भारत के 7 नए प्राकृतिक धरोहर स्थल यूनेस्को की सूची में शामिल | 20 Sep 2025

स्रोत: DD 

चर्चा में क्यों?

भारत ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों (WHS) की अस्थायी सूची में सात नए प्राकृतिक स्थलों को शामिल किया है, जिससे कुल संख्या अब 69 (जिसमें 49 सांस्कृतिक, 17 प्राकृतिक और 3 मिश्रित स्थल शामिल) हो गई है। यह देश की अपनी समृद्ध प्राकृतिक और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची क्या है? 

  • परिचय: यह यूनेस्को विश्व धरोहर नामांकन की दिशा में पहला कदम है। देश अपनी विशिष्ट वैश्विक महत्त्व की सांस्कृतिक या प्राकृतिक स्थलों की पहचान करते हैं और नामांकन से कम-से-कम एक वर्ष पहले उन्हें यूनेस्को को प्रस्तुत करते हैं। 
    • केवल अस्थायी सूची में शामिल स्थलों पर ही पूर्ण अभिलेखन के लिये विचार किया जा सकता है। भारत में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) इन नामांकनों को संकलित और प्रस्तुत करता है। 
  • भारत के शामिल हुए नए स्थल 
    • महाराष्ट्र के पंचगनी और महाबलेश्वर स्थित डेक्कन ट्रैप: विश्व के कुछ सर्वोत्तम संरक्षित और अध्ययन किये गए लावा प्रवाहों का का स्थान, ये स्थल विशाल डेक्कन ट्रैप का हिस्सा हैं और उस कोयना वन्यजीव अभयारण्य के भीतर स्थित हैं जो पहले से ही यूनेस्को विश्व विरासत स्थल है। 
    • कर्नाटक में सेंट मैरी द्वीप समूह की भूवैज्ञानिक विरासत: अपनी दुर्लभ स्तंभाकार बेसाल्टिक चट्टान संरचनाओं के लिये जाना जाने वाला, यह द्वीप समूह उत्तर क्रेटेशियस काल का है, जो लगभग 101 से 66 मिलियन वर्ष पूर्व का भूवैज्ञानिक चित्रण प्रस्तुत करता है। 
    • मेघालय में मेघालय युग की गुफाएँ: मेघालय की आश्चर्यजनक गुफा प्रणालियाँ, विशेष रूप से माव्लुह गुफा, होलोसीन युग (पृथ्वी के इतिहास के अब तक के अंतिम 11,000 वर्ष) में मेघालय युग के लिये वैश्विक संदर्भ बिंदु के रूप में कार्य करती हैं, जो महत्त्वपूर्ण जलवायु और भू-वैज्ञानिक परिवर्तनों को दर्शाती हैं। 
    • नगालैंड की नागा हिल ओफियोलाइट: ओफियोलाइट चट्टानों का एक दुर्लभ प्रदर्शन, ये पहाड़ियाँ महाद्वीपीय प्लेटों पर उभरी हुई महासागरीय परत का प्रतिनिधित्व करती हैं, जो टेक्टोनिक प्रक्रियाओं और मध्य-महासागरीय रिज की गतिशीलता की गहरी अंतर्दृष्टि प्रदान करती हैं। 
    • आंध्र प्रदेश में एर्रा मट्टी डिब्बालु (लाल रेत की पहाड़ियां): विशाखापत्तनम के पास ये आकर्षक लाल रेत की संरचनाएँ अद्वितीय पुरा-जलवायु और तटीय भू-आकृति विज्ञान संबंधी विशेषताओं को दर्शाती हैं जो पृथ्वी के जलवायु इतिहास और गतिशील विकास को प्रकट करती हैं। 
      • एर्रा मट्टी डिब्बालु को वर्ष 2016 में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) द्वारा जियोहेरिटेज स्मारक घोषित किया गया था। 
    • आंध्र प्रदेश में तिरुमाला पहाड़ियों की प्राकृतिक विरासत: एपार्चियन नादुरुस्ती (अनकन्फॉर्मिटी) और प्रतिष्ठित सिलाथोरनम (प्राकृतिक मेहराब) की विशेषता वाला यह स्थल अत्यधिक भूवैज्ञानिक महत्त्व रखता है। यह पृथ्वी के 1.5 अरब वर्षों से अधिक के इतिहास का प्रतिनिधित्व करता है। 
      • वे शेषचलम बायोस्फीयर रिज़र्व और वेंकटेश्वर राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा हैं। 
    • वर्कला चट्टानें, केरल: केरल के समुद्र तट के किनारे की चट्टानें, प्राकृतिक झरनों और अद्भुत अपरदनकारी भू-आकृतियों के साथ-साथ, मायो-प्लायोसीन युग (Mio-Pliocene age) युग की वर्कली संरचना को उजागर करती हैं, जो वैज्ञानिक तथा पर्यटन दोनों दृष्टि से महत्त्वपूर्ण हैं। 

विश्व धरोहर स्थल

  • विश्व विरासत स्थल उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य के स्थल हैं जिन्हें भावी पीढ़ियों के लिये संरक्षा और संरक्षण हेतु मान्यता प्राप्त है। ये सांस्कृतिक, प्राकृतिक या मिश्रित हो सकते हैं और UNESCO के सदस्य देशों द्वारा अपनाए गए वर्ष 1972 के विश्व विरासत सम्मेलन/कन्वेंशन के अंतर्गत संरक्षित हैं। 
  • UNESCO विश्व धरोहर समिति विश्व धरोहर कार्यक्रम के माध्यम से इस सूची का रखरखाव करती है। भारत ने वर्ष 1977 में इस कन्वेंशन का अनुसमर्थन किया था। 
  • भारत में विश्व धरोहर स्थल: सितंबर 2025 तक भारत में UNESCO द्वारा मान्यता प्राप्त 44 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें भारत के मराठा सैन्य परिदृश्य को 44वें स्थल के रूप में अंकित किया गया है।

UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न (PYQ) 

प्रिलिम्स

प्रश्न. यूनेस्को (UNESCO) द्वारा जारी विश्व धरोहर सूची में शामिल की गई निम्नलिखित संपत्तियों पर विचार कीजिये: (2024) 

  1. शांतिनिकेतन 
  2.  रानी-की-वाव 
  3.  होयसला के पवित्र मंदिर समूह 
  4.  बोधगया स्थित महाबोधि मंदिर परिसर 

उपर्युक्त में से कितनी संपत्तियों को वर्ष 2023 में शामिल किया गया ? 

(a) केवल एक 
(b) केवल दो 
(c) केवल तीन 
(d) सभी चार 

उत्तर: (b)

मेन्स:

प्रश्न. भारतीय कला विरासत का संरक्षण वर्तमान समय की आवश्यकता है। विवेचना कीजिये। (2018) 

प्रश्न. भारतीय दर्शन एवं परंपरा ने भारतीय स्मारकों की कल्पना और आकार देने में एवं उनकी कला में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। विवेचना कीजिये। (2020)