हरित हाइड्रोजन: भारत में अपनाने हेतु सक्षम उपाय संबंधी रोडमैप | 16 Jan 2024

प्रिलिम्स के लिये:

2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन, ग्लासगो में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (COP26), ग्रे हाइड्रोजन, जीवाश्म ईंधन, राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन

मेन्स के लिये:

हरित हाइड्रोजन: भारत में अपनाने के लिये सक्षम उपाय संबंधी रोडमैप, हरित हाइड्रोजन के लिये सरकारी नीतियाँ और पहल।

स्रोत: डाउन टू अर्थ 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में विश्व आर्थिक मंच ने बेन एंड कंपनी के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसका शीर्षक है- हरित हाइड्रोजन:भारत में अपनाने के लिये सक्षम उपाय संबंधी रोडमैप, इस बात पर प्रकाश डालता है कि हरित हाइड्रोजन उत्पादन लागत को 2 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम से कम या उसके बराबर करने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट की मुख्य बातें क्या हैं?

  • भारत में बढ़ने ऊर्जा की मांग:
    • भारत वर्तमान में ऊर्जा ज़रूरतों के मामले में विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और देश की ऊर्जा की मांग वर्ष 2030 तक 35% बढ़ने का अनुमान है।
  • हरित हाइड्रोजन की गंभीरता:
    • हरित हाइड्रोजन भारत की ऊर्जा सुरक्षा ज़रूरतों को पूरा करने में मदद करने के लिये महत्त्वपूर्ण है, साथ ही शुद्ध शून्य की राह पर कठिन क्षेत्रों में उत्सर्जन को कम करने में भी मदद करता है।
    • इसके संदर्भ में, भारत सरकार ने वर्ष 2022 में राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन शुरू किया।
      • इसका उद्देश्य वर्ष 2022 और वर्ष 2030 के बीच वितरित की जाने वाली प्रोत्साहन निधि में लगभग 2.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के माध्यम से हरित हाइड्रोजन उत्पादन तथा खपत को बढ़ावा देना है।
  • भारत में हाइड्रोजन उत्पादन की वर्तमान स्थिति:
    • वर्तमान में, भारत मुख्य रूप से कच्चे तेल रिफाइनरियों और उर्वरक उत्पादन में उपयोग के लिये 6.5 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (MMTPA) हाइड्रोजन का उत्पादन करता है।
    • भारत की अधिकांश वर्तमान हाइड्रोजन आपूर्ति ग्रे हाइड्रोजन है, जो कार्बन डाई ऑक्साइड गैस उत्सर्जन पैदा करने वाली प्रक्रिया में जीवाश्म ईंधन का उपयोग करके उत्पादित की जाती है।
    •   हरित हाइड्रोजन उत्पादन के लिये इलेक्ट्रोलिसिस/विद्युत अपघटन  प्रक्रिया हेतु नवीकरणीय ऊर्जा की पर्याप्त आपूर्ति की आवश्यकता होती है।
      • भारत की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हरित हाइड्रोजन विकास के लिये इसके लक्ष्यों का समर्थन कर सकती है, लेकिन तेज़ी से क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता है– हरित हाइड्रोजन उत्पन्न करने के साथ-साथ देश की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये अतिरिक्त क्षमता की आवश्यकता है।
    • देश में हरित हाइड्रोजन के लिये ज़मीनी स्तर पर संभावनाएँ सीमित हैं; अधिकांश "वेट एंड वाॅच (wait-and-watch)" चरण में हैं। कई लोगों को उम्मीद है कि वर्ष 2027 और उसके बाद हरित हाइड्रोजन का बड़े पैमाने पर उत्पादन शुरू हो जाएगा।
  • हरित हाइड्रोजन में बाधाएँ:
    • भारत में हरित हाइड्रोजन के विस्तार के लिये गंभीर बाधाओं में आपूर्ति पक्ष, उत्पादन और वितरण की लागत, मांग पक्ष पर, पारंपरिक औद्योगिक प्रक्रियाओं में हरित हाइड्रोजन का उपभोग करने के लिये भारतीय उद्यमियों की तत्परता शामिल है।

भारत में हरित हाइड्रोजन के विकास के लिये रिपोर्ट द्वारा प्रस्तावित ब्लूप्रिंट क्या है?

  • हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत कम करना:
    • आज भारत में हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की लागत लगभग 4-5 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम है, जो ग्रे हाइड्रोजन की उत्पादन लागत से लगभग दोगुनी है।
      • हरित हाइड्रोजन (50-70%) की अधिकांश उत्पादन लागत चौबीसों घंटे (RTC) नवीकरणीय ऊर्जा की आवश्यकता से उत्प्रेरित है।
    • भारत में हरित ऊर्जा पारिस्थितिकी तंत्र विकसित करने के लिये हरित हाइड्रोजन को 2 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम के बेंचमार्क लक्ष्य तक लाने की आवश्यकता है। जैसे:
      • प्रारंभिक चरण में अडॉप्टर्स (अपनाने वालों) के लिये प्रत्यक्ष सब्सिडी बढ़ाना - उदाहरण के लिये संयुक्त राज्य अमेरिका ने मुद्रास्फीति कटौती अधिनियम (IRA) के तहत, हाइड्रोजन पर 3 अमेरिकी डॉलर/किलोग्राम तक कर क्रेडिट की घोषणा की है।
      • नीतियों और प्रोत्साहनों पर दीर्घकालिक स्पष्टता के साथ प्रौद्योगिकियों के लिये लंबे पूंजी निवेश चक्रों का समर्थन करना
      • स्वदेशी इलेक्ट्रोलाइज़र प्रौद्योगिकी के विकास और परीक्षण को प्रोत्साहित करना
  • हरित हाइड्रोजन रूपांतरण, भंडारण और परिवहन से संबंधित लागत कम करना:
    • कम उत्पादन लागत के बावजूद, बुनियादी ढाँचे के खर्च (रूपांतरण सुविधाएँ, भंडारण और परिवहन) हरित हाइड्रोजन और इसके डेरिवेटिव की समग्र लागत को महत्त्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
    • इस बुनियादी ढाँचे की स्थापना की लागत को कम करने से वितरण लागत कम होगी और कुल व्यापार में वृद्धि होगी।
      • इसे प्राप्त करने के लिये आवश्यक हस्तक्षेप हैं-
        • अल्प से मध्यम अवधि में, हरित हाइड्रोजन उत्पादन समूहों का विकास करना जहाँ उत्पादन और कुल व्यापार के लिये एक सहयोगी वातावरण निकटता में होता है।
        • पूरे देश में हरित हाइड्रोजन के परिवहन के लिये पाइपलाइनों सहित दीर्घकालिक बुनियादी ढाँचे के निर्माण में निवेश करना।
          • उदाहरण के लिये यूरोपीय संघ के यूरोपीय हाइड्रोजन बैकबोन कार्यक्रम का लक्ष्य यूरोपीय संघ में एक पाइपलाइन नेटवर्क विकसित करना है।

  • उन उद्योगों का समर्थन करें जो हरित हाइड्रोजन को अपनाने की सबसे अधिक संभावना रखते हैं:
    • हरित हाइड्रोजन खपत को अपनाने के लिये कुछ उद्योग दूसरों की तुलना में बेहतर स्थिति में हैं।
      • हरित हाइड्रोजन के लिये भारत की घरेलू मांग को बढ़ाने हेतु प्रोत्साहन, सब्सिडी और अन्य सहायता तंत्रों को संभावित अपनाने वालों को लक्षित करना चाहिये।
    • इनमें से प्रमुख मौजूदा ग्रे हाइड्रोजन उपयोगकर्त्ता हैं। हितधारक प्रत्यक्ष सब्सिडी बढ़ाकर ग्रे हाइड्रोजन के उपयोगकर्त्ताओं के बीच घरेलू हरित ऊर्जा मांग का समर्थन कर सकते हैं।
      • इससे अल्पावधि में हरित हाइड्रोजन की लागत कम हो जाएगी और नए ऊर्जा स्रोत की दीर्घकालिक मांग को बढ़ावा मिलेगा।
  • भारत की निर्यात क्षमता का लाभ उठाएं:
    • अपेक्षाकृत कम लागत वाली नवीकरणीय ऊर्जा, कुशल कार्यबल और नवीकरणीय ऊर्जा विस्तार के लिये भूमि की प्रचुरता को देखते हुए भारत में हरित हाइड्रोजन व्युत्पन्न निर्यात का केंद्र बनने की क्षमता है।
    • हितधारक बंदरगाहों पर निर्यात बुनियादी ढाँचे में सुधार करके भारत की निर्यात क्षमता का लाभ उठा सकते हैं।
    • हरित हाइड्रोजन डेरिवेटिव को निर्यात करने से पहले उत्पादन स्थल या बंदरगाहों पर परिवर्तित करने की आवश्यकता होती है।
      • निर्यात के लिये बंदरगाह टर्मिनलों पर भंडारण और शिपिंग सुविधाओं की भी आवश्यकता होती है।
  • कार्बन-सघन ऊर्जा स्रोतों को हतोत्साहित करना:
    • हरित हाइड्रोजन अपनाने को प्रोत्साहित करने के अलावा भारत को कार्बन-सघन ऊर्जा स्रोतों को भी हतोत्साहित करना चाहिये।
    • भारत सब्सिडी को उच्च-उत्सर्जन स्रोतों से हटा सकता है और धन को हरित ऊर्जा संक्रमण की ओर पुनर्निर्देशित कर सकता है।
      • एक व्यापक कार्बन-टैक्स व्यवस्था भारत को आबादी के लिये ऊर्जा सामर्थ्य से समझौता किये बिना बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने में मदद कर सकती है।

हरित हाइड्रोजन क्या है?

  • परिचय:
    • हाइड्रोजन प्रमुख औद्योगिक ईंधन है जिसके अमोनिया (प्रमुख उर्वरक), स्टील, रिफाइनरियों और विद्युत उत्पादन सहित विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोग हैं।
    • हालाँकि इस प्रकार निर्मित सभी हाइड्रोजन को तथाकथित 'ब्लैक या ब्राउन' हाइड्रोजन कहा जाता है क्योंकि वे कोयले से उत्पन्न होते हैं।
    • हाइड्रोजन ब्रह्मांड में सबसे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है लेकिन शुद्ध हाइड्रोजन की मात्रा अत्यंत ही कम है। 
      • यह लगभग हमेशा ऑक्सीजन के साथ H2O, अन्य यौगिकों में मौजूद होता है।
    • लेकिन जब विद्युत धारा जल से गुज़रती है, तो यह इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से इसे मूल ऑक्सीजन और हाइड्रोजन में खंडित करती है।
      • यदि इस प्रक्रिया के लिये उपयोग की जाने वाली विद्युत का स्रोत पवन अथवा सौर जैसे नवीकरणीय स्रोत है तो इस प्रकार उत्पादित हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन कहा जाता है।

 

  • हाइड्रोजन के साथ दर्शाए गए रंग हाइड्रोजन अणु को प्राप्त करने के लिये उपयोग की जाने वाली विद्युत स्रोत को संदर्भित करते हैं।
    • उदाहरणार्थ यदि कोयले का उपयोग किया जाता है तो इसे ब्राउन हाइड्रोजन कहा जाता है।

  • हरित हाइड्रोजन के उत्पादन की आवश्यकता:
    • प्रति इकाई भार में उच्च ऊर्जा सामग्री के कारण हाइड्रोजन ऊर्जा का एक बड़ा स्रोत है, यही कारण है कि इसका उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में किया जाता है।
    • विशेष रूप से हरित हाइड्रोजन लगभग शून्य उत्सर्जन के साथ ऊर्जा के सबसे स्वच्छ स्रोतों में से एक है।
      • इसका उपयोग कारों के लिये फ्यूल सेल अथवा उर्वरक एवं इस्पात विनिर्माण जैसे ऊर्जा खपत वाले उद्योगों में किया जा सकता है।
    • विश्व भर के देश हरित हाइड्रोजन क्षमता के विकास हेतु कार्य कर रहे हैं क्योंकि यह ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित कर सकता है तथा कार्बन उत्सर्जन को कम करने में भी मदद कर सकता है।
    • हरित हाइड्रोजन वैश्विक चर्चा का विषय बन गया है, विशेष रूप से जब विश्व अपने सबसे बड़े ऊर्जा संकट का सामना कर रही है एवं जलवायु परिवर्तन का खतरा वास्तविकता में बदल रहा है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रश्न. निम्नलिखित भारी उद्योगों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. उर्वरक संयंत्र 
  2. तेलशोधक कारखाने
  3. इस्पात संयंत्र

उपर्युक्त में से कितने उद्योगों के विकार्बनन में हरित हाइड्रोजन की महत्त्वपूर्ण भूमिका होने की अपेक्षा है?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: C


प्रश्न. हरित हाइड्रोजन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2023)

  1. इसे आंतरिक दहन के लिये ईंधन के रूप में सीधे इस्तेमाल किया जा सकता है।  
  2. इसे प्राकृतिक गैस के साथ मिलाकर ताप या शक्ति जनन के लिये ईंधन के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। 
  3. इसे वाहन चालन के लिये हाइड्रोजन ईंधन प्रकोष्ठ में इस्तेमाल किया जा सकता है।

उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?

(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) इनमें से कोई भी नहीं

उत्तर: (c)


प्रश्न. हाइड्रोजन ईंधन सेल वाहन "निकास" के रूप में निम्नलिखित में से एक का उत्पादन करते हैं (2010)

(a) NH3
(b) CH4
(c) H2O
(d) H2O2

उत्तर: (c)