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MSP और प्राकृतिक खेती पर सरकारी पैनल | 21 Jul 2022 | शासन व्यवस्था

प्रिलिम्स के लिये:

प्राकृतिक खेती, कृषि विपणन प्रणाली, कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP), न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)।

मेन्स के लिये:

प्राकृतिक खेती और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्र सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और प्राकृतिक खेती संबंधी मुद्दों को देखने के लिये पूर्व केंद्रीय कृषि सचिव की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है।

समिति के गठन का उद्देश्य:

समिति की भूमिका:

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP):

प्राकृतिक खेती:

विगत वर्ष के प्रश्न:

प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2020)  

  1. सभी अनाजों, दालों और तिलहनों के मामले में भारत के किसी भी राज्य/संघ राज्य क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीद असीमित है।  
  2. अनाज और दालों के मामले में MSP किसी भी राज्य/केंद्रशासित प्रदेश में उस स्तर पर तय किया जाता है जहाँ बाज़ार मूल्य कभी नहीं बढ़ेगा।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1 
(b) केवल 2 
(c) 1 और 2 दोनों 
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: D

व्याख्या:  

  • भारत सरकार कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक वर्ष दोनों फसल मौसमों में 22 प्रमुख कृषि वस्तुओं के लिये न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की घोषणा करती है
  • कुल खरीद मात्रा आमतौर पर उस विशेष वर्ष/मौसम के लिये वस्तु के वास्तविक उत्पादन के 25% से अधिक नहीं होनी चाहिये। 25% की सीमा से अधिक खरीद के लिये कृषि विभाग (DAC) के पूर्व अनुमोदन की आवश्यकता होगी। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • MSP को विभिन्न राज्यों द्वारा दिये गए MSP प्रस्तावों के औसत के आधार पर केंद्र सरकार द्वारा तय किया जाता है, जिनमें से कुछ प्रस्ताव केंद्र की सिफारिश से अधिक हो सकते हैं, जबकि इनपुट लागत पर आधारित प्रस्ताव अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग होते हैं। मूल्य असमानता से बचने के लिये MSP को तय किया जाता है। जब बज़ार में कीमतें MSP से नीचे के स्तर तक गिर जाती हैं, तो सरकारी एजेंसियाँ किसानों की सुरक्षा के लिये उपज को खरीद लेती हैं। ऐसे में बाज़ार में कीमतें MSP से ऊपर जा सकती हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है। अतः विकल्प D सही है।

स्रोत : हिंदू