तापांतर से विद्युत ऊर्जा की उत्पत्ति | 20 Sep 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में जूल (Joule) पत्रिका में तापांतर से विद्युत ऊर्जा को उत्पन्न करने संबंधी एक शोध प्रकाशित किया गया।

प्रमुख बिंदु:

  • इस प्रोटोटाइप डिवाइस (Prototype Device) में विकिरण शीतलन (Radiative Cooling) का प्रयोग किया गया है। इस शोध में आसपास की इमारतों, पार्को और सूर्यास्त के बाद की वायु के बीच विद्यमान तापांतर का प्रयोग करते हुए विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की गई।
  • ऊष्मागतिकी के नियमों के अनुसार, प्रत्येक वस्तु में ऊष्मा निहित है। नए शोध में विभिन्न वस्तुओं के बीच के तापांतर का प्रयोग करते हुए विद्युत ऊर्जा उत्पन्न की गई।
  • वर्ष 2014 में, कुछ शोधकर्त्ताओं ने गणना करके बताया था कि एक वर्ग मीटर ठंडे स्थान से 4 वाट ऊर्जा उत्पन्न की जा सकती है। यह तकनीक सौर ऊर्जा की तुलना में कम दक्ष है लेकिन रात्रि के समय तापांतर के प्रयोग से ऊर्जा उत्पादन करना बहुत ही लाभदायक होगा।
  • तापांतर से ऊर्जा उत्पन्न करने वाला उपकरण प्रोटोटाइप एक छफिंग डिश (Chafing Dish) के अंदर हॉकी पक (Hockey Puck) सेट जैसा है।
  • पक (Puck) काले रंग से लेपित पॉलीस्टीरिन डिस्क (Polystyrene disk) है और इसे हवा की ढाल की तरफ लगाया जाता है।
  • इस उपकरण में थर्मोइलेक्ट्रिक जनरेटर (Thermoelectric Generator) होता है, जो तापांतर से विद्युत ऊर्जा उत्पन्न करता है। इसी प्रकार की एक डिवाइस का प्रयोग मंगल पर नासा के क्यूरियोसिटी रोवर (Curiosity rover) में किया जा रहा है।
  • 6000 वर्ष पहले ईरान और अफ़गानिस्तान में लोग याखचल (Yakhchal) नामक विशाल मधुमक्खी के आकार की ढ़ांँचे का निर्माण करते थे। इस प्रकार के ढ़ांँचे में निष्क्रिय शीतलन प्रभाव का उपयोग करते हुए रेगिस्तान में बर्फ को संग्रहीत किया जाता था।

स्रोत: टाइम्स ऑफ इंडिया