भारत में एशिया का सबसे पुराना बाँस | 07 Oct 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में शोधकर्त्ताओं की एक अंतर्राष्ट्रीय टीम को बाँस के तनों के दो जीवाश्म प्राप्त हुए हैं जिनका नाम बम्बूसिकुलम्स तिरापेंसिस (Bambusiculmus Tirapensis) तथा बी. माकूमेंसिस (B. Makumensis) रखा गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • असम में माकुम कोयला क्षेत्र (Makum Coalfield) के तिरप खदान (Tirap mine) में पाए जाने के कारण इनका नाम बम्बूसिकुलम्स तिरापेंसिस तथा बी. माकूमेंसिस रखा गया है।
  • ये जीवाश्म लगभग 28 मिलियन साल पहले के अंतिम ओलिगोसिन काल से संबंधित हैं।
  • चीन के युन्नान प्रांत (Yunnan Province) में बाँस की सर्वाधिक विविधता पाई जाती है, लेकिन इस क्षेत्र का सबसे पुराना जीवाश्म 20 मिलियन वर्ष पुराना है।
    • इससे स्पष्ट होता है कि एशियाई बाँस भारत में पैदा हुआ था तथा उसके बाद चीन में लाया गया।
    • यह खोज इस सिद्धांत को और मज़बूत करती है कि एशिया में बाँस भारत से आया था न कि यूरोप से।
  • उन्हे बाँस के दो पत्तों के जीवाश्म भी प्राप्त हुए जो कि नई प्रजातियों बम्बूसियम डियोमैरेंस (Bambusium Deomarense) तथा बी.अरुणाचलेंस ( B. Arunachalense) से संबंधित हैं। ये लगभग 10 मिलियन वर्ष पुराने हैं।
  • अरुणाचल प्रदेश के दोइमारा क्षेत्र (Doimara Region) में पाए जाने के कारण इनका नाम बम्बूसियम डियोमैरेंस तथा बी.अरुणाचलेंस रखा गया है।

स्रोत : द हिंदू