भारत में ड्रोनों का उपयोग करने हेतु नियमों का प्रारूप तैयार | 04 Nov 2017

संदर्भ

हाल ही में भारतीय नागर विमानन मंत्रालय ने यह घोषणा की है कि दिसंबर के अंत तक ड्रोनों का उपयोग करने हेतु बनाए गए नियमों को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसी सप्ताह मंत्रालय की वेबसाइट पर नियमों के लिये बनाए गए मसौदे को अपलोड किया जाएगा। दरअसल, प्रस्तावित नियमों के तहत इस मंत्रालय ने ड्रोनों को उनके भार के आधार पर पाँच श्रेणियों में विभाजित किया है।

प्रमुख बिंदु

  • नैनो ड्रोन्स (ऐसे ड्रोन जिनका भार 250 ग्राम होता है और वे भूमि से 50 फीट की ऊँचाई तक ही उड़ान भर सकते हैं) को उड़ान भरने के लिये किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • 250 ग्राम से 2 किलोग्राम तक भार तथा 200 फीट से अधिक ऊँचाई पर उड़ने वाले ड्रोनों को उड़ान भरने के लिये पुलिस की अनुमति लेनी होगी। 2 किलोग्राम से अधिक भार के ड्रोनों को अनुमति प्राप्त करने के लिये आवेदन (पुलिस, लाइसेंस और उड़ान योजना) करना होगा।
  • संवेदनशील क्षेत्रों जैसे इंडिया गेट, अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं, सामरिक स्थानों से 500 मीटर तक की दूरी, गतिशील वाहनों जैसे जहाज़ अथवा विमान से पर्यावरण संवेदनशील क्षेत्रों जैसे-नेशनल पार्कों और वन्यजीव अभयारण्यों में ड्रोनों को उड़ाने पर भी प्रतिबंध होगा।
  • यद्यपि सरकारी एजेंसियाँ अपने दिशा-निर्देशों के अनुसार इन ड्रोनों का उपयोग करने के लिये स्वतंत्र होंगी, परन्तु वे इस ढाँचे का भाग नहीं होंगी।
  • मंत्रालय ने पिछले वर्ष भी ड्रोनों के उपयोग हेतु दिशा-निर्देश जारी किये थे, परन्तु उनका अभी तक क्रियान्वयन नहीं किया गया है।
  • इन ड्रोनों का उपयोग वाणिज्यिक उद्देश्यों के लिये भी किया जा सकता है, परन्तु अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इनका क्रियान्वयन किस प्रकार किया जाएगा।
  • अमेरिका में अमेज़न जैसी फर्में ड्रोनों की मदद से ही डिलीवरी पैकेजों का वितरण कर रहीं हैं।

भारत के संदर्भ में पक्ष एवं विपक्ष 

  • भारत में ई-कॉमर्स डिलीवरी कंपनियाँ डिलीवरी बॉय को प्रत्येक वितरण के लिये लगभग15 रुपए का भुगतान करती हैं, जिस कारण इस प्रक्रिया में हज़ारों रोज़गारों का सृजन होता है।
  • भारत में यह पहल अमेज़न से पिज्ज़ा डिलीवरी और परिधान डिलीवरी के लिये कार्य नहीं कर सकती क्योंकि इसमें ट्रैफिक प्रबंधन बाधा उत्पन्न करेगा और अराजकता का माहौल बनेगा तथा नागर विमानन मंत्रालय इस स्थिति पर नियंत्रण करने में सक्षम नहीं होगा। 
  • विदित हो कि केवल दिल्ली में ही अमेज़न, फ्लिप्कार्ट, डोमिनोज द्वारा प्रतिदिन 50,000 डिलीवरी की जाती हैं। अतः यदि भारत में ड्रोनों का उपयोग ई-कॉमर्स क्षेत्र में किया जाता है, तो इससे कई लोगों के रोज़गार छिन जाएंगे जो कि उनकी आजीविका का साधन है। 
  • यदि इसके दूसरे पहलू की बात करें तो ड्रोनों के संबंध में बनाए गए ये नियम चिकित्सकीय क्षेत्र जैसे-रक्त दान, अंग प्रत्यारोपण, प्राथमिक उपचार और आपदा प्रबंधन के दौरान भोजन के पैकेट उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होंगे। अतः इसके लिये ड्रोनों के चालकों को प्रशिक्षण देने और ड्रोन ट्रैफिक प्रबंधन प्रणाली पर नियंत्रण रखने की आवश्यकता होगी।