FinCEN और FIU-IND | 05 Oct 2020

प्रिलिम्स के लिये:  

वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क (FinCEN), राउंड ट्रिपिंग, शेल कंपनियाँ, मनी लॉन्डरिंग, संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट (SARs), फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-IND)

मेन्स के लिये:

वित्तीय अनियमितताओं को रोकने में वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क की भूमिका 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, संयुक्त राज्य अमेरिका के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रेज़री के वित्तीय अपराध प्रवर्तन नेटवर्क (FinCEN) ने बैंकों द्वारा दर्ज की गईं 2100 से अधिक ‘संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट’ (SARs) दर्ज की। FinCEN रिपोर्ट वर्ष 1999 और 2017 के बीच कम से कम 2 ट्रिलियन USD के लेन देन की पहचान करती हैं और बैंकों एवं वित्तीय संस्थानों के अनुपालन अधिकारियों द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग या अन्य आपराधिक गतिविधि के संभावित साक्ष्य के रूप में चिह्नित की गई हैं।

प्रमुख बिंदु

FinCEN:

  • इसकी स्थापना वर्ष 1990 में की गई थी। 
  • यह मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ लड़ाई में अग्रणी वैश्विक नियामक के रूप में कार्य करता है।
  • यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय धन शोधन, आतंकवादी वित्तपोषण और अन्य वित्तीय अपराधों का मुकाबला करने के लिये वित्तीय लेन देन के बारे में जानकारी का संग्रह और उसका विश्लेषण करता है।

संदिग्ध गतिविधि रिपोर्ट:

  • SARs, संदिग्ध गतिविधियों की रिपोर्ट करने के लिये बैंकों और वित्तीय संस्थानों द्वारा USA FinCEN को प्रस्तुत किया जाने वाला एक दस्तावेज है।
  • लेन-देन की घटना के 30 दिनों के भीतर आपराधिक धन या ब्लैक मनी का कोई भी रूप; इनसाइडर ट्रेडिंग; संभावित धन शोधन; आतंकी वित्तपोषण; कोई भी लेन-देन जो संदेह पैदा करता है, की जानकारी देनी होती है ।
  • इनका उपयोग अपराध का पता लगाने के लिये किया जाता है, लेकिन कानूनी मामलों को सिद्ध करने के लिये प्रत्यक्ष साक्ष्य के रूप में इनका उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • ये बैंकिंग लेन देन के विवरण होते हैं जो राउंड-ट्रिपिंग, मनी लॉन्ड्रिंग या शेल जैसी संस्थाओं से निपटने का स्पष्ट संकेत देते हैं।
  • FinCEN, SARs को एफबीआई, यूएस इमिग्रेशन और सीमा शुल्क सहित कानून-प्रवर्तन अधिकारियों के साथ शेयर करता है।

महत्त्व:

  • FinCEN रिपोर्ट संवाददाता बैंकिंग मुद्रा से संबंधित खतरों को उजागर करती है।
  • ‘संवाददाता बैंक’ (Correspondent Bank) शब्द एक वित्तीय संस्थान को संदर्भित करता है जो दूसरे को सेवाएँ प्रदान करता है, आमतौर पर दूसरे देशों में।
  • यह एक मध्यस्थ या एजेंट के रूप में कार्य करता है, जो व्यापार स्थानांतरण की सुविधा देता है, व्यापार लेन देन का संचालन करता है, जमा स्वीकार करता है और दूसरे बैंक की ओर से दस्तावेज़ एकत्रित करता है।

भारत की स्थिति :

  • अलग-अलग मामलों में भारतीय एजेंसियों द्वारा जाँच किये जा रहे व्यक्तियों और कंपनियों को FinCEN के SARs के अंतर्गत लाया गया है ।
  • जैसे-2G घोटाले, अगस्ता-वेस्टलैंड घोटाले आदि मामलों में नामित भारतीय संस्थाओं के लेन देन से संबंधित सभी मामलों को FinCEN के साथ सूचीबद्ध किया गया है।

नोट 

  • राउंड ट्रिपिंग से अभिप्राय उस धन से है जो विभिन्न चैनलों के माध्यम से देश के बाहर जाता है और फिर यही धन विदेशी निवेश के रूप में देश में वापस आता है। इसमें ज्यादातर काला धन शामिल है और इसका उपयोग अक्सर स्टॉक प्राइस में हेर-फेर करने के लिये किया जाता है।
  • राउंड ट्रिपिंग अक्सर लेन-देन की एक श्रंखला के माध्यम से की जाती है इसका कोई व्यावसायिक उद्देश्य नहीं होता है जो इसे गार (General Anti-Avoidance Rules-GAAR) के दायरे में लाता हो।
  • यह धन ऑफशोर निधियों में निवेश किया जा सकता है जिसे बदले में भारतीय परिसंपत्तियों में निवेश किया जाता हैं। वहीं ग्लोबल डिपॉज़िटरी रिसिप्ट्स (GDR) एवं पार्टिसिपेटरी नोट्स (P- Notes) जैसे कुछ अन्य मार्ग हैं जिनका उपयोग अतीत में किया गया है।

मनी लॉन्ड्रिंग अवैध रूप से प्राप्त आय की पहचान को छुपाता या प्रच्छन्न करता है ताकि वे वैध स्रोतों से उत्पन्न हुए दिखाई दें। इसके अंतर्गत  मादक पदार्थों की तस्करी, डकैती या जबरन वसूली जैसे अपराध शामिल होते हैं ।

शेल कंपनियाँ आमतौर पर कॉरपोरेट इकाइयाँ होती हैं जिनके पास कोई सक्रिय व्यवसाय संचालन या महत्त्वपूर्ण संपत्ति नहीं होती है। सरकार उन्हें संदेह के साथ देखती है क्योंकि उनमें से कुछ का उपयोग मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और अन्य अवैध गतिविधियों के लिये किया जा सकता है।

भारतीय परिदृश्य

  • फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट-इंडिया (FIU-IND), संयुक्त राज्य अमेरिका के FinCEN के समान कार्य करता है।
  • वित्त मंत्रालय के तहत, यह वर्ष 2004 में संदिग्ध वित्तीय लेन देन से संबंधित जानकारी प्राप्त करने, विश्लेषण और प्रसार के लिये नोडल एजेंसी के रूप में स्थापित किया गया था।

एजेंसी निम्नलिखित दस्तावेज प्राप्त करने के लिये अधिकृत है:

  • नकद लेन देन रिपोर्ट (CTR)
  • संदिग्ध लेन देन रिपोर्ट (STRs)
  • क्रॉस बॉर्डर वायर ट्रांसफर रिपोर्ट
  • ये रिपोर्ट हर महीने निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों से प्राप्त की जाती हैं।
  • यह प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट, 2002 (PMLA) के तहत होता है।

अनिवार्य

  • भारत के बैंकों को FIU पर मासिक CTR प्रस्तुत करना अनिवार्य है:
  • 10 लाख रुपए या इसके समतुल्य विदेशी मुद्रा से संबंधित सभी लेन देन या एकीकृत रूप से जुड़े लेन-देन की एक श्रंखला जो विदेशी मुद्रा में 10 लाख या इसके बराबर हो।

प्रक्रिया: 

  • FIU द्वारा CTR और STR का विश्लेषण किया जाता है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग, कर चोरी और आतंकी वित्तपोषण के संभावित मामलों की जांच के लिये प्रवर्तन निदेशालय, केंद्रीय जाँच ब्यूरो और कर प्राधिकरण जैसी एजेंसियों के साथ संदिग्ध लेन देन साझा किये जाते हैं।
  • FIU की वर्ष 2017-2018 की रिपोर्ट बताती है कि उसे 14 लाख STR प्राप्त हुए थे जो पिछले वर्ष दर्ज किये गए STR की संख्या का तीन गुना थे ।

आगे की राह: 

  • SAR ने भारतीय संस्थाओं और व्यक्तियों के कई मामलों में, कथित अनियमितताओं के अपने वित्तीय इतिहास का उल्लेख किया है।
  • भारत में एजेंसियों के किये यह स्पष्ट संदेश है कि वित्तीय धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के उनके मामलों को FinCEN द्वारा हरी झंडी दिखाई जा रही है।
  • मनी लॉन्ड्रिंग के प्रयासों को ट्रैक करने और उन्हें कम करने के लिये वित्तीय नियामकों के बीच नियमित रूप से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने की आवश्यकता है।

स्रोत- इंडियन एक्सप्रेस