बाघों में बढ़ता मानसिक तनाव | 16 Jul 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह पाया गया है कि बांधवगढ़, कान्हा और सरिस्का राष्ट्रीय उद्यानों के बाघ (Tigers) पर्यटन के कारण मानसिक तनाव से ग्रसित हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • यह अध्ययन हैदराबाद स्थित कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र (The Centre for Cellular & Molecular Biology-CCMB) द्वारा किया गया।
  • अध्ययन में यह भी सामने आया कि बाघों के मध्य बढ़ रहा यह तनाव उनकी प्रजनन क्षमता को भी प्रभावित कर रहा है।
  • अध्ययन के अंतर्गत शोधकर्त्ताओं ने वहाँ मौजूद सभी बाघों के पर्यटन सीज़न और गैर-पर्यटन सीज़न के नमूने एकत्रित किये और उनकी अलग-अलग जाँच की। जाँच के नतीज़ों से यह स्पष्ट हुआ कि 8-9 महीने की पर्यटन अवधि के दौरान बाघों का तनाव स्तर बहुत अधिक था।
  • अध्ययन से जुड़े एक शोधकर्त्ता के अनुसार, उन्होंने राष्ट्रीय उद्यानों में प्रवेश करने वाली गाड़ियों और बाघों के मध्य बढ़ रहे तनाव में सह-संबंध स्थापित किया, जिससे यह सामने आया कि इसका प्रमुख कारण राष्ट्रीय उद्यानों का पर्यावरण ही है।

कोशिकीय एवं आणविक जीवविज्ञान केंद्र:

  • सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बॉयोलॉजी (The Centre for Cellular & Molecular Biology-CCMB) आधुनिक जीव विज्ञान के क्षेत्र में एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है।
  • CCMB की शुरुआत 1 अप्रैल, 1977 को एक अर्ध-स्वायत्त संस्थान के रूप में की गई थी।
  • CCMB के प्रमुख उद्देश्य:
    • आधुनिक जीव विज्ञान के क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान का संचालन करना।
    • जीव विज्ञान के अंतर-अनुशासनात्मक क्षेत्रों में नई और आधुनिक तकनीकों के लिये केंद्रीकृत राष्ट्रीय सुविधाओं को बढ़ावा देना।

निष्कर्ष

  • CCMB द्वारा किया गया यह अध्ययन देश के राष्ट्रीय उद्यानों को वाहनों के आवागमन और अन्य मानवीय बाधाओं से बचाने के लिये सख्त नियमों के निर्माण की सिफारिश करता है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस