वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती- इंडिया | 02 Jan 2021

चर्चा में क्यों?

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से देश के छह राज्‍यों में ‘वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती- इंडिया’ (GHTC-India) के तहत लाइट हाउस परियोजनाओं (LHPs) की आधारशिला रखी है।

प्रमुख बिंदु

वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती- इंडिया (GHTC-India)

  • आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा संकल्पित ‘वैश्विक आवासीय प्रौद्योगिकी चुनौती- इंडिया’ का उद्देश्य भारत के आवास निर्माण क्षेत्र के लिये विश्व भर की सतत् और पर्यावरण-अनुकूल तकनीकों की पहचान करना तथा उन्हें मुख्यधारा में लाना है।
  • प्रधानमंत्री ने मार्च 2019 में जीएचटीसी-इंडिया (GHTC-India) का उद्घाटन करते हुए वर्ष 2019-20 को 'निर्माण प्रौद्योगिकी वर्ष' घोषित किया था।
  • जीएचटीसी-इंडिया के मुख्यतः 3 घटक हैं:
    • विशाल प्रदर्शनी और सम्मेलन: ज्ञान और व्यापार के आदान-प्रदान हेतु आवास निर्माण से जुड़े सभी हितधारकों को एक मंच प्रदान करने के लिये द्विवार्षिक आधार पर विशाल प्रदर्शनी और सम्मेलन का आयोजन किया जाता है।
    • प्रमाणित और प्रदर्शन योग्‍य प्रौद्योगिकियों की पहचान: इसका दूसरा घटक लाइट हाउस परियोजनाओं के निर्माण के लिये प्रमाणित और प्रदर्शन योग्‍य प्रौद्योगिकियों की पहचान करना है। ये परियोजनाएँ चयनित तकनीकों के गुणों को प्रदर्शित करती हैं और देश में अनुसंधान, परीक्षण एवं प्रौद्योगिकी हस्तांतरण आदि के लिये लाइव प्रयोगशालाओं के रूप में काम करती हैं।
      • LHPs के लिये फंडिंग PMAY-U के दिशा-निर्देशों के अनुरूप की जाती है।
    • भविष्य की संभावित प्रौद्योगिकी की पहचान: इसका अंतिम घटक ‘अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स- इंडिया’ (आशा- इंडिया) के अंतर्गत भविष्य की संभावित प्रौद्योगिकियों की पहचान करना है। इसके तहत भारत की संभावित भावी प्रौद्योगिकियों को ‘आशा- इंडिया’ कार्यक्रम के माध्यम से समर्थन और प्रोत्साहन दिया जाएगा।

छह राज्‍यों में लाइट हाउस परियोजनाएँ

  • जीएचटीसी-इंडिया के हिस्से के रूप में इंदौर (मध्य प्रदेश), राजकोट (गुजरात), चेन्नई (तमिलनाडु), राँची (झारखंड), अगरतला (त्रिपुरा) एवं लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में सभी भौतिक और सामाजिक सुविधाओं के साथ 1000 घरों वाली छह लाइट हाउस परियोजनाओं को शुरू किया गया है।
  • इन घरों का निर्माण जीएचटीसी--इंडिया 2019 के तहत चुनी गई 54 प्रौद्योगिकियों में से छह अलग-अलग प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर किया जा रहा है।
  • लाइट हाउस परियोजनाओं (LHPs) के तहत पारंपरिक निर्माण तकनीक की तुलना में त्वरित गति से रहने योग्य घरों का निर्माण किया जाएगा, जो कि अधिक किफायती, टिकाऊ और गुणवत्तापूर्ण होंगे।

‘अफोर्डेबल सस्टेनेबल हाउसिंग एक्सेलेरेटर्स- इंडिया’ (आशा- इंडिया) 

  • आशा- इंडिया का उद्देश्य भारत के नवोन्मेषकों की जीवंतता और गतिशीलता को बढ़ावा देने और उन्हें एक उपयुक्त मंच प्रदान करते हुए आवास निर्माण क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देना है।
  • यह इन्क्यूबेशन और एक्सेलेरेशन के माध्यम से भारत में विकसित होने वाली संभावित भावी प्रौद्योगिकी का समर्थन करता है।
    • इसके तहत जो प्रौद्योगिकियाँ अभी तक बाज़ार के दृष्टिकोण से तैयार नहीं हैं (प्री-प्रोटोटाइप एप्लीकेशन) उन्हें इन्क्यूबेशन सहायता दी जाती है और जो प्रौद्योगिकियाँ बाज़ार की दृष्टि से तैयार हैं (पोस्ट-प्रोटोटाइप एप्लीकेशन) उन्हें एक्सेलेरेशन सहायता प्रदान की जाती है।

स्रोत: पी.आई.बी.