AWS, (Amazon Web Services) ने स्टार्ट-अप क्रेडिट प्रदान की है, जो महत्त्वाकांक्षी उद्यमियों/स्टार्टअप को मुफ़्त में कंप्यूटिंग, स्टोरेज और होस्टिंग जैसी सेवाओं को उपयोग करने में सक्षम बनाता है।
    • AWS ने स्टार्टअप के जीवनचक्र को प्रबंधित करने में मदद की है जिससे अधिक-से-अधिक- नवाचार करने में सक्षम हो सके हैं।
    • क्लाउड सेवाओं का उपयोग से उद्यमी क्लाउड पर ही विभिन्न प्रकार के परीक्षण कर सकते हैं, तथा इन परीक्षणों के माध्यम से उनमे आवश्यक सुधार भी कर सकते हैं।
    • संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत में विश्व का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप परितंत्र है और इस प्रकार के क्लाउड सेवाओं के लिये सबसे बड़े बाज़ारों में से एक है।
      • AWS द्वारा समर्थित कुछ कंपनियों में शामिल हैं: HealthifyME, जिसने 'वैक्सीनेट मी/Vaccinate Me' नामक एक एप विकसित किया, जिसकी मदद से फीचर फोन  के माध्यम से भी लगभग 50 मिलियन तक टीकाकरण बुक करने में काफी सहूलियत हुई। 
    • AWS ने आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के साथ-साथ कोविड-19 टीकाकरण के लिये  Cowin प्रणाली को भी संचालित किया। 
  • भारत का क्लाउड कंप्यूटिंग बाज़ार: 
    • वर्ष 2027 तक की पूर्वानुमान अवधि के दौरान भारत के क्लाउड कंप्यूटिंग बाज़ार के 28.1% बढ़ने की उम्मीद है।
    • भारत में क्लाउड कंप्यूटिंग की ओर तेज़ी से बढ़ रहे छोटे और मध्यम व्यवसायों की सघनता और बढ़ती संख्या बाज़ार के लिये प्रमुख कारक के रूप में उभर रही है।
    • इसके अलावा क्लाउड डेटा केंद्रों के निर्माण की दिशा में बढ़ते निवेश से भारत के क्लाउड कंप्यूटिंग बाज़ार को काफी प्रोत्साहन मिलने की आशा है।

भारत में स्टार्टअप्स की स्थिति:

  • परिचय: 
    • कुल स्टार्टअप में से 49% स्टार्टअप टियर-2 और टियर-3 शहरों से हैं।
    • भारत सितंबर 2022 तक 107 यूनिकॉर्न की मेज़बानी कर रहा है, जिसकी कुल कीमत 340.79 बिलियन अमेरिकी डॉलर है।
    • बेन एंड कंपनी (Bain and Company) द्वारा प्रकाशित इंडिया वेंचर कैपिटल/उद्यम पूंजी  रिपोर्ट 2021 के अनुसार, संचयी स्टार्टअप की संख्या 2012 से 17% की CGAR से बढ़ी है और 1,12,000 के आँकड़े को पार कर गई है।
  • स्टार्टअप हेतु विकास कारक और चुनौतियाँ:
    • नवोन्मेष पर कम ज़ोर देना: भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यावसायिक प्रशिक्षण और उद्योग के अनुभव का अभाव है जो छात्रों को नवोन्मेष करने से वंचित रखता है। नतीजतन, यह भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली को अनुसंधान एवं विकास के मामले में पीछे छोड़ देता है।
    • पहचान की कमी: चूंँकि लगभग 70% भारतीय आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है जो अभी भी विश्वसनीय इंटरनेट पहुंँच से वंचित है। नतीजतन, कई गांँव-आधारित स्टार्टअप बिना मान्यता प्राप्त हैं और सरकारी वित्तपोषण पहल से वंचित रह जाते हैं।
    • बूटस्ट्रैप्ड नेचर/प्रकृति: स्टार्ट-अप को चलाने के लिये कार्यशील पूंजी की एक महत्त्वपूर्ण राशि की आवश्यकता होती है। भारत में कई स्टार्टअप, विशेष रूप से शुरुआती चरणों में बूटस्ट्रैप्ड हैं, यानी संस्थापकों की अपनी बचत के माध्यम से स्व-वित्तपोषित, क्योंकि घरेलू वित्तपोषण सीमित होता है।
    • स्केलेबिलिटी की चिंता: भारत में छोटे स्टार्टअप के ग्राहकों की सीमित संख्या है और वे केवल कुछ क्षेत्रों तक ही सीमित हैं, जहाँ वे स्थानीय भाषा एवं स्थानीय लोगों को जानते हैं।
    • अंतरिक्ष क्षेत्र में सीमांत पैठ: फिनटेक और ई-कॉमर्स में भारतीय स्टार्टअप असाधारण रूप से अच्छा कार्य कर रहे हैं, लेकिन अंतरिक्ष स्टार्टअप आउटलेयर बने हुए हैं।
      • विश्व स्तर पर अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था का मूल्य 440 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसमें भारत की 2% से कम हिस्सेदारी है।

स्टार्टअप से संबंधित सरकार की प्रमुख पहलें:

  • स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम (SISFS): यह योजना स्टार्टअप्स को उनकी अवधारणा को प्रमाणित करने, प्रोटोटाइप विकसित करने, उत्पादों का परीक्षण करने और बाज़ार में प्रवेश हेतु मदद करने के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 
  • राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार: यह कार्यक्रम नवाचार और प्रतिस्पर्द्धा को बढ़ावा देकर आर्थिक गतिशीलता में योगदान करने वाले उत्कृष्ट स्टार्टअप और पारिस्थितिक तंत्र को चिह्नित करता है और उन्हें पुरस्कृत करता है।
  • SCO स्टार्टअप फोरम: शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के सदस्य देशों में स्टार्टअप पारितंत्र के विकास और सुधार के साधन के रूप में अक्तूबर 2020 में स्थापित SCO स्टार्टअप फोरम अपनी तरह का पहला प्रयास है। 
  • प्रारंभ: ‘प्रारंभ’ शिखर सम्मेलन का उद्देश्य दुनिया भर के स्टार्टअप्स और युवा प्रतिभाओं को नए विचार, नवाचार एवं आविष्कार के साथ आने के लिये एक मंच प्रदान करना है। 

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, पिछले वर्ष के प्रश्न (PYQs)  

प्रश्न. उद्यम पूंजी का क्या अर्थ है? (2014) 

(a) उद्योगों को प्रदान की गई एक अल्पकालिक पूंजी
(b) नए उद्यमियों को प्रदान की गई दीर्घकालिक स्टार्टअप पूंजी 
(c) घाटे के समय में उद्योगों को दिया जाने वाला धन
(d) उद्योगों के प्रतिस्थापन और नवीकरण के लिये प्रदान किया गया धन

उत्तर : (b) 

व्याख्या : 

  • वेंचर कैपिटल नए या बढ़ते व्यवसाय के लिये फंड का एक रूप है। यह आमतौर पर उद्यम पूंजी फर्मों से आती है जो उच्च जोखिम वाले वित्तीय पोर्टफोलियो बनाने में विशेषज्ञ हैं।
  • वेंचर कैपिटल के साथ वेंचर कैपिटल फर्म स्टार्टअप में इक्विटी के बदले स्टार्टअप कंपनी को फंडिंग प्रदान करती है।
  • जो लोग इस पैसे का निवेश करते हैं उन्हें वेंचर कैपिटलिस्ट (VC) कहा जाता है। उद्यम पूंजी निवेश को जोखिम पूंजी या ज़ोखिम पूंजी के रूप में भी संदर्भित किया जाता है, क्योंकि इसमें उद्यम सफल नहीं होने पर धन खोने का जोखिम होता है और निवेश की संवृद्धि के लिये मध्यम से लंबी अवधि लगती है।
  • अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।

स्रोत: द हिंदू