नए वाहन पंजीकरण के लिये FATag विवरण | 14 Jul 2020

प्रीलिम्स के लिये:

FASTag, वाहन पोर्टल, NPCI, NIC, NETC

मेन्स के लिये:

फास्टैग तथा उसका महत्त्व

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने नए वाहनों का पंजीकरण करते वक्त और राष्ट्रीय परमिट के तहत चलने वाले वाहनों को फिटनेस प्रमाण पत्र जारी करते समय भी फास्टैग (FASTag) विवरण दर्ज करने का निर्णय लिया है।

प्रमुख बिंदु

  • इससे सुगम आवाजाही/पारगमन की सुविधा के साथ-साथ COVID-19 नियंत्रण का कार्य भी होगा।
    • FASTag भुगतान के लिये इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से कोविड-19 के प्रसार को रोकने में मदद मिलेगी क्योंकि इससे टोल प्लाजा पर किये जाने वाले नकद भुगतान से बचा जा सकता है।
  • MoRTH ने राष्ट्रीय सूचना केंद्र (NIC) को निर्देशित किया है कि वह वाहन (VAHAN) पोर्टल पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह डिवाइस का विवरण सुनिश्चित करे।
    • VAHAN पोर्टल के साथ राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) को पूरी तरह से जोड़ दिया गया है।
    • VAHAN पोर्टल: वाहन पंजीकरण सेवा को ऑनलाइन संचालित करने हेतु पोर्टल है।
    • राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह: इसे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) द्वारा वर्ष 2016 में FASTag का उपयोग करके टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह के लिये विकसित किया गया था।

फास्टैग क्या है?

  • फास्टैग एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड होता है जिसे वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है।
  • वाहनों को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) कार्ड के रूप में एक रेडियो फ्रीक्वेंसी टैग (Radio Frequency Tag) जारी किया जाता है।
  • प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर एक RFID रीडर लगा होता है जो एक सेंसर के रूप में कार्य करता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा कार्ड की वैधता एवं धनराशि की जाँच करता है।
  • यदि कार्ड में धनराशि उपलब्ध है तो टोल शुल्क का भुगतान स्वतः ही कार्ड से हो जाता है और वाहन टोल पर रुके बिना वहाँ से गुज़र जाता है।
  • 1 दिसंबर, 2019 से देश के सभी राष्ट्रीय राजमार्गों पर स्थित टोल फ्री प्लाज़ा पर सभी लेन को ‘फास्टैग लेन’ (FASTag Lanes) घोषित कर दिया गया है।
    • राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दर निर्धारण एवं संग्रह) नियम, 2008 के अनुसार टोल प्लाज़ा में फास्टैग लेन केवल फास्टैग उपयोगकर्त्ताओं की आवाजाही के लिये आरक्षित होती है। इस नियम के अंतर्गत प्रावधान है कि गैर-फास्टैग उपयोगकर्त्ताओं द्वारा फास्टैग लेन से गुज़रने पर उनसे दोहरा शुल्क वसूला जाता है।

स्रोत: पी.आई.बी.