शहरी सहकारी बैंकों में प्रशासन | 05 Sep 2023

प्रिलिम्स के लिये:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI), शहरी सहकारी बैंक, गैर-निष्पादित परिसंपत्तियाँ

मेन्स के लिये:

सहकारी बैंकों की विशेषताएँ और चुनौतियाँ

स्रोत: द हिंदू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में भारतीय रिज़र्व बैंक (Reserve Bank of India- RBI) के गवर्नर ने शहरी सहकारी बैंकों (Urban Cooperative Banks- UCB) की चिंताओं को संबोधित किया तथा उनके प्रशासन को मज़बूत करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।

  • UCB क्षेत्र में समग्र वित्तीय सुधार के बावजूद इस क्षेत्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिये व्यक्तिगत संस्थाओं के कमज़ोर पक्षों को सुदृढ़ बनाने की दिशा में प्रयास किये जाने की आवश्यकता है

शहरी सहकारी बैंकों (UCB) के संबंध में चिंताएँ:

  • वित्त की कमी:
    • कुछ शहरी सहकारी बैंक (UCB) वित्त की कमी का सामना करते हैं, जैसे- कम पूंजीकरण, उच्च स्तर की गैर-निष्पादित परिसंपत्ति (Non-Performing Assets- NPA) या अपर्याप्त भंडार, जो संभावित अस्थिरता का संकेत देते हैं।
  • शासन संबंधी मुद्दे:
    • मज़बूत प्रशासनिक व्यवस्था का अभाव UCB के प्रदर्शन और समग्रता में बाधा बन सकता है।
    • कमज़ोर प्रशासन की वजह से बैंक के कुप्रबंधन, गैर-अनुपालन या नैतिक चिंताएँ उत्पन्न हो सकती हैं।
  • अनुपालन चुनौतियाँ:
    • अनुपालन संबंधी मुद्दों के कारण कुछ UCB को नियामक और कानूनी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिये समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
    • गैर-अनुपालन के परिणामस्वरूप ज़ुर्माना, कानूनी मुद्दों के साथ ही प्रतिष्ठा को नुकसान पहुँच सकता है।
  • जोखिम प्रबंधन:
    • विभिन्न जोखिमों को प्रभावी ढंग से पहचानने, आकलन करने तथा प्रबंधित करने की कुछ UCB की क्षमता को लेकर चिंताएँ मौजूद हैं।
      • जोखिम प्रबंधन की कमियों के कारण अप्रत्याशित वित्तीय हानि या परिचालन संबंधी व्यवधान उत्पन्न हो सकते हैं।
    • ऋण जोखिम:
      • UCB के क्रेडिट जोखिम प्रबंधन प्रथाओं में सुधार करने की आवश्यकता है। इसमें ऋण हामीदारी मानकों (Loan Underwriting Standards), उधारकर्ता के प्रदर्शन की निगरानी और गैर-निष्पादित ऋणों के निपटान संबंधी मुद्दे शामिल हैं।
    • तरलता जोखिम:
      • अपर्याप्त तरलता प्रबंधन से वित्तीय दायित्वों को पूरा करने में कठिनाई हो सकती है।
  • IT अवसंरचना और साइबर सुरक्षा:
    • UCB को संवेदनशील डेटा और सिस्टम की सुरक्षा के लिये मज़बूत IT अवसंरचना और साइबर सुरक्षा उपाय सुनिश्चित करना चाहिये।

UCB के लिये RBI की सिफारिशें:

  • RBI ने UCB के निदेशकों को शासन प्रथाओं, विशेष रूप से अनुपालन, जोखिम प्रबंधन तथा आंतरिक लेखापरीक्षा जैसे तीन सहायक स्तंभों को मज़बूत करने का निर्देश दिया।
  • RBI ने बोर्डों से अधिक सक्रियता के साथ परिसंपत्ति देयता प्रबंधन और तरलता जोखिम को व्यवस्थित तरीके से प्रबंधित करने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
  • बोर्डों की कार्य पद्धति हेतु RBI ने पाँच पहलुओं पर ज़ोर दिया- निदेशकों के पर्याप्त कौशल और विशेषज्ञता, एक पेशेवर प्रबंधन बोर्ड का गठन, बोर्ड के सदस्यों की विविधता और कार्यकाल, बोर्ड चर्चाओं की पारदर्शी और भागीदारी प्रकृति, एवं बोर्ड-स्तरीय समितियों की प्रभावी कार्यप्रणाली। 
  • RBI ने उन्हें नवीन लेखांकन प्रथाओं का उपयोग कर अपनी वास्तविक वित्तीय स्थिति को छिपाने के  प्रति आगाह/सावधान किया।
    • RBI ने उन्हें अपने व्यवसाय को बनाए रखने, बढ़ाने तथा ग्राहकों की सेवा करने के लिये उचित व्यावसायिक रणनीतियों को अपनाने एवं उपयुक्त प्रौद्योगिकी समाधान तलाशने के लिये प्रोत्साहित किया।

शहरी सहकारी बैंक (UCBs):

  • सहकारी बैंक, वाणिज्यिक बैंकों से भिन्न होते हैं और इनकी शुरुआत सहकारी ऋण समितियों की अवधारणा से हुई थी, जहाँ एक ऋण समिति के सदस्य एक-दूसरे को अनुकूल शर्तों पर ऋण देते थे।
  • सहकारी बैंकों को उनके परिचालन क्षेत्र के आधार पर मोटे तौर पर शहरी और ग्रामीण सहकारी बैंकों में वर्गीकृत किया जाता है।
  • UCBs को एकल-राज्य सहकारी बैंकों के मामले में सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार (RCS) और बहु-राज्य सहकारी बैंकों के मामले में सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार (CRCS) तथा  RBI द्वारा विनियमित एवं पर्यवेक्षित किया जाता है।
    • परंतु वर्ष 2020 में सभी UCBs और बहु-राज्य सहकारी समितियों को RBI के पर्यवेक्षण के अंतर्गत लाया गया।
  • वर्ष 2021 में RBI ने एक समिति नियुक्त की जिसने UCBs के लिये 4-स्तरीय संरचना का सुझाव दिया।
    • टियर 1: सभी यूनिट UCB और वेतन पाने वाले UCB (अनिर्धारित जमा राशि) तथा अन्य सभी UCB जिनके पास 100 करोड़ रुपए तक जमा हैं। 
    • टियर 2: 100 करोड़ रुपए से 1,000 करोड़ रुपए के बीच जमा राशि वाले UCB। 
    • टियर 3: 1,000 करोड़ रुपए से 10,000 करोड़ रुपए के बीच जमा राशि वाले UCB। 
    • टियर 4: 10,000 करोड़ रुपए से अधिक की जमा राशि वाले UCB। 
  • मार्च 2021 तक भारत में लगभग 1,539 UCB हैं। मार्च 2020 तक UCB का जमा आधार 5 लाख करोड़ रुपए और अग्रिम 3 लाख करोड़ रुपए से अधिक था।
    • उनकी बड़ी संख्या के बावजूद बैंकिंग क्षेत्र में UCB की बाज़ार हिस्सेदारी कम थी और लगभग 3% की गिरावट से घट रही थी। उनके पास जमा का 3.24% तथा अग्रिम का 2.69% हिस्सा था।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न   

प्रश्न. भारत में ‘शहरी सहकारी बैंकों’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2021)

  1. राज्य सरकारों द्वारा स्थापित स्थानीय मंडलों द्वारा उनका पर्यवेक्षण एवं विनियमन किया जाता है।
  2.  वे इक्विटी शेयर और अधिमान शेयर जारी कर सकते हैं।
  3.  उन्हें वर्ष 1966 में एक संशोधन द्वारा बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के कार्य-क्षेत्र में लाया गया था।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1                      
(b)  केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3 
(d) 1, 2 और 3

उत्तर:(b) 

व्याख्या: 

  • सहकारी बैंक वित्तीय संस्थाएँ हैं जो इसके सदस्यों से संबंधित हैं और एक ही समय में अपने बैंक के मालिक और ग्राहक हैं। वे राज्य कानूनों द्वारा स्थापित किये गए हैं।
  • भारत में सहकारी बैंक सहकारी समिति अधिनियम के तहत पंजीकृत हैं। इन्हें RBI द्वारा भी विनियमित किया जाता है और बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 तथा बैंकिंग कानून (सहकारी समितियाँ) अधिनियम, 1955 द्वारा शासित किया जाता है।
  • सहकारी बैंक ऋण देने के साथ-साथ जमा भी स्वीकार करते हैं। इनकी स्थापना कृषि और संबद्ध गतिविधियों के वित्तपोषण एवं गाँव तथा कुटीर उद्योगों के वित्तपोषण के उद्देश्य से की गई है। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) भारत में सहकारी बैंकों का शीर्ष निकाय है।
  • बैंकिंग संबंधी कार्य जैसे नए बैंक/शाखाएँ शुरू करने के लिये लाइसेंस जारी करना, ब्याज दरों, ऋण नीतियों, निवेश तथा प्रुडेंशियल एक्सपोज़र मानदंडों से संबंधित मामलों को वर्ष 1966 में संशोधित बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 के प्रावधानों के तहत रिजर्व बैंक द्वारा विनियमित और पर्यवेक्षित किया जाता है। अतः कथन 3 सही है।
  • शहरी सहकारी बैंकों को एकल-राज्य सहकारी बैंकों के मामले में सहकारी समितियों के राज्य रजिस्ट्रार और बहु-राज्य सहकारी बैंकों के मामले में सहकारी समितियों के केंद्रीय रजिस्ट्रार तथा भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा विनियमित और अनुवीक्षण किया जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • भारतीय रिज़र्व बैंक ने प्राथमिक UCB को इक्विटी शेयर, वरीयता शेयर और ऋण उपकरण जारी करने के माध्यम से पूंजी बढ़ाने की अनुमति देने वाले दिशा-निर्देशों का मसौदा तैयार किया।
    • UCB अपने परिचालन क्षेत्र के भीतर सदस्यों के रूप में नामांकित व्यक्तियों को इक्विटी जारी करके तथा मौजूदा सदस्यों को अतिरिक्त इक्विटी शेयर जारी कर शेयर पूंजी जुटा सकते हैं। अतः कथन 2 सही है। 
    • इसलिये विकल्प (b) सही उत्तर है।