वैश्विक प्रवास रिपोर्ट 2020 | 29 Nov 2019

प्रीलिम्स के लिये

वैश्विक प्रवास रिपोर्ट 2020 क्या है, जारीकर्त्ता

मेन्स के लिये

वैश्वीकरण के युग में देशों की आर्थिक संवृद्धि में प्रवासियों की भूमिका

चर्चा में क्यों?

हाल ही में संयुक्त राष्ट्र (UN) के अंतर्राष्ट्रीय प्रवासी संगठन (International Organisation for Migration-IOM) द्वारा वैश्विक प्रवास रिपोर्ट 2020 (Global Migration Report 2020) जारी की गई। इसके अनुसार विश्व में भारतीय प्रवासियों की संख्या सर्वाधिक है।

मुख्य बिंदु:

  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत के 17.5 मिलियन (1 करोड़ 75 लाख) प्रवासी दुनिया के विभिन्न देशों में रह रहे हैं।
  • विदेशों में रह रहे इन प्रवासियों द्वारा प्रेषित धन (Remittance) प्राप्त करने के मामले में भारत (78.6 बिलियन डॉलर) विश्व में पहले स्थान पर है।
  • भारत के बाद इस सूची में दूसरे स्थान पर चीन (67.4 बिलियन डॉलर) तथा तीसरे स्थान पर मैक्सिको (35.7 बिलियन डॉलर) है।
  • प्रवासियों के माध्यम से धन प्रेषण करने वाले देशों में पहले स्थान पर अमेरिका (68 बिलियन डॉलर), दूसरे स्थान पर संयुक्त अरब अमीरात (44.4 बिलियन डॉलर) तथा तीसरे स्थान पर सऊदी अरब (36.1 बिलियन डॉलर) है।
  • IOM के अनुसार, वर्तमान में विश्व के अनेक हिस्सों में रह रहे कुल प्रवासियों की संख्या लगभग 270 मिलियन (27 करोड़) है जो कि विश्व की कुल जनसंख्या का 3.5 प्रतिशत है।
  • IOM की पिछली रिपोर्ट, जो वर्ष 2018 में आई थी, के अनुसार प्रवासियों की कुल संख्या में 0.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

International Migrants

  • रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले एक दशक में विश्व प्रवासी जनसंख्या में लगातार वृद्धि हुई है लेकिन कुल जनसंख्या में वृद्धि होने से यह अनुपात लगभग स्थिर बना हुआ है।
  • विदेशों में रह रहे इन प्रवासियों का अधिकांश हिस्सा यूरोप एवं उत्तरी अमेरिका में रहता है।
  • गरीब या विकासशील देशों के अधिकांश प्रवासी अमेरिका के अलावा फ्राँस, रूस, संयुक्त अरब अमीरात तथा सऊदी अरब आदि देशों में जाते हैं।
  • मध्य-पूर्व (Middle-East) में हुए सर्वेक्षण के मुताबिक, अस्थायी प्रवासी मज़दूरों की संख्या खाड़ी देशों में सर्वाधिक है। संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासी मज़दूर वहाँ की जनसंख्या के 80 प्रतिशत तथा कार्यबल के 90 प्रतिशत हैं।
  • इस रिपोर्ट में बताया गया कि केंद्रीय अफ्रीकी गणराज्य, कांगो, म्याँमार, दक्षिणी सूडान, सीरिया तथा यमन में चल रहे आतंरिक संघर्ष एवं हिंसा के कारण पिछले दो वर्षों में लगभग 4 करोड़ 13 लाख लोग अपना घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं।
  • देश में आतंरिक रूप से विस्थापित हुए लोगों में पहले स्थान पर सीरिया (61 लाख), दूसरे स्थान पर कोलंबिया (58 लाख) तथा तीसरे स्थान पर कांगो (31 लाख) है।
  • विश्व में लगभग 2 करोड़ 60 लाख की आबादी शरणार्थी के रूप में रह रही है। इसमें पहले स्थान पर सीरिया (लगभग 60 लाख) तथा दूसरे स्थान पर अफगानिस्तान (25 लाख) है।
  • रिपोर्ट में जलवायु एवं मौसम संबंधी आपदाओं के कारण हुए प्रवास के बारे में चर्चा की गई है। वर्ष 2018 के अंत में फिलिपींस में आए मांगखुत चक्रवात (Mangkhut Cyclone) की वजह से लगभग 38 लाख लोग विस्थापित हुए।

स्रोत: द हिंदू