विंडरश स्कीम | 15 Jun 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ब्रिटिश सरकार ने विंडरश स्कैंडल (Windrish Scandal) के लिये एक बार और व्यक्तिगत रूप से माफी मांगते हुए विंडरश आव्रजन मामले में सैकड़ों भारतीयों की ब्रिटिश नागरिकता की पुष्टि की है।

प्रमुख बिंदु

  • इसमें प्रवासियों को उनकी ब्रिटिश नागरिकता से गलत तरीके से वंचित किया गया था एवं जिससे सैकड़ों भारतीय प्रभावित हुए थे।
  • विंडरश पीढी (Windrush Generaton) के अंतर्गत वे लोग आते हैं जो ब्रिटिश उपनिवेशों के नागरिक थे और वर्ष 1973 के पहले ब्रिटेन उस समय आए थे, जब आव्रजन नियमों को बदला गया था। जबकि, अन्य पारिवारिक सदस्य जो बाद में आए उन्हें भी ‘विंडरश पीढी’ कहा गया।
  • ब्रिटिश सरकार की इस आव्रजन नीति के कारण सर्वाधिक संख्या में जमैका / कैरेबियन मूल के लोग प्रभावित हुए थे जो विंडरश जहाज़ (Windrush) से ब्रिटेन आए थे साथ ही भारतीयों सहित अन्य दक्षिण एशियाई भी इससे अछूते नहीं थे।
  • नई जानकारी के अनुसार,सरकार ने पुष्टि की है कि 30 अप्रैल, 2019 तक , टास्कफोर्स द्वारा 6,470 व्यक्तियों को कुछ दस्तावेज संबंधी फॉर्म दिये गए हैं। साथ ही सरकार ने कैरेबियाई मूल के उन लोगों को 46 पत्र भी लिखे हैं जिन्हें गलत तरीके से अवैध प्रवासी घोषित किया गया था।
  • ब्रिटिश सरकार के गृह कार्यालय (Home Office) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है, "विंडरश पीढ़ी द्वारा की गई गलतियों से सबक लेते हुए, गृह मंत्रालय ने कॉमनवेल्थ सिटीज़न टास्कफोर्स (Commonwealth Citizen Taskforce) की स्थापना की एवं अप्रैल 2019 में एक हर्ज़ाना स्कीम प्रारंभ की। जो सभी राष्ट्रों के नागरिकों के लिये है।

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'विंडरश स्कीम'

स्रोत- द हिंदू बिज़नेस लाइन