सिंधु घाटी सभ्यता की स्वतंत्र वंशावली | 10 Sep 2019

चर्चा में क्यों?

हरियाणा स्थित हड़प्पा स्थल ‘राखीगढ़ी’ के कब्रिस्तान की खुदाई से निकले कंकाल के DNA (DeoxyriboNucleic Acid) पर किये गए अध्ययन के अनुसार, सिंधु घाटी सभ्यता के लोगों की एक स्वतंत्र वंशावली है।

Rakhigarhi

प्रमुख बिंदु

  • इस अध्ययन ने हड़प्पावासियों की वंशावली के स्टेपी क्षेत्र के पशुपालकों (Steppe Pastoral) या प्राचीन ईरानी किसानों (Ancient Iranian Farmer Ancestry) से संबंधित होने की पूर्व अवधारणा को अस्वीकार कर दिया गया है।
  • अध्ययन के अनुसार, इन कंकालों के DNA में स्टेपी क्षेत्र या प्राचीन ईरानी किसानों की वंशावली से संबंधित कोई भी जीनोम (Genome) नहीं है।
  • यह अध्ययन दक्षिण एशिया के बाहर से हड़प्पा काल के दौरान हुए सामूहिक प्रवास (Mass Migration) की परिकल्पना को भी अस्वीकार करता है।
  • इसके अनुसार, शिकारी व संग्राहक जीवन से उतरोत्तर समय तक किये गए DNA परीक्षण के परिणामों में आनुवंशिक निरंतरता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। कालांतर में यही शिकारी व संग्राहक समुदाय (Hunter-Gatherers) कृषि समुदाय में परिवर्तित हुआ और हड़प्पा सभ्यता की शुरुआत हुई।
  • शोधकर्त्ताओं द्वारा दिये गए निष्कर्ष के अनुसार, दक्षिण एशिया में कृषि की शुरुआत का कारण पश्चिम से भारतीय उपमहाद्वीप में प्रवास नहीं था, अपितु सिंधु सभ्यता के लोगों ने स्वयं कृषि संस्कृति विकसित की थी।
  • शोधकर्त्ताओं द्वारा दिये गए निष्कर्ष के अनुसार, हड़प्पा के लोगों की उपस्थिति तुर्कमेनिस्तान के गोनूर और ईरान में सहर-ए-सोख्ता जैसी जगहों पर भी पाई गई है जिससे पता चलता है कि पूर्व से पश्चिम तक लोगों की आवाजाही थी।
  • दक्षिण एशिया में 4000 वर्ष पूर्व इंडो-यूरोपियन भाषाओं को लाने वाले स्टेपी पशुपालकों के आगमन से पहले तक बड़े पैमाने पर मानवीय गतिविधियों का कोई प्रमाण नहीं मिलता है।

कृषि की उत्पत्ति

  • प्राचीन-DNA अध्ययनों से पता चलता है कि यूरोप में आधुनिक तुर्की स्थित अनातोलिया में वंश परंपरा की शुरुआत के साथ कृषि व्यवस्था का प्रसार हुआ।
  • नए अध्ययन में ईरान और तूरान (दक्षिणी मध्य एशिया) में एक समान मानवीय गतिविधियों दिखायी पड़ती है। यहाँ शोधकर्त्ताओं ने पाया कि अनातोलिया-संबंधित वंश और कृषि प्रसार यहाँ एक ही समय में हुआ था।

सिंधु घाटी सभ्यता (Indus Valley Civilisation-IVC)

  • यह हड़प्पा सभ्यता के नाम से भी प्रसिद्ध है।
  • लगभग 2,500 ईसा पूर्व में यह समकालीन पाकिस्तान और पश्चिमी भारत में विकसित हुई।
  • सिंधु घाटी सभ्यता चार प्राचीन शहरी सभ्यताओं यथा; मिस्र, मेसोपोटामिया, भारत और चीन की में सबसे बड़ी थी।
  • वर्ष 1920 के दशक में भारतीय पुरातत्त्व विभाग (Indian Archeological Department) ने सिंधु घाटी में खुदाई की जिसमें दो पुराने शहरों मोहनजोदाड़ो और हड़प्पा के खंडहर का पता चला।

स्रोत: द हिंदू