हबल स्पेस टेलीस्कॉप | 19 Jul 2021

प्रिलिम्स के लिये

हबल स्पेस टेलीस्कोप, ग्रेट ऑब्ज़र्वेटरीज़ प्रोग्राम, लो अर्थ ऑर्बिट

मेन्स के लिये

हबल स्पेस टेलीस्कोप का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने हबल स्पेस टेलीस्कोप (HST) पर मौजूद वैज्ञानिक उपकरणों का परिचालन पुनः शुरू कर दिया है, जबकि लगभग एक माह पूर्व पेलोड कंप्यूटर में उत्पन्न तकनीकी समस्याओं के कारण उनके काम को निलंबित कर दिया गया था।

प्रमुख बिंदु

‘हबल स्पेस टेलीस्कोप’ के विषय में

  • इस टेलीस्कोप का नाम खगोलशास्त्री एडविन हबल के नाम पर रखा गया है।
  • यह वेधशाला अंतरिक्ष में स्थापित की जाने वाली पहली प्रमुख ऑप्टिकल टेलीस्कोप है और इसने अपने प्रक्षेपण (1990 में ‘लो अर्थ ऑर्बिट’ में) के बाद से खगोल विज्ञान के क्षेत्र में अभूतपूर्व खोज की हैं।
    • इसे ‘गैलीलियो के टेलीस्कोप के बाद खगोल विज्ञान में सबसे महत्त्वपूर्ण प्रगति’ माना जाता है।
  • यह नासा के ग्रेट ऑब्ज़र्वेटरीज़ प्रोग्राम का एक हिस्सा है, जिसमें चार अंतरिक्ष-आधारित वेधशालाओं का एक समूह है और प्रत्येक वेधशाला एक अलग तरह के प्रकाश में ब्रह्मांड पर नज़र रखती है।
    • इस प्रोग्राम के अन्य मिशनों में विज़िबल-लाइट स्पिट्जर स्पेस टेलीस्कोप, कॉम्पटन गामा-रे ऑब्ज़र्वेटरी (CGRO) और चंद्र एक्स-रे ऑब्ज़र्वेटरी (CXO) भी शामिल हैं।
  • विशालकाय और बहुमुखी:
    • यह टेलीस्कोप आकार में एक स्कूल बस (13.3 मीटर) से बड़ा है और इसमें 7.9 फीट का दर्पण है।
    • यह काफी दूरी पर स्थित सितारों, आकाशगंगाओं और ग्रहों को देखकर ब्रह्मांड को समझने में खगोलविदों की मदद करने में प्रमुख भूमिका निभाता है।
  • आम लोगों के लिये सार्वजिक डेटा
    • नासा किसी भी व्यक्ति को हबल डेटाबेस प्राप्त करने की अनुमति देता है, जिसमें टेलीस्कोप द्वारा खोजी गई नई आकाशगंगा, नए सितारों, सौरमंडल और ग्रहों, असामान्य अंतरिक्ष घटनाओं तथा आयनित गैसों के विशिष्ट पैटर्न आदि से संबंधित सूचना शामिल है।

HST का महत्त्वपूर्ण योगदान:

  • वर्ष 1990 में हबल स्पेस टेलीस्कोप ने पता लगाया कि ब्रह्मांड का विस्तार तेज़ी से हो रहा  है, इससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि अधिकांश ‘कॉस्मोस’ एक रहस्यमयी सामग्री से बने हैं जिसे ‘डार्क एनर्जी’ कहा जाता है।
  • दक्षिणी रिंग नेबुला (1995) का स्नैपशॉट: इसने नेबुला के केंद्र में दो तारे, एक चमकीला सफेद तारा और एक हल्का मंद तारा प्रदर्शित किया, जिसमें मंद तारा पूरे नेबुला का निर्माण कर रहा था।
  • दो ड्वार्फ आकाशगंगाओं का मिलन (1998): इनमें से एक I Zwicky 18 है। इससे एक नए तारे का निर्माण हुआ।
  • ब्लैक होल संचालित आकाशगंगा में गैसों के रंगीन पैटर्न जिन्हें 'सर्सिनस गैलेक्सी' (1999) के रूप में जाना जाता है।
  • दो आकाशगंगाओं UGC 06471 और UGC 06472 (2000) के बीच टकराव।
  • नेपच्यून का स्नैपशॉट (2011): इसने सबसे दूर स्थित ग्रह की छवि लेते हुए मीथेन बर्फ के क्रिस्टल से बने उच्च बादलों के संगठन का खुलासा किया।
  • एक स्टार 'बीटा पिक्टोरिस' के आसपास की डिस्क को वर्ष 1984 में खोजा गया।
  • इसने वर्ष 2013 में 'गैलेक्सी क्लस्टर एबेल 2744' (Galaxy Cluster Abell 2744) को अधिकृत कर लिया। यह 3.5 बिलियन प्रकाश वर्ष दूर है और इसमें छोटी आकाशगंगाओं के कई समूह हैं।
    • यह एक मज़बूत गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र भी बनाता है जो लगभग 3,000 आकाशगंगाओं के प्रकाश को प्रतिबिंबित करने के लिये लेंस के रूप में कार्य करता है।
  • इसने वर्ष 2014 में मंगल के साथ C/2013 A1 नामक धूमकेतु की टक्कर को कैद किया।
    • 'धूमकेतु साइडिंग स्प्रिंग' (Comet Siding Spring) मंगल ग्रह से सिर्फ 87, 000 मील की दूरी से गुज़रा।
  • 'गम 29' (Gum 29) 20,000 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एक दोलनशील तारकीय (Vibrant Stellar) सतह है, जिसमें 3,000 सितारों के विशाल समूह को वर्ष 2014 में कैप्चर किया गया था।
    • तारों के इस विशाल समूह को 'वेस्टरलंड 2' (Westerlund 2) कहा जाता है।
  • वर्ष 2016 में एक प्राचीन धूमकेतु 332P/Ikeya-मुराकामी (332P/Ikeya-Murakami) के विघटन की तस्वीरें लीं ।
  • त्रिकोणीय आकाशगंगा को तारे के जन्म के विशिष्ट क्षेत्रों को दर्शाते हुए एक चमकदार नीली रोशनी के साथ आकाशगंगाओं के गर्म गैस के सुंदर निहारिकाओं में फैलाया गया था।
  • 'गैलेक्सी ईएसओ 243-49' (Galaxy ESO 243-49) की तस्वीर, जिसमें वर्ष 2012 में एक मध्यम आकार का ब्लैक होल था।
    • लगभग 20 हज़ार सूर्य के आकार का ब्लैक होल आकाशगंगा के एक हिमनद तल पर स्थित था।

HST का उत्तरवर्ती:

  • हबल के उत्तरवर्ती के रूप में जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप  (James Webb Space Telescope- JWST) को इस वर्ष के अंत में लॉन्च किया जाना है।
  • लेकिन कई खगोलविदों को उम्मीद है कि कुछ समय के लिये ही सही दोनों एक-दूसरे के साथ काम करने में सक्षम होंगे।

जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप

  • जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप (जिसे JWST या वेब भी कहा जाता है) 6.5 मीटर का प्राथमिक दर्पण युक्त एक बड़ा इन्फ्रारेड टेलीस्कोप होगा।
  • वर्ष 2021 में इस टेलीस्कोप को  फ्रेंच गुयाना से एरियन 5 रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा।
  • यह हमारे ब्रह्मांड के इतिहास के प्रत्येक चरण का अध्ययन करेगा, जिसमें बिग बैंग के बाद पहली प्रतिदीप्ति से लेकर जीवन का समर्थन करने में सक्षम  पृथ्वी जैसे ग्रहों और हमारे अपने सौर मंडल का विकास तक शामिल हैं।
  • वेब (Webb) नासा, यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (CSA) के मध्य एक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग है।

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस