GDP और GVA | 01 Dec 2022

प्रिलिम्स लिये:

सकल घरेलू उत्पाद, सकल मूल्यवर्द्धन

मेन्स के लिये:

भारतीय अर्थव्यवस्था में वृद्धि और विकास।

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (2022-23 या वित्त वर्ष 2023) के लिये भारत के आर्थिक विकास के आँकड़े जारी किये।

  • भारत का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) दूसरी तिमाही में 6.3% बढ़ा और इसी दौरान सकल मूल्यवर्द्धन (GVA) में वर्ष-दर-वर्ष आधार पर 5.6% वृद्धि हुई।
  • विशेष रूप से भारत सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा क्योंकि चीन ने जुलाई-सितंबर, 2022 में 3.9% की ही आर्थिक वृद्धि दर्ज की।
  • GDP और GVA देश के आर्थिक प्रदर्शन का पता लगाने के दो मुख्य तरीके हैं।

GDP और GVA:

  • GDP:
    • सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) किसी देश की सीमाओं के भीतर एक विशिष्ट समय अवधि, आम तौर पर 1 वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य है। यह एक राष्ट्र की समग्र आर्थिक गतिविधि का एक व्यापक माप है।
    • चार प्रमुख "GDP विकास के इंजन":
      • भारतीयों द्वारा अपने निजी उपभोग (अर्थात् निजी अंतिम उपभोग व्यय या PFCE) के लिये खर्च किया गया सारा पैसा।
      • सरकार द्वारा अपने वर्तमान उपभोग पर खर्च किया गया सारा पैसा, जैसे कि वेतन [सरकारी अंतिम उपभोग व्यय या GFCE]
      • अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता को बढ़ावा देने के लिये निवेश किया गया सारा पैसा। इसमें फैक्टरियों में निवेश करने वाली व्यावसायिक फर्म या सड़कों और पुलों का निर्माण करने वाली सरकारें शामिल हैं [सकल स्थायी पूंजीगत व्यय]।
      • निर्यात का शुद्ध प्रभाव (विदेशियों ने हमारी वस्तुओं पर जो खर्च किया) और आयात (भारतीयों ने विदेशी वस्तुओं पर जो खर्च किया) [शुद्ध निर्यात या NX]।
    • GDP की गणना:
      • GDP = निजी खपत + कुल निवेश + सरकार द्वारा निवेश + सरकार द्वारा खर्च + (आयात-निर्यात)
  • सकल मूल्य वर्द्धन (Gross Value Added- GVA):
    • GVA आपूर्ति पक्ष के संदर्भ में राष्ट्रीय आय की गणना करता है।
    • यह विभिन्न क्षेत्रों के सभी मूल्य वर्द्धन का योग करता है।
      • भारतीय रिज़र्व बैंक के अनुसार, किसी क्षेत्र के GVA को आउटपुट के मूल्य में से मध्यवर्ती इनपुट के मूल्य को घटा कर प्राप्त मूल्य के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह "मूल्य वर्द्धन " उत्पादन, श्रम और पूंजी के प्राथमिक कारकों के बीच साझा किया जाता है।
      • GVA वृद्धि को देखकर यह समझना आसान है कि अर्थव्यवस्था के कौन- से क्षेत्र मज़बूत है और कौन- क्षेत्र संघर्षशील है।

GDP और GVA में संबंध:

  • GDP का मुख्य आधार GVA डेटा होता है।
  • GDP और GVA निम्नलिखित समीकरण द्वारा संबंधित हैं: GDP = (GVA) + (सरकार द्वारा अर्जित कर)-(सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी) ।
  • जैसे, अगर सरकार द्वारा अर्जित कर उसके द्वारा प्रदान की जाने वाली सब्सिडी से अधिक है, तो सकल घरेलू उत्पाद GVA से अधिक होगा।
  • सकल घरेलू उत्पाद डेटा वार्षिक आर्थिक विकास का आकलन करने और देश के आर्थिक विकास की तुलना बीते समय अथवा किसी अन्य देश की आर्थिक विकास से करने काफी सहायक होता है।

प्रश्न: भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये: (2015)

  1. पिछले दशक में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में लगातार वृद्धि हुई है।
  2. बाज़ार मूल्य पर सकल घरेलू उत्पाद (रुपए में) में पिछले एक दशक में लगातार वृद्धि हुई है।

उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (b)

व्याख्या:

  • सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product- GDP) किसी देश की सीमाओं के भीतर एक विशिष्ट समय अवधि, आम तौर पर 1 वर्ष में उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का मौद्रिक मूल्य है। यह एक राष्ट्र की समग्र आर्थिक गतिविधि का एक व्यापक माप है।
  • वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद एक मुद्रास्फीति-समायोजित उपाय है जो किसी दिये गए वर्ष में अर्थव्यवस्था द्वारा उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के मूल्य को आधार-वर्ष की कीमतों में व्यक्त करता है।
  • वास्तविक GDP की वृद्धि दर पिछले एक दशक में लगातार नहीं बढ़ी है। विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय घरेलू आर्थिक दबावों के कारण इसमें उतार-चढ़ाव आया है। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • भारत के बाज़ार मूल्यों पर सकल घरेलू उत्पाद पिछले एक दशक में वर्ष 2005 में लगभग 900 बिलियन अमेरीकी डॉलर से बढ़कर वर्ष 2015 में 2.1 ट्रिलियन अमेरीकी डॉलर हो गया है। वर्ष 2020 तक, भारत का सकल घरेलू उत्पाद 2.63 ट्रिलियन अमेरीकी डॉलर था। अत: कथन 2 सही है।

प्रश्न. किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद के अनुपात में कर में कमी निम्नलिखित में से किसको दर्शाती है? (2015)

  1. धीमी आर्थिक विकास दर
  2. राष्ट्रीय आय का कम न्यायसंगत वितरण

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चुनिये:

(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर: (a)

व्याख्या:

  • कर GDP अनुपात किसी देश के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के सापेक्ष उसके कर राजस्व का अनुपात है। उदाहरण के लिये, यदि भारत का टैक्स-टू-GDP अनुपात 20% है, तो इसका मतलब है कि सरकार को अपने सकल घरेलू उत्पाद का 20% कर योगदान के रूप में मिलता है।
  • कर GDP अनुपात का उपयोग वर्ष-दर-वर्ष कर प्राप्तियों की तुलना करने के लिये किया जाता है। चूँकि कर आर्थिक गतिविधि से संबंधित हैं इसलिये अनुपात अपेक्षाकृत स्थिर रहना चाहिये। जब सकल घरेलू उत्पाद (GDP) बढ़ता है, तो कर राजस्व में भी वृद्धि होनी चाहिये।
  • आर्थिक मंदी के परिणामस्वरूप विकास की दर कम होती है, जहाँ आमतौर पर बेरोज़गारी बढ़ती है और उपभोक्ता खर्च घटता है। नतीजतन, टैक्स-टू-GDP अनुपात में गिरावट आती है। अतः कथन 1 सही है।
  • राष्ट्रीय आय का असमान वितरण सीधे तौर पर GDP अनुपात में कर में कमी से संबंधित नहीं है।
  • राष्ट्रीय आय और संसाधन आवंटन का समान वितरण आमतौर पर किसी देश की आर्थिक योजना पर निर्भर करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है।

अतः विकल्प (a) सही है।


प्रश्न. संभावित सकल घरेलू उत्पाद को परिभाषित करते हुए इसके निर्धारकों की व्याख्या कीजिये। वे कौन-से कारक हैं जो भारत को अपनी संभावित GDP को साकार करने से रोक रहे हैं? (मुख्य परीक्षा, 2020)

प्रश्न. वर्ष 2015 से पहले और वर्ष 2015 के बाद भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की कंप्यूटिंग पद्धति के बीच अंतर को स्पष्ट कीजिये। (मुख्य परीक्षा, 2021)

स्रोत: इंडियन एक्सप्रेस