यूरोपीय संघ का आर्थिक राहत पैकेज | 01 Jun 2020

प्रीलिम्स के लिये

यूरोपीय संघ, प्रस्तावित योजना का विवरण

मेन्स के लिये

प्रस्तावित योजना का महत्त्व और चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों?

यूरोपीय संघ (European Union) ने कोरोना वायरस (COVID-19) के संकट से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं को संचालित करने के लिये 750 बिलियन यूरो (Euro) की योजना का अनावरण किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस प्रस्ताव के तहत यूरोपीय आयोग (European Commission) बाज़ार से धनराशि उधार लेगा और फिर कोरोना वायरस जनित लॉकडाउन के कारण उत्पन्न हुई अभूतपूर्व मंदी को खत्म करने के लिये दो-तिहाई हिस्सा अनुदान (Grants) और शेष ऋण के रूप में वितरित करेगा।
  • उल्लेखनीय है कि यूरोपीय संघ (European Union-EU) के सभी देश कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण सर्वाधिक प्रभावित हुए हैं और इस प्रस्ताव का अधिकांश हिस्सा इटली और स्पेन को दिया जाएगा।
  • विदित है कि यूरोपीय संघ का यह प्रस्ताव संघ के वर्ष 2021-27 के दीर्घकालिक बजट से अलग है। यूरोपीय संघ (EU) के इस प्रस्ताव को सभी सदस्य देशों और यूरोपीय संसद द्वारा स्वीकृति प्रदान कर दी गई है।

प्रभाव

  • यूरोपीय संघ (EU) द्वारा कोरोना वायरस (COVID-19) से प्रभावित अर्थव्यवस्थाओं को पुनः पटरी पर लाने के लिये जो ऋण लिया जा रहा है उसे यूरोपीय संघ द्वारा अंततः चुकाना पड़ेगा, जिसका अर्थ है कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों को अपने राष्ट्रीय योगदान में बढ़ोतरी करनी होगी।

महत्त्व

  • यूरोपीय संघ (European Union) के विभिन्न देशों जैसे- इटली, स्पेन, ग्रीस, फ्राँस और पुर्तगाल की अर्थव्यवस्था के लिये काफी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इन देशों की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से पर्यटन पर बहुत अधिक निर्भर है और महामारी के कारण पूरी तरह से रुक गई है।
  • EU के नेतृत्त्वकर्त्ताओं का मानना है कि यदि वे मौजूदा समय में लगातार गिरती हुई अर्थव्यवस्था को संभालने में विफल रहते हैं तो अर्थव्यवस्था की स्थिति और भी खराब हो सकती है।
  • ऐसे में यूरोपीय संघ (EU) का यह प्रस्ताव न केवल सदस्य देशों की अर्थव्यवस्था को सुधारने में मदद करेगा, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों से निपटने की क्षमता भी प्रदान करेगा।

यूरोपीय संघ (European Union)

  • यूरोपीय संघ (European Union- EU) कुल 27 देशों की एक आर्थिक और राजनीतिक सहभागिता है। ये 27 देश संधि के द्वारा एक संघ के रूप में जुड़े हुए हैं, जिससे कि व्यापार को आसान बनाया जा सके और विभिन्न देशों के मध्य विवाद उत्पन्न न हो। 
    • सैद्धांतिक रूप से जो देश आपस में जितना अधिक व्यापार करते हैं, उनके मध्य तनाव और युद्ध की संभावना उतनी ही कम हो जाती है।
  • गौरतलब है कि यूरोपीय संघ के कुल 19 देश यूरो को अपनी आधिकारिक मुद्रा के रूप में प्रयोग करते हैं, जबकि शेष देशों की अपनी अलग मुद्रा है।
  • यूनाइटेड किंगडम (UK) 31 जनवरी, 2020 को  यूरोपीय संघ (EU) से अलग होने वाला अंतिम देश था, जिसके बाद सदस्यों की संख्या 27 रह गई।
  • यूरोपीय संघ ने कानूनों की मानकीकृत प्रणाली के माध्यम से एक आंतरिक एकल बाज़ार विकसित किया है, जो कि सदस्य देशों के उन सभी मामलों पर लागू होती हैं, जिन सदस्य देशों ने सहमति व्यक्त की है।
    • एकल बाज़ार सिद्धांत (Single Market Principle) अर्थात् किसी भी तरह का सामान और व्यक्ति बिना किसी टैक्स या बिना किसी रुकावट के कहीं भी आ-जा सकते हैं एवं लोग बिना रोक टोक के नौकरी, व्यवसाय तथा स्थायी तौर पर निवास कर सकते हैं। फ्री मूवमेंट ऑफ पीपल एंड गुड्स (Free Movement of People and Goods) यूरोपीय संघ की खासियत है।

यूरोपीय आयोग (European Commission) 

  • यह यूरोपीय संघ (EU) का एक कार्यकारी निकाय है, जो कानून का प्रस्ताव करने, निर्णयों को लागू करने, यूरोपीय संघ की संधियों को बरकरार रखने और यूरोपीय संघ के दिन-प्रतिदिन के कार्यों के प्रबंधन हेतु उत्तरदायी है।

स्रोत: द हिंदू