भारत मौसम विज्ञान विभाग का पूर्वानुमान | 07 Aug 2020

प्रीलिम्स के लिये:

भारत मौसम विज्ञान विभाग, ला नीना, एल-नीनो

मेन्स के लिये:

भारतीय मानसून पर ला नीना, एल-नीनो का प्रभाव 

चर्चा में क्यों? 

भारत मौसम विज्ञान विभाग (India Meteorological Department- IMD) के अनुसार , मानसून के उत्तरार्ध में दीर्घावधि औसत वर्षा के 104% होने की संभावना व्यक्त की गई है। यह  औसत वर्षा,  वर्षा की "सामान्य" सीमा के अंतर्गत आती है।

प्रमुख बिंदु:

  • दीर्घावधि औसत (Long Period Average-LPA): यह जून से सितंबर माह के दौरान दर्ज की गई वर्षा की औसत मात्रा है जिसकी गणना 50 वर्ष की अवधि के दौरान की जाती है तथा हर वर्ष मानसून के मौसम के लिये वर्षा की मात्रा का पूर्वानुमान लगाने के लिये इसे एक बेंचमार्क के रूप में रखा जाता है।
    • भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा देश के प्रत्येक समान क्षेत्र के लिये वर्षा का एक स्वतंत्र दीर्घावधि औसत (Long Period Average) निर्धारित किया गया है जिसकी निर्धारित सीमा 71.6 सेमी से 143.83 सेमी तक है।
  • भारत मौसम विज्ञान विभाग द्वारा अखिल भारतीय स्तर पर वर्षा की मात्रा के आधार पर पाँच वर्षा वितरण श्रेणियाँ (Rainfall Distribution Categories) निर्धारित की गई है जो इस प्रकार है-
    • सामान्य/सामान्य के लगभग (Normal or Near Normal): जब वास्तविक वर्षा का प्रतिशत स्तर  वर्षा के LPA का +/- 10% हो,  अर्थात LPA के 96-104% के मध्य।
    • सामान्य से कम (Below Normal): जब वास्तविक वर्षा का स्तर LPA के 10% से कम हो अर्थात LPA का 90-96% के मध्य।
    • सामान्य से अधिक (Above Normal): जब वास्तविक वर्षा LPA का 104-110% हो।
    • कमी (Deficient): जब वास्तविक वर्षा का स्तर LPA के 90% से कम हो।
    • आधिक्य (Excess): जब वास्तविक वर्षा का स्तर LPA के 110% से अधिक हो।.
  • इस वर्ष मानसून के उत्तरार्द्ध में वर्षा की मात्रा के बढ़ने के कारणों में ला नीना जैसी स्थितियों को ज़िम्मेदार माना जा रहा है। 
    • ला नीना (La Nina) एक जलवायु पैटर्न (Climate Pattern) है जिसमे पूर्व-मध्य इक्वेटोरियल प्रशांत (East-Central Equatorial Pacific) में  समुद्री सतह  का औसत तापमान कम हो जाता है
    • ला नीना, एल नीनो (El Nino) के समान ही एक प्रकार की परिघटना है जिसका प्रभाव अल नीनो के विपरीत होता है।

भारत मौसम विज्ञान विभाग:

  • IMD की स्थापना वर्ष 1875 में की गई थी।
  • यह भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एक एजेंसी है।
  • यह मौसम संबंधी जानकारियों, मौसम पूर्वानुमान तथा भूकंपीय विज्ञान से संबंधित  प्रमुख  एजेंसी है।

स्रोत: द हिंदू