सरकार की भारत में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये बजट बढ़ाने की योजना | 06 Jan 2018

चर्चा में क्यों? 
भारत सरकार अगले महीने केंद्रीय बजट में पर्यटन के ज़रिये रोज़गार बढ़ाने और अर्थव्यवस्था को गति देने के लिये यात्रा और पर्यटन पर करों में कटौती करने तथा 210 बिलियन डालर के इस क्षेत्र को अधिक प्रोत्साहन देने की योजना बना रही है।

अर्थव्यवस्था के विकास में पर्यटन का महत्त्व:

  • करों में छूट देने से देश के पर्यटन क्षेत्र का तेज़ी से विकास होगा, क्योंकि निम्न मुद्रास्फीति और आय में हो रही बढ़ोतरी से भारतीय मध्यवर्ग की जीवन शैली बदल रही है। आय के स्तर में वृद्धि, बेहतर बुनियादी ढांचे,  परिवहन एवं संचार के बेहतर साधन और यात्रा के साथ रहने में आसानी ने भारत में पर्यटन को बढ़ावा दिया है।
  • पर्यटन को आर्थिक विकास और रोज़गार सृजन का एक सशक्त माध्यम माना जाता है। पर्यटन क्षेत्र देश के शीर्ष सेवा उद्योगों में से एक है। इसका महत्त्व आर्थिक विकास और विशेष तौर पर देश के दूर दराज के क्षेत्रों में रोज़गार सृजन का एक माध्यम होने में है।
  • पर्यटन उद्योग कि एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष देश में जिन नए मार्गों पर विमान सेवा की शुरुआत की गई है, वहाँ पर ट्रैफिक एवं पर्यटन सेवा में वृद्धि हुई है।
  • देश के सकल घरेलू उत्पाद में पर्यटन की हिस्सेदारी लगभग 6 प्रतिशत है और देश में करीब 5 करोड़ लोग प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन क्षेत्र के रोज़गार में लगे हुए हैं।
  • देश  में कम दक्षता और अर्द्धदक्षता वाले श्रमिकों को रोज़गार प्रदान करने वाला दूसरा बड़ा क्षेत्र पर्यटन को माना है। इस क्षेत्र में काम करने वालों में लगभग 70 प्रतिशत महिलाएं है।
  • पर्यटन से होने वाली विदेशी मुद्रा की आय से देश की अर्थव्यवस्था को काफी मदद मिलती है।

सरकार द्वारा पर्यटन के विकास के लिये किये जा रहे उपाय:

  • पर्यटन मंत्रालय देश में पर्यटन के विकास और संवर्धन के लिये नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है। यह पर्यटन मूल संरचना में गुणवत्ता में सुधार लाने के लिये राज्‍य/संघ राज्‍य क्षेत्र की सरकारों और निजी क्षेत्रक के लिये राष्‍ट्रीय नीति तैयार करने और कार्यक्रम बनाने तथा उनके प्रयासों का समन्‍वयन करने एवं अनुपूरित करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • मंत्रालय अनके नीतिगत पहलें और प्रोत्‍साहन दे रहा है ताकि पर्यटन क्षेत्र का विकास तेज़ किया जा सके और विश्‍व भर से निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। इनमें से अति महत्त्वपूर्ण राष्‍ट्रीय पर्यटन नीति (इसे वर्ष 2002 में तैयार किया गया) है, जिसका लक्ष्‍य क्रमबद्ध तरीके से भारत में पर्यटन का विकास करना है। 
  • भारत विश्व के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से एक है। इसीलिये भारतीय पर्यटन विभाग ने सितंबर 2002 में 'अतुल्य भारत' नाम से एक नया अभियान शुरू किया था।
  • अतुल्य भारत (Incredible India) भारतीय पर्यटन विभाग एक अभियान है, जो देश-विदेश में भारत का प्रतिनिधित्व करता है। इस अभियान का उद्देश्य भारतीय पर्यटन को वैश्विक मंच पर पदोन्नत करना।
  • 2017-18 के आम बजट में पर्यटन और अतिथि सत्कार को बढ़ावा देने के लिये कई कदम उठाए गए, जिनमें पाँच पर्यटन जोन की स्थापना, विशेष तीर्थाटन या पर्यटन ट्रेन तथा अतुल्य भारत अभियान की वैश्विक स्तर पर शुरुआत आदि शामिल हैं।
  • धार्मिक और आध्यात्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने की योजना के तहत पर्यटन मंत्रालय ने सूफी,सिख और जैन सर्किटों की तर्ज पर 12 वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान बौद्ध देशों से विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिये बौद्ध सर्किट के विकास की योजना बनाई है।
  • देश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में फैली गंदगी दुनिया की नजरों में भारत को एक आकर्षक पर्यटक क्षेत्र के रूप में प्रस्तुत करने में आड़े आती है। बड़ी संख्या मे पश्चिमी देशों के पर्यटक सिर्फ इसलिये भारत आना पसंद नहीं करते क्योंकि यहाँ चारों तरफ गंदगी रहती है। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए पर्यटन मंत्रालय ने पिछले वर्ष देश भर में बड़े पैमाने पर स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया है।
  • घरेलू और विदेशी पर्यटन को बढ़ावा देने की दिशा में अन्य योजनाओं के साथ उड़ान योजना भी काफी लंबा सफर तय करेगी।

निष्कर्ष:
भारत में विशिष्‍ट जैव-विविधता वन नदियाँ, पहाड़ों, ऐतिहासिक स्‍थानों, मंदिरों और तीर्थ स्‍थलों, गुफा, संग्रहालय, स्‍मारक और संस्‍कृति की भरमार होने की वजह से पर्यटन उद्योग में उच्‍च वृद्धि हासिल करने की अपार क्षमता है। इस क्षेत्रक में चुनौतियाँ इन्‍हें सफलतापूर्वक उनके मूल रूप में संरक्षण करने में है और उन्‍हें घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय यात्रियों के लिये अभिगमनीय बनाने में है। भारत विभिन्‍न श्रेणी के पर्यटन उत्‍पाद प्रदान करता है जैसे कि साहसिक पर्यटन, चिकित्‍सा पर्यटन, परिस्थितिकी पर्यटन, ग्रामीण पर्यटन, क्रूज पर्यटन बैठकें, सम्‍मेलन और प्रदर्शनी आदि।