पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन | 20 Jul 2023

प्रिलिम्स के लिये:

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन, आसियान, एक्ट ईस्ट पॉलिसी

मेन्स के लिये:

सामान्य हित और चिंता के क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने में EAS की भूमिका

चर्चा में क्यों? 

हाल ही में भारत के विदेश मंत्री ने 13वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। इस मौके पर वे चीन के शीर्ष राजनयिक के साथ चर्चा में शामिल हुए।

पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:

  • परिचय: 
    • EAS की स्थापना वर्ष 2005 में दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) के नेतृत्व वाली पहल के रूप में की गई थी।
    • EAS हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एकमात्र नेतृत्व वाला मंच है जो रणनीतिक महत्त्व के राजनीतिक, सुरक्षा और आर्थिक मुद्दों पर चर्चा करने हेतु सभी प्रमुख भागीदारों को एक साथ लाता है।
    • EAS स्पष्टता, समावेशिता, अंतर्राष्ट्रीय कानून के प्रति सम्मान, आसियान केंद्रीयता और प्रेरक शक्ति के रूप में आसियान की भूमिका के सिद्धांतों पर काम करता है।
    • पूर्वी एशिया समूह का विचार पहली बार वर्ष 1991 में तत्कालीन मलेशियाई प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद द्वारा प्रस्तावित किया गया था। 
      • पहला शिखर सम्मेलन 14 दिसंबर, 2005 को कुआलालंपुर, मलेशिया में आयोजित किया गया था।
  • सदस्य:
    • EAS में 18 सदस्य शामिल हैं: 10 आसियान देश (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्याँमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) तथा आठ संवाद भागीदार (ऑस्ट्रेलिया, चीन, भारत, जापान, न्यूज़ीलैंड, कोरिया गणराज्य, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका)।
  • EAS बैठकें और प्रक्रियाएँ:
    • EAS आमतौर पर हर वर्ष की चौथी तिमाही में आसियान नेताओं की बैठकों के साथ आयोजित किया जाता है।
    • EAS नेताओं के शिखर सम्मेलन को विभिन्न मंत्रिस्तरीय और वरिष्ठ अधिकारियों की बैठकों, जैसे- विदेश मंत्रियों की बैठक, आर्थिक मंत्रियों की बैठक, रक्षा मंत्रियों की बैठक एवं शिक्षा मंत्रियों की बैठक का समर्थन प्राप्त है।
    • EAS में सहयोग के छह प्राथमिकता वाले क्षेत्र हैं: पर्यावरण और ऊर्जा; शिक्षा; वित्त; वैश्विक स्वास्थ्य मुद्दे तथा  महामारी रोग; प्राकृतिक आपदा प्रबंधन एवं आसियान कनेक्टिविटी।
    • EAS में सामान्य हित और चिंता के अन्य विषयों को भी शामिल किया गया है, जैसे- व्यापार एवं निवेश, क्षेत्रीय वास्तुकला, समुद्री सुरक्षा, अप्रसार, आतंकवाद का विरोध तथा  साइबर सुरक्षा।
  • भारत और पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन:
    • वर्ष 2005 से भारत EAS का संस्थापक सदस्य है तथा इसकी सभी बैठकों एवं गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लेता रहा है।
    • भारत EAS को अपनी एक्ट ईस्ट पॉलिसी के विस्तार तथा आसियान और अन्य क्षेत्रीय देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को सुदृढ़ करने के लिये एक महत्त्वपूर्ण मंच के रूप में देखता है।
    • नवंबर 2019 में बैंकॉक में आयोजित पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन में भारत ने हिंद-प्रशांत महासागर पहल (IPOI) का अनावरण किया था जिसका उद्देश्य एक सुरक्षित एवं स्थिर समुद्री कार्यक्षेत्र बनाने के लिये साझेदारी करना है।
    • भारत ने आपदा प्रबंधन, नवीकरणीय ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, कनेक्टिविटी, समुद्री सुरक्षा तथा आतंकवाद विरोधी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में EAS सहयोग में योगदान दिया है।

  UPSC सिविल सेवा परीक्षा, विगत वर्ष के प्रश्न  

प्रिलिम्स: 

प्रश्न. भारत निम्नलिखित में से किसका/किनका सदस्य है? (2015)  

  1. एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एशिया-पैसिफिक इकोनॉमिक कोऑपरेशन)
  2. दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों का संगठन (एसोसिएशन ऑफ साउथ-ईस्ट एशियन नेशन्स)
  3. पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (ईस्ट एशिया समिट)

नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये: 

(a) केवल 1 और 2  
(b) केवल 3  
(c) 1, 2 और 3  
(d) भारत इनमें से किसी का भी सदस्य नहीं है  

उत्तर: (b) 

स्रोत: द हिंदू