कोशिका में वृद्धि रोकने वाले एंज़ाइम की खोज | 03 Apr 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (Centre for Cellular & Molecular Biology- CCMB) के वैज्ञानिकों द्वारा एक ऐसे एंज़ाइम की खोज की गई है जो बैक्टीरिया को कोशिका की दीवारों/भित्ति को तोड़ने में मदद करता है। इससे कोशिकाओं में अनियंत्रित वृद्धि को रोका जा सकता है।

प्रमुख बिंदु

  • यह एंज़ाइम मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं के माध्यम से एंटी-बैक्टीरियल प्रतिरोध को रोकने के लिये एक नए दवा वितरण मार्ग की क्षमता प्रदान करता है।
  • CCMB के वैज्ञानिकों के अनुसार, यह जानना अत्यंत महत्त्वपूर्ण है कि वर्तमान में उपलब्ध एंटीबायोटिक दवाओं में एंटी-बैक्टीरियल प्रतिरोध कैसे विकसित होते हैं।
  • दुनिया भर के वैज्ञानिक इस घटना को समझने की कोशिश बहुत सालों से कर रहे हैं ।
  • पिछले एक दशक से हैजा, कुष्ठ रोग, तपेदिक इत्यादि जैसी बीमारियों के बारे में जानने के लिये एस्चेरिचिया कोलाई (Escherichia colie) बैक्टीरिया की कोशिकाओं के कार्य प्राणाली पर अध्ययन किया जा रहा है कि कैसे ये विभाजित एवं विकसित होते हैं।

क्रियाविधि

  • ‘कोशिका भित्ति’ निर्मित करने के लिये कोशिका सिंथेटिक मशीनरी को कैसे संचालित करती है यह जानने के लिये वैज्ञानिक जाँच-पड़ताल कर रहे थे, कि इसी दौरान वैज्ञानिकों ने इस प्रक्रिया में शामिल मुख्य कारक को चिन्हित कर लिया और एक ऐसे नये तंत्र या एंज़ाइम की खोज की जिससे कोशिका अपने भित्ति के विकास को विनियमित करती है।
  • अन्य बैक्टीरिया में भी कोशिका के विभाजन एवं मूलभूत विकास में एक ही एंज़ाइम कार्य करता है अतः इस एंज़ाइम को जैव तकनीकी प्रक्रिया द्वारा कोशिका मे वृद्धि करने से रोका जा सकता है। साथ ही रोगाणुओं को लक्षित करने के नए तरीके प्राप्त किये जा सकते हैं, और यैसे बेहतर एंटीबायोटिक दवाओं को विकसित किया जा सकता है जो कोशिका की वृद्धि मे शुरूआत में ही रोक लगाते हैं।
  • इसके विपरीत, पहले से मान्य एंटीबायोटिक दवाएँ (जैसे कि पेनिसिलिन) कोशिका वृद्धि को रोकने के लिये कोशिका संश्लेषण के अंतिम चरण को लक्षित करती है, जो कोशिका की दीवार बनाने वाले तंत्र ‘क्रॉस-लिंक्ड शर्करा और पेप्टाइड्स (Cross-linked Sugars and Peptides) की एक जाल’ जैसी संरचना से टकराती है। जिससे कोशिका भित्ति का निर्माण रोकना कठिन होता है।
  • प्राप्त नवीन एंज़ाइम बहुत महत्त्वपूर्ण है, एंज़ाइम एंडो-पेप्सीडीन के अणु का पता लगाया जा रहा है जिससे मौजूदा एंटीबायोटिक दवाओं को बदलने के लिये दवाओं के एक नए संयोजन को फिर से तैयार किया जा सके।

स्रोत- द हिंदू