PSB में निर्वाचित निदेशकों की नियुक्ति | 03 Aug 2019

चर्चा में क्यों?

रिज़र्व बैंक ने सार्वजनिक क्षेत्रक बैंकों (Public Sector Bank-PSB) में निर्वाचित निदेशकों की नियुक्ति के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किये है।

प्रमुख बिंदु:

  • भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के अनुसार सार्वजनिक क्षेत्रक बैंकों (PSB) के निर्वाचित निदेशकों को संबंधित बैंकों के बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति (Nomination and Remuneration Committee) द्वारा नियुक्त किया जाएगा।
  • रिज़र्व बैंक ने निर्वाचित निदेशकों के लिये ‘उपयुक्त और योग्य’ (Fit and Proper) मानदंड के आधार पर दिशा-निर्देश जारी किये हैं और साथ ही सभी PSB के लिये नामांकन और पारिश्रमिक समिति के गठन को भी अनिवार्य किया है।
  • इस समिति में कम-से-कम 3 सदस्य बोर्ड के गैर-कार्यकारी निदेशक होने चाहिये जिनमें से स्वतंत्र निदेशकों की संख्या आधे से कम नहीं होनी चाहिये। साथ ही कम-से-कम एक सदस्य बोर्ड की जोख़िम प्रबंधन समिति से भी शामिल किया जाना चाहिये।
  • बैंक के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष (Non-Executive Chairperson) को समिति के सदस्य के रूप में नियुक्त किया जा सकता है परंतु वह ऐसी समिति की अध्यक्षता नहीं करेगा।
  • दिशा-निर्देशों के अनुसार निर्वाचित निदेशक का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा और उसे पुनः निर्वाचित किया जा सकता है परंतु वह 6 वर्ष से अधिक समय तक पद पर नहीं रह सकता है।
  • कोई संसद सदस्य, विधान मंडल सदस्य, नगरपालिका परिषद् या किसी स्थानीय निकाय का कोई सदस्य निदेशक पद का उम्मीदवार नहीं होना चाहिये।
  • स्टॉक ब्रोकिंग या किसी अन्य बैंक अथवा वित्तीय संस्थान के बोर्ड का कोई सदस्य किराया क्रय (Hire Purchase), साहूकारी (Money Lending), निवेश, लीजिंग व अन्य सह-बैंकिंग (Para Banking) गतिविधियों से संबंधित व्यक्ति नियुक्ति का पात्र नहीं हो सकता है।
  • RBI के दिशा-निर्देशों के अनुसार, उम्मीदवार किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट की फर्म में भागीदार के रूप में कार्यरत नहीं होना चाहिये, जो वर्तमान में किसी भी राष्ट्रीयकृत बैंक या भारतीय स्टेट बैंक के वैधानिक केंद्रीय लेखा परीक्षक (Statutory Central Auditor) के रूप में संलिप्त है।

स्रोत: द हिंदू