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सरकार ने अधिसूचित किये नागरिकता संबंधी नियम | 27 Oct 2018 | शासन व्यवस्था

चर्चा में क्यों?

गृह मंत्रालय ने अधिसूचित किया है कि सात राज्यों के कुछ ज़िलों के संग्राहक भारत में रहने वाले पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से सताए गए अल्पसंख्यकों को नागरिकता प्रदान करने के लिये ऑनलाइन आवेदन स्वीकार कर सकते हैं। राज्यों और केंद्र से सत्यापन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद उन्हें नागरिकता दी जाएगी।

प्रमुख बिंदु

ध्यातव्य है कि नागरिकता अधिनियम, 1955 में धर्म का कोई उल्लेख नहीं है। यह अधिनियम पाँच तरीकों से नागरिकता प्रदान करता है: जन्म, वंश, पंजीकरण, नैसर्गिक और देशीयकरण के आधार पर। 

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2016

नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2016 से संबंधित समस्याएँ

प्रस्तावित संशोधन

  1. नियंत्रण और संशोधन: ओसीआई कार्ड के पंजीकरण को रद्द करने के लिये केंद्र सरकार को दी गई विस्तृत शक्तियों को कम करना या एक समिति या एक लोकपाल नियुक्त करके नियंत्रण और संशोधन का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
  2. धर्म को आधार न माना जाए: केवल धर्म के आधार पर आप्रवासियों को निवास में 12 के स्थान पर 6 साल की छूट देने को हटाया जा सकता है क्योंकि यह धर्मनिरपेक्षता के विचार के खिलाफ है।
  3. शरणार्थी: शरणार्थियों की अंतर्राष्ट्रीय समस्या को ध्यान में रखते हुए शरणार्थियों की स्थिति और वे किस स्थिति में भारत की नागरिकता प्राप्त कर सकते हैं, को देखना ज़रूरी है। शरणार्थी और एक आप्रवासी के बीच स्पष्ट सीमा तय करना आवश्यक है।

आगे की राह

अवैध आप्रवासी

  • नागरिकता अधिनियम (1955) के अनुसार, एक अवैध आप्रवासी को ऐसे व्यक्ति के रूप में परिभाषित किया गया है जो भारत में बिना वैध वीज़ा के प्रवेश करता है या वीज़ा परमिट की समाप्ति के बाद भी देश में रहता है।
  • इसके अलावा, ऐसे आप्रवासी को भी अवैध माना जाता है जो आप्रवासन प्रक्रिया के लिये झूठे दस्तावेज़ों का उपयोग करता है।

भारत के विदेशी नागरिक

  • OCI ऐसे विदेशी हैं जो भारतीय मूल के व्यक्ति हैं। उदाहरण के लिये, वे पूर्व भारतीय नागरिक या मौजूदा भारतीय नागरिक के बच्चे हो सकते हैं।
  • OCI बहुउद्देश्यीय, एकाधिक प्रविष्टियों और एक आजीवन वीज़ा के हकदार हैं, जो उन्हें किसी भी समय और किसी भी उद्देश्य के लिये भारत आने की इज़ाज़त देता है।

प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता

  • प्राकृतिककरण द्वारा केंद्र सरकार किसी भी व्यक्ति को (एक अवैध प्रवासी नहीं है) प्राकृतिककरण का प्रमाण पत्र दे सकती है यदि उसके पास निम्नलिखित योग्यताएँ हैं:
  • वह किसी भी देश का विषय या नागरिकताा नहीं है जहाँ भारत के नागरिकों को प्राकृतिककरण के द्वारा उस देश के विषयों या नागरिक बनने से रोका जाता है।
  • यदि वह किसी देश का नागरिक है और वह उस देश की नागरिकता को त्यागने का प्रयास करता है

अनुच्छेद 14

  • कानून के समक्ष समानता और कानून की समान सुरक्षा। यह अधिकार नागरिकों और विदेशियों (दुश्मन देश के नागरिक को छोड़कर) दोनों के लिये उपलब्ध है।


स्रोत : द हिंदू