सरकार द्वारा आँकड़ों की ज़रूरतों के लिये सांख्यिकी प्रणाली में सुधार हेतु प्रयास | 16 Feb 2018

चर्चा में क्यों?
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय (Ministery of Statistics and Programme Implementation) द्वारा प्रदत्त जानकारी के अनुसार, सरकार आँकड़ों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सांख्यिकी प्रणाली में सुधार के लिये पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। जल्द ही मंत्रालय द्वारा एसडीजी के अंतर्गत उद्देश्‍यों और लक्ष्‍यों की प्रगति की स्थिति की निगरानी के लिये बेसलाइन आँकड़ों पर एक राष्‍ट्रीय रिपोर्ट भी प्रस्तुत की जाएगी।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्‍वयन मंत्रालय की वित्त वर्ष 2018-19 के दौरान अनेक पहलें शुरू करने की योजना है ताकि देश के उभरते हुए सामाजिक-आर्थिक परिदृश्‍य में आँकड़ों की ज़रूरतों को पूरा करने के लिये सांख्यिकी प्रणाली में और अधिक सुधार किये जा सकें।
  • केंद्रीय बजट 2018-19 में मंत्रालय के लिये 4859 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है।
  • वर्तमान में मंत्रालय द्वारा ऐसी 2 योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। इनमें (i) क्षमता विकास (Capacity Development -CD) योजना और (ii) सांसद स्‍थानीय क्षेत्र विकास योजना (Members of Parliament Local Area Development -MPLAD) शामिल है।
  • इसके अलावा मंत्रालय द्वारा राष्‍ट्रीय महत्तव के एक संस्‍थान, भारतीय सांख्यिकी संस्‍थान (Indian Statistical Institute -ISI) को उसके रोज़मर्रा के कामकाज, बुनियादी ढाँचा विकास और अनुसंधान/शैक्षणिक गतिविधियों के लिये अनुदान सहायता भी प्रदान की जा रही है।
  • वर्ष 2018-19 में सीडी के लिये 208 करोड़ रुपए, एमपी लैड के लिये 3950 करोड़ रुपए और आईएसआई के लिये 269 करोड़ रुपए आवंटित किये गए हैं।
  • मंत्रालय निरंतर विकास के लक्ष्‍य की निगरानी हेतु संरचना तैयार करने के लिये शीर्ष एजेंसी है।
  • साझेदारों की सलाह/फीडबैक के आधार पर बदलती ज़रूरतों के अनुसार एमपी लैड के बारे में दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है।
  • इन संशोधनों का उद्देश्‍य इसके डिज़ाइन में सुधार तथा योजना के कार्यान्‍वयन एवं सरकारी निधि का अधिकतम इस्‍तेमाल करना है।
  • मंत्रालय में सभी साझेदारों के इस्‍तेमाल के लिये एक नया एकीकृत एमपी लैड पोर्टल तैयार किया गया है ताकि पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके और ना‍गरिकों को योजनाओं के कार्यान्‍वयन से अवगत कराया जा सके।

आधिकारिक सांख्यिकी के संयुक्‍त राष्‍ट्र के मौलिक सिद्धांत
(United Nations Fundamental Principles of Official Statistics)

  • इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री की अध्‍यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा 2016 में आधिकारिक सांख्यिकी के संयुक्‍त राष्‍ट्र के मौलिक सिद्धांतों को भी अपनाया गया है।
  • मंत्रालय इन सिद्धांतों को आगे बढ़ाने के लिये आधिकारिक सांख्यिकी पर एक राष्‍ट्रीय नीति तैयार करने की प्रक्रिया में है।
  • वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय द्वारा आधिकारिक सांख्यिकी के लिये राष्‍ट्रीय गुणवत्‍ता गारंटी ढाँचा भी तैयार किया जाएगा।
  • मंत्रालय द्वारा अर्थव्‍यवस्‍था और समाज की प्रगति के संबंध में बेहतर समझ बनाने और उसके आकलन के लिये पहले से निर्धारित कैलेंडर के अनुसार, वृहद् अर्थव्‍यवस्‍था के समुच्‍चय के अनुमानों, विभिन्‍न सामाजिक-आर्थिक मानदंडों पर आधारित अनुमानों तथा समय-समय पर अल्‍पकालिक संकेतकों को भी प्रस्तुत किया गया है ताकि प्रमाण आधारित नीति को अधिक-से-अधिक बढ़ावा दिया जा सके।

जीडीपी, आईआईपी एवं सीपीआई में संशोधन

  • इसक अलावा, वर्ष 2018-19 के दौरान मंत्रालय द्वारा सकल घरेलू उत्‍पाद (Gross Domestic Product -GDP), औद्योगिक उत्‍पादन सूचकांक (Index of Industrial Production -IIP) और उपभोक्‍ता मूल्‍य सूचकांक (Consumer Price Index -CPI) के आधार वर्षों में संशोधन किये जाने के संबंध में भी प्रस्‍ताव पेश किया गया है ताकि देश के आर्थिक परिदृश्‍य में होने वाले बदलावों को इसके अंतर्गत शामिल किया जा सके।
  • इन नए संशोधनों के अनुसार, जीडीपी और आईआईपी हेतु आधार वर्ष 2017-18 होगा और सीपीआई के लिये यह वर्ष 2018 होगा।

आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण 
(Periodic Labour Force Survey -PLFS)

  • साथ ही मंत्रालय द्वारा अप्रैल 2017 में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण भी शुरू किया गया है ताकि देश में श्रम बल की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जा सके।
  • इस सर्वेक्षण के परिणाम (ग्रामीण और शहरी) सरकारी और गैर-सरकारी साझेदारों के लिये 2018-19 में उपलब्‍ध कराए जाएंगे।
  • इसके अलवा मंत्रालय द्वारा आँकड़ों के अंतर को दूर करने के लिये और सेवा क्षेत्र तथा अनौपचारिक क्षेत्र के लिये आँकड़ों के नियमित प्रवाह को सुनिश्चित करने के लिये नए सर्वेक्षण शुरू करने का प्रस्‍ताव है।
  • मंत्रालय का एक ‘टाइम यूज़ सर्वे’ शुरू करने का भी प्रस्‍ताव है, जिसमें अन्‍य बातों के अलावा गैर-विपणन वाली सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों में महिलाओं के योगदान का आकलन किया जाएगा। आपको बता दें कि इस संदर्भ में अभी तक ऐसा नहीं किया गया है।  

डिजिटल इंडिया पहल
(Digital India initiative)

  • सरकार की डिजिटल इंडिया पहल के अंतर्गत मंत्रालय द्वारा आँकड़ों को एकत्र करने, उनके संकलन और प्रसार के लिये सूचना और संचार प्रौद्योगिकी के अधिकतम इस्‍तेमाल पर विशेष बल दिया जा रहा है। 
  • इतना ही नहीं फिलहाल मंत्रालय आधिकारिक सांख्यिकी पर एक राष्‍ट्रीय डेटा वेयरहाउस (National Data Warehouse) स्‍थापित करने के अंतिम चरण में है। यह डेटा वेयरहाउस आधिकारिक सांख्यिकी कोष के रूप में कार्य करेगा।
  • राष्‍ट्रीय सांख्यिकी प्रणाली प्रशिक्षण अकादमी (National Statistical System Training Academy -NSSTA) को आधिकारिक सांख्यिकी पर एक शीर्ष प्रशिक्षण अकादमी के रूप में स्‍थापित किया गया है, जिससे सांख्यिकी अधिकारियों/केंद्र और राज्‍य/संघ शासित प्रदेशों की सरकारों एवं अन्‍य देशों, शिक्षाविदों तथा छात्रों को प्रशिक्षण दिया जा सके।
  • पूर्वोत्‍तर क्षेत्र में एनएसएसओ की आँकड़ा संग्रहण मशीन को नए कार्यालय खोलकर अथवा ईटानगर, आइज़ोल, इम्‍फाल और अगरतला में वर्तमान कार्यालयों का उन्‍नयन कर मज़बूत बनाया जा रहा है।

नए भारत की कल्‍पना
(New India)

  • प्रधानमंत्री की 2022 तक नए भारत की कल्‍पना के अनुरूप सरकार ने 115 पहचान किये गए पिछड़े ज़िलों में तेजी से बदलाव के लक्ष्‍य को हासिल करने में केंद्र और राज्‍यों के प्रयासों के साथ समन्‍वय स्‍थापित करने हेतु प्रभारी अधिकारियों की नियुक्ति की है।
  • सरकार द्वारा विस्‍तृत डेटा बेस और एक प्रभावी फीडबैक तंत्र स्‍थापित करने के लिये कदम उठाए जा रहे हैं।
  • सीएसओ और एनएसएसओ द्वारा उन मानदंडों की पहचान की जा रही है, जिन पर 115 ज़िलों के लिये आँकड़े समय-समय पर प्रदान किये जा सकें।