अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये फैलोशिप कार्यक्रम | 02 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी,राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड

मेन्स के लिये:

अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये फैलोशिप कार्यक्रम 

चर्चा में क्यों?

हाल ही में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (Ministry of Health and Family Welfare) द्वारा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के लिये फैलोशिप कार्यक्रम (Fellowship Programme for International Students- FPIS) हेतु गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइंस हैंडबुक और प्रॉस्पेक्टस (Prospectus) जारी किये गए हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • सार्क देशों के साथ- साथ अन्य देशों के छात्रों के लिये कॉमन फेलोशिप प्रवेश परीक्षा के माध्यम से डॉक्टर ऑफ मेडिसिन (MD)/मास्टर इन सर्जरी (MS) के बाद के स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय फैलोशिप कार्यक्रम (FPIS) शुरू किया जा रहा है
    • FPIS,  राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (National Board Of Examination- NBE) का कार्यक्रम है
    • यह कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय चिकित्सा क्षेत्र में देश की प्रतिष्ठा को शीर्ष पर लेकर जाएगा।
  • राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड (National Board Of Examination- NBE) के प्रमुख डिप्लोमैट्स ऑफ नेशनल बोर्ड (Diplomates of National Board- DNB) में, आधुनिक चिकित्सा के विषय और उप-विशेषज्ञताएँ शामिल हैं।
    • इसमें वृहत् रूप से DNB, निजी और सरकारी संस्थानों में उप-विशेषज्ञताओं में सुपर स्पेशलिटीज़ और फैलोशिप कार्यक्रम शामिल हैं।
  • गुड क्लीनिकल प्रैक्टिस गाइडलाइंस हैंडबुक, DNB रेज़ीड़ेंट को मार्गदर्शक बिंदु प्रदान करने का एक प्रयास है

राष्ट्रीय परीक्षा बोर्ड:

  • NBE, की स्थापना वर्ष 1975 में राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी के एक विंग के रूप में, हुई थी।
    • इसका कार्य राष्ट्रीय स्तर पर स्नातकोत्तर चिकित्सा परीक्षाओं को आयोजित कराना है। 
  • वर्ष 1982 में इसे स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था के रूप में पंजीकृत किया गया था।
  • इसका उद्देश्य अखिल भारतीय स्तर पर आधुनिक चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च मानक स्नातकोत्तर परीक्षाओं का आयोजन करना, पात्रता के लिये बुनियादी प्रशिक्षण आवश्यकताओं को तैयार करना, स्नातकोत्तर प्रशिक्षण के लिये पाठ्यक्रम विकसित करना और जिन संस्थानों में इसका प्रशिक्षण दिया जाता है उन्हें मान्यता प्रदान करना है। 
  • इसके अंतर्गत नामांकित छात्रों को डिप्लोमैट्स ऑफ नेशनल बोर्ड कहा जाता है।

राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी

(National Academy Of Medical Science-NAMS):

  • इसे सोसायटी पंजीकरण अधिनियम XXI, 1860 के तहत 21 अप्रैल, 1961 को 'भारतीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी' के रूप में पंजीकृत किया गया था।
    • इस अधिनियम के तहत वैज्ञानिक शैक्षणिक, धर्मार्थ एवं कल्याणार्थ हेतु निर्मित समितियों के पंजीकरण एवं प्रत्येक पाँच वर्ष बाद पंजीकृत समितियों के नवीनीकरण का कार्य किया जाता है।
    • भारत में सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत सोसायटी पंजीकरण और संचालन के लिये कुछ प्रक्रियाओं को पूरा करना होता है।
  • इसका उद्घाटन 19 दिसंबर 1961 को नई दिल्ली में भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू द्वारा किया गया था।
  • 16 नवंबर, 1976 को भारत सरकार द्वारा स्थापित एक कार्यकारी समूह की सिफारिशों पर अकादमी का पुन: नाम राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी (भारत) किया गया। 

स्रोत: PIB