‘मानव तस्करी’ में यूरोप की स्थिति गंभीर: UN | 10 Jan 2019

चर्चा में क्यों?


हाल में आई UN (United Nation) की एक रिपोर्ट में यूरोप में मानव तस्करी विशेष रूप से बच्चों की तस्करी की भयावह स्थिति को प्रदर्शित किया गया है।


महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, यूरोप के कई भागों में भारत सहित दक्षिण-एशियाई देशों से तस्करी कर लाये गए लोगों की पहचान की गई।
  • इसके अनुसार मानव तस्करी से लगभग एक-तिहाई बच्चे पीड़ित हैं जिनको मुख्यतः बांग्लादेश, भारत और पाकिस्तान सहित दक्षिण एशियाई देशों से तस्करी कर लाया जाता है इनमें नेपाल एवं श्रीलंका भी शामिल हैं।
  • अफगानिस्तान से तस्करी कर लाये गए लोगों को नॉर्डिक देशों, नीदरलैंड और यूनाइटेड किंगडम में देखा जा सकता है।
  • तस्करी द्वारा लाये गए मूल रूप से दक्षिण एशियाई देशों के पीड़ितों की पहचान दुनिया के 40 से भी अधिक देशों में की गई, जिनमें अधिकतर पश्चिमी और दक्षिणी यूरोप तथा उत्तरी अमेरिका में पाए गए हैं।
  • बांग्लादेश और भारत से तस्करी कर लाये गए बहुत से पीड़ित लोग दक्षिण-पूर्व एशिया में भी पाए गए हैं।
  • संयुक्त राष्ट्र का ड्रग्स एंड क्राइम ऑफिस (UNODC) 142 देशों की तस्करी की स्थिति और प्रक्रिया के जाँच की वैश्विक रिपोर्ट जारी करती है।
  • बांग्लादेश, मालदीव, नेपाल और पाकिस्तान के बारे में उपलब्ध सीमित जानकारी के अनुसार, इस उपक्षेत्र में कुल ज्ञात पीड़ितों में महिलाओं का 59 प्रतिशत है।

अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • मानव तस्करी की निगरानी का कार्य संयुक्त राष्ट्र सतत विकास एजेंडा का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है, जिससे सदस्य देशों को इस समस्या से निपटने में हुई प्रगति की निगरानी करने और लैंगिक व उम्र के आधार पर शोषण के शिकार लोगों की संख्या ज्ञात करने में मदद मिलती है।
  • हालाँकि, उप-सहारा अफ्रीका, दक्षिण एशिया के कई देशों और पूर्वी एशिया के कुछ हिस्सों में अभी भी ज्ञान के अभाव के कारण तस्करी पर डेटा रिकॉर्ड करने एवं उसे साझा करने की पर्याप्त क्षमता नही है।
  • अपने मूल क्षेत्र से बाहर तस्करी कर लाये गये ज्यादातर पीड़ित पूर्वी एशियाई देशों से हैं, इसके बाद उप-सहारा अफ्रीका का स्थान है। जबकि इन क्षेत्रों में तस्करी की घटनाओं में वृद्धि हुई है, क्योंकि अभी भी कई एशियाई और अफ्रीकी देशों में ऐसे मामलों में सजा का प्रावधान बहुत कम है।
  • महिलाओं और लड़कियों को दुनिया भर में सबसे अधिक तस्करी का शिकार बनाया जाता है। उनमें से लगभग तीन-चौथाई की तस्करी यौन शोषण हेतु तथा लगभग 35 प्रतिशत (महिलाएँ लड़कियाँ) की जबरन श्रम के लिये की जाती है।

मानव तस्करी का कारण

  • आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने, समाज में भय फैलाने और तस्करी को आतंकवादी संगठनों में भर्ती के लिये प्रोत्साहित करना।
  • बाल सैनिकों के रूप में श्रम और यौन गुलामी को बढ़ावा देना।
  • महिलाओं का मानसिक सामाजिक एवं शारीरिक शोषण।
  • यौन शोषण के लिये तस्करी करना यूरोपीय देशों में इसका सबसे प्रचलित रूप है, जबकि उप-सहारा अफ्रीका और मध्य-पूर्व के देशों में जबरन अवैध व्यापार।

उद्देश्य

  • बच्चों एवं महिलाओं के शोषण को रोकना।
  • मानव तस्करी की भयावह स्थिति का संज्ञान लेते हुए बच्चों को गुमराह होने से बचाना, आतंकवाद को रोकना, श्रम और यौन शोषण को रोकना।
  • तकनीकी सहायता और सहयोग बढ़ाकर सभी देशों को पीड़ितों की रक्षा करने और अपराधियों को सजा दिलाने के साथ ही सतत् विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना।

स्रोत – द हिंदू बिज़नेस लाइन