राजस्थान में पहला जैव प्रौद्योगिकी पार्क | 18 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

जैव प्रौद्योगिकी पार्क, इनक्यूबेशन केंद्र

मेन्स के लिये:

जैव प्रौद्योगिकी पार्क, इनक्यूबेशन केंद्र का महत्त्व

चर्चा में क्यों?

राजस्थान सरकार राज्य में पहले जैव प्रौद्योगिकी पार्क (Biotechnology Park) की स्थापना हेतु योजना बना रही है।

प्रमुख बिंदु:

  • इस पार्क की स्थापना हेतु भारत सरकार के जैव प्रौद्योगिकी विभाग तथा राजस्थान के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के मध्य एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये जाएंगे।
  • समझौते के तहत राज्य में जैव प्रौद्योगिकी पार्क के साथ-साथ एक इनक्यूबेशन सेंटर (Incubation Center) भी स्थापित किया जाएँगे।
  • जैव प्रौद्योगिकी पार्क एवं इक्यूबेशन केंद्र को भारत सरकार की सरकारी कंपनी, बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च अंसिस्टेंस कांउसिल (Biotechnology Industry Research Assistance Council- BIRAC) के सहयोग से स्थापित किया जाएगा।

महत्त्व:

  • इस पार्क की स्थापना से राज्य में जैव प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहन मिलेगा जिससे औद्योगिक विकास एवं अनुसंधान के क्षेत्र को गति मिलेगी।
  • राज्य में बायो-इनफार्मेशन, बायोमेडिकल इंजीनियरिंग एवं नैनो मेडिसीन इत्यादि के क्षेत्र में में प्रगति होगी।
  • राज्य में बायो टेक्नोलॉजी कोर्स संचालित करने वाले सभी विश्वविद्यालयों एवं इससे जुड़े स्टार्टअप को मदद मिलेगी।
  • पार्क और इनक्यूबेशन केंद्र की स्थापना से युवाओं को रोज़गार प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।

जैव प्रौद्योगिकी पार्क

जैव प्रौद्योगिकी पार्क मुख्य रूप से छोटे और मध्यम जैव प्रौद्योगिकी उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिये बनाई गई सुविधाएँ हैं। यह पार्क एक सीमांकित क्षेत्र में होता है जिसमे एक प्रयोगशाला का निर्माण इस उद्देश्य के किया जाता है ताकि उद्यमियों को उनके उद्यम क्षेत्र और अन्य सभी बुनियादी सुविधाएँ एवं खोजों के वित्तपोषण में सहायता मिले सके।

इनक्यूबेशन केंद्र

इनक्यूबेटर या इनक्यूबेशन केंद्र शब्द का उपयोग परस्पर सहयोग के लिये किया जाता है। इसे नए स्टार्टअप को सफल बनाने में मदद करने के लिये डिज़ाइन किया गया है।

स्रोत: द हिंदू एवं टाइम्स ऑफ इंडिया