फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स | 03 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये

फैवीपिरविर एंटीवायरल टेबलेट्स, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया

मेन्स के लिये

चिकित्सीय परीक्षण के चरण व प्रभाव

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (Drug Controller General of India-DCGI) द्वारा वैश्विक महामारी COVID-19 से पीड़ित मरीज़ों पर फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स (Favipiravir Antiviral Tablets) के चिकित्सीय परीक्षण करने की अनुमति दी गई है।

प्रमुख बिंदु

  • ग्लेनमार्क फार्मास्युटिकल्स के अनुसार, फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स के चिकित्सीय परीक्षण से COVID-19 रोगियों पर इसकी प्रभावकारिता का पता लगाया जाएगा। 

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया 

  • ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया भारतीय दवा नियामक संस्था केंद्रीय दवा मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organization-CDSCO) का प्रमुख होता है।
  • केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय के अंतर्गत स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण (NRA) है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।
  • देश भर में इसके छह ज़ोनल कार्यालय, चार सब-ज़ोनल कार्यालय, तेरह पोर्ट ऑफिस और सात प्रयोगशालाएँ हैं।
  • फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स जापान की फार्मास्युटिकल कंपनी फुजीफिल्म टोयामा (Fujifilm Toyama) द्वारा निर्मित एविगन ड्रग (Avigan Drug) के फार्मुलेशन पर आधारित जेनेरिक दवा है। 

क्या हैं जेनेरिक दवाएँ?

  • अनुसंधान एवं नवाचार के पश्चात् दवाओं का निर्माण किया जाता है जिसका दवा निर्माता कंपनी द्वारा ट्रिप्स पद्धति के अंतर्गत पेटेंट कराया जाता है। पेटेंट द्वारा दवा का निर्माण तथा विक्रय संबंधित कंपनी के लिये अनन्य हो जाता है तथा किसी अन्य संस्था के लिये उस दवा का निर्माण करना प्रतिबंधित कर दिया जाता है।
  • यह पेटेंट 20 वर्षों के लिये ही संभव होता है। इस पेटेंट के नवीनीकरण के लिये दवा निर्माता को दवा में मौलिक परिवर्तन करना होता है। इसके बिना दवा का पेटेंट समाप्त हो जाता है।
  • पेटेंट समाप्ति के पश्चात् कोई भी कंपनी अथवा देश उस दवा का निर्माण कर सकने में सक्षम होता है। ऐसी दवाओं को जेनेरिक दवाएँ कहा जाता है। प्रायः यह दवाएँ ब्राण्ड के नाम के बिना या किसी अन्य नाम से बेची जाती हैं। 
  • फैवीपिराविर एंटीवायरल टेबलेट्स इन्फ्लुएंज़ा वायरस के विरुद्ध प्रभावी साबित हुई हैं।
  • चीन, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका में COVID-19 रोगियों पर इन टेबलेट्स का चिकित्सीय परीक्षण किया जा रहा है।
  • इन देशों में फेविपिराविर टेबलेट्स ने COVID-19 रोगियों पर कई अध्ययनों में सकारात्मक परिणामों का प्रदर्शन किया है। जिसमें COVID-19 के संक्रमण की अवधि में कमी और रोगियों के फेफड़ों की स्थिति में सुधार आदि शामिल है। 

स्रोत: द हिंदू