कृषक नवोन्मेष कोष | 07 Jan 2020

प्रीलिम्स के लिये:

कृषक नवोन्मेष कोष

मेन्स के लिये:

कृषि और विज्ञान

चर्चा में क्यों?

हाल ही भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) ने कृषि में वैज्ञानिक नवाचारों को बढ़ावा देने तथा कृषि को तकनीकी से जोड़ने के लिये एक कृषक नवोन्मेष कोष (Farmers’ Innovation Fund) की स्थापना करने की घोषणा की है।

मुख्य बिंदु:

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद

(Indian Council of Agricultural Research-ICAR):

  • ICAR कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग, कृषि मंत्रालय, भारत सरकार के तहत एक स्वायत्तशासी संस्था है।
  • इसकी स्थापना 16 जुलाई, 1929 को इंपीरियल काउंसिल ऑफ एग्रीकल्चरल रिसर्च नाम से हुई थी।
  • यह परिषद देश में बागवानी, मात्स्यिकी और पशु विज्ञान सहित कृषि के क्षेत्र में समन्वयन, मार्गदर्शन और अनुसंधान प्रबंधन तथा शिक्षा के लिये एक सर्वोच्च निकाय है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने देश में हरित क्रांति लाने तत्पश्चात अपने अनुसंधान एवं प्रौद्योगिकी विकास से देश के कृषि क्षेत्र के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई है।
  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की योजना के अनुसार, प्रगतिशील किसानों को वैज्ञानिक प्रयोग करने, उनके नवाचारों को वैज्ञानिक वैधता प्रदान करने और इन नवाचारों को आगे ले जाने के लिये एक कृषक नवोन्मेष कोष की स्थापना की जाएगी।
  • इस कोष के अगले वित्तीय वर्ष तक सक्रिय हो जाने की संभावना है।
  • इस योजना के अंतर्गत नई दिल्ली में एक नवोन्मेष केंद्र (Innovation Centre) की स्थापना की जाएगी। इस केंद्र पर कृषि नवाचारों को वैज्ञानिक वैधता प्रदान करने के साथ ही किसानों को शोध की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी।
  • परिषद के अनुसार, वर्तमान में कृषि नवाचारों को कृषि विज्ञान केंद्रों पर अभिलिखित किया जा रहा है, प्रस्तावित तंत्र किसानों को उनके नवाचारों को आगे ले जाने के लिये प्रोत्साहित करेगा।

कृषि विज्ञान केंद्र: कृषि विज्ञान केंद्र, ग्रामीण स्तर पर कृषि में विज्ञान और तकनीकी को बढ़ावा देने के लिये भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की एक पहल है। ICAR की पहल पर वर्ष 1974 में तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय,कोयंबटूर के अंतर्गत पुद्दुचेरी में पहले कृषि विज्ञान केंद्र की स्थापना की गई। वर्तमान में भारत में लगभग 716 कृषि विज्ञान केंद्र हैं।

  • इस योजना का प्रमुख उद्देश्य कृषि को विज्ञान से जोड़ना और विज्ञान आधारित कृषि को बढ़ावा देना है।
  • परिषद के विशेषज्ञों ने इस बात पर ज़ोर दिया कि कृषि पूर्णरूप से वैज्ञानिक प्रक्रिया है और यदि हम कृषि में विज्ञान के सिद्धांतों का सही प्रयोग नहीं करते हैं, तो हम हर बार असफल होंगे।
  • इस योजना के अंतर्गत कृषि क्षेत्र में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिये किसानों और 105 स्टार्ट-अप के बीच संपर्क स्थापित करने की व्यवस्था की गई है।
  • इसके साथ ही कृषि आय को बढ़ाने के लिये ICAR ने अलग-अलग कृषि जलवायु क्षेत्रों के अनुकूल 45 जैविक कृषि मॉडल तैयार किये हैं और 51 समायोजित कृषि तंत्रों को प्रमाणित किया है।

आगे की राह:

इस नई व्यवस्था से पूरे देश के किसानों को एक-दूसरे से कृषि तकनीकी सीखने में सहायता प्राप्त होगी तथा इसके माध्यम से कृषि और विज्ञान क्षेत्र को जोड़ने में मदद मिलेगी जिससे देशभर के किसान कृषि-वैज्ञानिकों से जुड़कर लाभान्वित होंगें।

स्रोत: द हिंदू