गुजरात में कम प्रदूषणकारी उद्योगों को प्रोत्साहन | 06 Jun 2019

चर्चा में क्यों?

विश्व पर्यावरण दिवस (5 जून) के अवसर पर गुजरात सरकार ने वायु प्रदूषण को कम करने के लिये एक बाजार-आधारित व्यापार प्रणाली (Market-Based Trading System) की शुरुआत की है। उल्लेखनीय है कि सरकार ने प्रदूषण के उत्सर्जन के लिये एक सीमा (Cap) निर्धारित की है। साथ ही इसके दायरे में रहने के लिये परमिट खरीदने और बेचने की अनुमति दी है।

प्रमुख बिंदु

  • उत्सर्जन कारोबार कार्यक्रम (Emissions Trading Programme) को उत्सर्जन, उद्योग लागत और नियामक लागतों पर इसके प्रभावों को समझने के लिये प्रयोगात्मक परीक्षण के तौर पर किया जा रहा है।
  • इस प्रणाली के अंतर्गत सरकार द्वारा उत्सर्जन पर अधिकतम सीमा तय की गई है तथा उद्योगों को इस सीमा के नीचे रहने के लिये परमिट खरीदने और बेचने की अनुमति भी प्रदान की गई है।
  • कणिका वायु प्रदूषण (Particulate Air Pollution) को रोकने के लिये भारत सहित दुनिया का यह प्रथम कारोबारी कार्यक्रम (Trading Programme) है जिसे सूरत में शुरू किया गया है।
  • सूरत एक घनी आबादी वाला औद्योगिक केंद्र है जहाँ कपड़ा और डाई मिलें वायु प्रदूषण की बड़ी मात्रा का उत्सर्जन करती हैं।
  • आने वाले समय में इस कार्यक्रम को भारत के अन्य हिस्सों के लिये वायु प्रदूषण को कम करने और ‘मज़बूत आर्थिक विकास’ हेतु एक मॉडल के रूप में उपयोग किये जाने की उम्मीद है।
  • गुजरात प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Gujarat Pollution Control Board- GPCB) ने EPIC (Electronic Portfolio of International Credentials) और अन्य संस्थानों जैसे- हार्वर्ड कैनेडी स्कूल (Harvard Kennedy School), येल विश्वविद्यालय (Yale University) और अब्दुल लतीफ जमील पॉवर्टी एक्शन लैब (Abdul Latif Jameel Poverty Action Lab) के शोधकर्त्ताओं के साथ मिलकर कार्यक्रम के लाभों और लागतों का मूल्यांकन किया है।

कैप एंड ट्रेड सिस्टम (Cap And Trade System)

  • इस प्रणाली में विनियामक द्वारा सर्वप्रथम किसी निश्चित अवधि में सभी उद्योगों के लिये वायु प्रदूषण उत्सर्जन की अधिकतम सीमा (Cap) तय की जाती है।
  • इसके बाद परमिट सृजित किया जाता है जिसमें प्रत्येक को कुछ सीमा तक प्रदूषण उत्सर्जन की अनुमति होती है तथा कुल परमिट अधिकतम तय प्रदूषण उत्सर्जन के बराबर होता है।
  • सामान्यतः यह परमिट एक संख्या में होता है जिसे खरीदा या बेचा जा सकता है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस