राज्य सरकारों के राजस्व में गिरावट | 14 May 2020

प्रीलिम्स के लिये

गैर-कर राजस्व, COVID-19

मेन्स के लिये

भारतीय अर्थव्यवस्था पर COVID-19 का प्रभाव, COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों से निपटने के प्रयास 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में COVID-19 की रोकथाम हेतु देशभर में लागू लॉकडाउन के कारण देश के अधिकांश राज्यों के राजस्व में भारी गिरावट देखने को मिली है।

प्रमुख बिंदु:

  • क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ‘इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च (फिच समूह)’ {India Ratings and Research (Fitch Group)} के अनुमान के अनुसार, देश में लागू लॉकडाउन के कारण केवल अप्रैल  (वर्ष 2020) माह में ही  21 राज्यों को संयुक्त रूप से कुल 97,100 करोड़ रुपए के राजस्व का नुकसान हुआ है।  
  • देश में COVID-19 महामारी के कारण केंद्र और राज्य सरकारें की आय में गिरावट हुई है परंतु वर्तमान में COVID-19 से उत्पन्न चुनौतियों और इस महामारी के नियंत्रण पर होने वाले भारी खर्च से राज्यों की समस्याएँ और अधिक बढ़ गई हैं।  

राजस्व में आई गिरावट के कारण: 

  • देश में COVID-19 के नियंत्रण हेतु लागू लॉकडाउन के कारण औद्योगिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद करना पड़ा है। 
  • सार्वजनिक आवाजाही और पर्यटन की गतिविधियों पर रोक से होटल, परिवहन आदि क्षेत्रों से आने वाला राजस्व प्रभावित हुआ है।
  • हालाँकि लॉकडाउन के दौरान भी लगभग 40% ‘अतिआवश्यक’ श्रेणी की व्यावसायिक गतिविधियों को चालू रखने की अनुमति दी गई थी, परंतु  मज़दूरों के पलायन, आपूर्ति श्रृंखला (Supply Chain) और परिवहन के प्रभावित होने आदि कारणों से अपेक्षित राजस्व की प्राप्ति नहीं की जा सकी।
  • लॉकडाउन के कारण उन राज्यों पर और अधिक प्रभाव पड़ा है जिनकी अर्थव्यवस्था में स्थानीय राजस्व की भूमिका अधिक थी।
    • उदाहरण के लिये गुजरात, तेलंगाना, हरियाणा, कर्नाटक और तमिलनाडु राज्य जिनका 70% से अधिक राजस्व स्थानीय स्रोतों से प्राप्त होता है, उन्हें लॉकडाउन से सबसे अधिक आर्थिक क्षति हुई है।
    • इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र और केरल के कुल राजस्व का लगभग 70% भाग स्थानीय स्रोतों से आता है।
  • राज्य सरकारों की आय का एक बड़ा स्रोत पेट्रोलियम पदार्थों और शराब जैसे उत्पादों पर लगने वाले कर से आता है परंतु लॉकडाउन के दौरान अधिकांश उत्पादों की मांग में गिरावट या बिक्री न होने से राज्यों को आर्थिक क्षति हुई है।    

राज्य सरकारों के राजस्व के मुख्य स्रोत:

  • राज्य का अपना कर राजस्व 
  • गैर-कर राजस्व
  • केंद्रीय कर में राज्य का हिस्सा
  • केंद्र से प्राप्त अनुदान 

राज्य सरकारों के राजस्व का अधिकांश भाग 7 प्रमुख स्रोतों से प्राप्त होता है:

  • राज्य वस्तु एवं सेवा कर (State Goods and Service Tax-SGST)
  • राज्यों द्वारा लागू ‘मूल्य वर्द्धित कर’ (Value Added Tax- VAT), मुख्यतः पेट्रोलियम उत्पादों से 
  • राज्य उत्पाद शुल्क
  • स्टांप और पंजीकरण शुल्क,वाहन कर, विद्युत कर और राज्य के अपने गैर कर राजस्व 

आगे की राह: 

  • COVID-19 के कारण उत्पन्न हुई स्थितियों ने राज्यों को कड़े कदम उठाने और राजस्व बढ़ाने के नए उपायों पर विचार करने पर विवश किया है।
  • हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा लॉकडाउन में छूट दिये जाने और उद्यमों के लिये आर्थिक सहायता की घोषणा से वर्तमान स्थिति में कुछ सुधार होने का अनुमान है।
  • कुछ राज्य सरकारों ने शराब और पेट्रोलियम जैसे उत्पादों पर VAT में वृद्धि कर तात्कालिक रूप से राजस्व का प्रबंध करने का प्रयास किया है।
  • लॉकडाउन में छूट के साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) के नियमों का पालन करते हुए चरणबद्ध तरीके से औद्योगिक गतिविधियों को शुरू कर राज्य सरकारों के घाटे को कुछ सीमा तक कम किया जा सकता है।

स्रोत: द हिंदू