कर्मचारी राज्य बीमा | 14 Jun 2019

चर्चा में क्यों?

भारत सरकार ने कर्मचारी राज्य बीमा अधिनियम, 1948 (Employees’ State Insurance Act) कानून के अंतर्गत एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अंशदान (Contribution) की दर को 6.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत करने का फैसला किया है।

  • इससे नियोक्ता का अंशदान (Employers’ share) 4.75 प्रतिशत से घटाकर 3.25 प्रतिशत और कर्मचारी का अंशदान (employees’ share) 1.75 प्रतिशत से घटाकर 0.75 प्रतिशत हो जाएगा।
  • घटी हुई दरें 1 जुलाई, 2019 से प्रभावी होंगी।
  • सरकार के इस कदम से 3.6 करोड़ कर्मचारी और 12.85 लाख नियोक्ता लाभांवित होंगे।

प्रभाव:

  • अंशदान की घटी हुई दर से कामगारों को राहत मिलेगी तथा इससे और अधिक कामगारों को ESI योजना के अंतर्गत नामांकित कर पाना तथा ज़्यादा-से-ज़्यादा श्रम बल को औपचारिक क्षेत्र के अंतर्गत लाना सुगम हो सकेगा।
  • नियोक्ता द्वारा किये जाने वाले अंशदान में कमी होने से प्रतिष्ठानों के वित्तीय उत्तरदायित्व में कमी होगी, जिससे इन प्रतिष्ठानों की व्यावहारिकता में सुधार होगा। इससे कारोबार की सुगमता (Ease of Doing Business) में और अधिक बढ़ोत्तरी होगी।
  • संभवतः ESI अंशदान की दर में कटौती से ESI अधिनियम के बेहतर अनुपालन का मार्ग प्रशस्त होगा।

योजना के विस्तार हेतु सरकार द्वारा पूर्व में किया गया प्रयास

  • सरकार ने अधिक-से-अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज़ प्रदान करने के लिये दिसंबर 2016 से जून 2017 तक नियोक्ता और कर्मचारियों के विशेष पंजीकरण का कार्यक्रम शुरू किया एवं विभिन्न चरणों में योजना का कवरेज़ लाभ देश के सभी ज़िलों तक बढ़ाने का फैसला किया। 1 जनवरी, 2017 से कवरेज़ में वेतन की सीमा 15,000 रुपए प्रतिमाह से बढ़ाकर 21,000 रुपए प्रतिमाह कर दी गई।

कर्मचारी राज्‍य बीमा अधिनियम, 1948

(Employees’ State Insurance Act 1948)

  • सरकार द्वारा कर्मचारी राज्‍य बीमा अधिनियम, 1948 (Employees’ State Insurance Act 1948) रूग्‍णता (Sickness), प्रसूति (Maternity), रोज़गार संबंधी दुर्घटना के कारण अस्‍थायी अथवा स्‍थायी शारीरिक नि:शक्‍तता (जिसके कारण मजदूरी अथवा अर्जन क्षमता समाप्‍त हो गई हो) और मृत्‍यु, जैसी आकस्मिकताओं में कामगार के हित की सुरक्षा करने के उद्देश्य से लागू किया गया।
  • ESI कर्मचारी राज्य बीमा निगम (Employees’ State Insurance Corporation-ESIC) द्वारा प्रशासित है। ESI अधिनियम के अंतर्गत उपलब्ध कराए जाने वाले लाभ नियोक्ताओं और कर्मचारियों द्वारा किये गए अंशदान के माध्यम से वित्तपोषित होते हैं।
  • ESI अधिनियम के अंतर्गत नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही अपना-अपना योगदान देते हैं। श्रम और रोज़गार मंत्रालय (Ministry of Labour & Employment) के ज़रिये सरकार ESI अधिनियम के अंतर्गत अंशदान की दर तय करती है। वर्तमान में अंशदान की दर वेतन का 6.5 प्रतिशत है, जिसमें नियोक्ता का अंशदान 4.75 प्रतिशत और कर्मचारी का अंशदान 1.75 प्रतिशत है। उल्लेखनीय है कि अंशदान की यह दर 1 जनवरी, 1997 से लागू है।

स्रोत: पी.आई.बी.