भारत का उद्देश्य तेल उत्पादों के आयातों में कटौती करना | 25 Apr 2017

संदर्भ
भारत का उद्देश्य तेल उत्पादों के आयातों में कटौती करना है क्योंकि यह अपने परिवहन क्षेत्र में वैकल्पिक इंधनों(जैसे- मेथेनॉल) के प्रयोग पर विचार कर रहा है| 

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने सिंगापुर में नोमुरा द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि “ भारत उस दिन का बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है जब उसे किसी भी देश से किसी भी प्रकार के ईंधन का आयात नहीं करना पड़ेगा तथा वह आत्मनिर्भर बन जाएगा”|
  • परन्तु वैकल्पिक ईंधनों जैसे एलएनजी के वितरण और उपलब्धता की चुनौतियों के कारण परिवहन मंत्री ने इस उद्देश्य के पूरा होने की कोई भी समय-सीमा निर्धारित नहीं की है|
  • वर्तमान में ऑटो रिक्शा चालक एलपीजी(द्रव पेट्रोलियम गैस) का उपयोग कर रहे हैं| एलएनजी(द्रव प्राकृतिक गैस) महत्त्वपूर्ण है परन्तु एलएनजी की उपलब्धता और उसका वितरण एक बड़ी चुनौती है| भारत को इसका विकास करना होगा|
  • वस्तुतः भारत जैवभार, बाँस और कपास की पुआल से दूसरी पीढ़ी के एथेनॉल के उत्पादन के लिये 15 फैक्ट्रियों को आरंभ करने की भी योजना बना रहा है चूँकि बाँस जनजातीय क्षेत्रों से भी आसानी से उपलब्ध हो जाता है, भारत का दृष्टिकोण लागत प्रभावी, और प्रदूषण मुक्त वैकल्पिक ईंधन का उत्पादन करना है|
  • सरकारी आँकड़ों के अनुसार,भारत ने अप्रैल 2016 से फरवरी 2017 तक लगभग 33 मिलियन टन तेल उत्पादों का आयात किया था| इतना ही आयात भारत ने इससे एक वर्ष पूर्व इसी समयावधि के दौरान किया था| भारत द्वारा सर्वाधिक आयातित उत्पाद पेट्रोलियम, कोक और एलपीजी हैं|

निष्कर्ष
भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता है| अनुमान है कि भारत के ऊर्जा उपभोग में और वृद्धि होगी क्योंकि भारत ने इस वित्त वर्ष के लिये 8-9% की आर्थिक वृद्धि का लक्ष्य रखा है| आर्थिक वृद्धि का यह लक्ष्य पिछले वित्तीय वर्ष(7%) की तुलना में अधिक है| कार्बन फुटप्रिंट में कटौती लाने के लिये भारत अपनी मिश्रित ऊर्जा में प्राकृतिक गैस के उपयोग में वृद्धि ( वर्तमान में 6.5% की तुलना में 3-4 वर्ष पश्चात 15%)करना चाहता है| भारत एलएनजी बंकर बंदरगाहों(LNG bunker ports )का विकास कर रहा है तथा अपने विद्युत वाहन बेड़े का विकास करने की भी योजना बना रहा है|