कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business) ग्रैंड चैलेंज | 21 Nov 2018

हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग कर कारोबार में सुगमता (Ease of Doing Business)  से जुड़ी सात चिह्नित समस्‍याओं को सुलझाने के लिये ‘ग्रैंड चैलेंज’ लॉन्च किया। इस चैलेंज का उद्देश्‍य युवा भारतीयों, स्‍टार्ट-अप्‍स और अन्‍य निजी उद्यमियों की क्षमताओं का दोहन करना है, ताकि वर्तमान अत्‍याधुनिक प्रौद्योगिकियों की सहायता से जटिल समस्‍याओं का समाधान निकाला जा सके।

  • भारत सरकार लगातार यह प्रयास कर रही है कि कारोबारी माहौल को निरंतर बेहतर बनाने की प्रक्रिया में कोई अवरोध नहीं आना चाहिये। सरकार का प्रयास भारत को दुनिया के उन सबसे आकर्षक स्‍थलों में शामिल करवाना  है, जहाँ कारोबार करना सबसे आसान होगा। ऐसे में यह ग्रैंड चैलेंज सरकार के इस लक्ष्य को प्राप्त करने में मददगार साबित होगा।

विश्‍व बैंक की कारोबार में सुगमता रिपोर्ट (Doing Business Report)

विश्‍व बैंक ने 31 अक्तूबर को कारोबार में सुगमता रिपोर्ट (Doing Business Report-2019) जारी की थी। इस रिपोर्ट में भारत 23 पायदानों की ऊँची छलांग लगाकर 2017 के 100वें पायदान से ऊपर चढ़कर 77वें पायदान पर पहुँच गया। विश्‍व बैंक की इस रिपोर्ट में 190 देशों में कारोबारी माहौल का आकलन किया गया है।

  • सरकार द्वारा इस दिशा में किये जा रहे निरंतर प्रयासों के परिणामस्‍वरूप भारत ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में पिछले दो वर्षों में 53 पायदान और पिछले चार वर्षों (2014-2018) में 65 पायदान ऊपर चढ़ चुका है।
  • इस रिपोर्ट से 10 पैमानों पर 190 देशों में व्यवसाय या कारोबार संबंधी नियम-कायदों और उन पर अमल के लक्ष्यों के बारे में पता चलता है, जो किसी भी व्यवसाय के समूचे कारोबारी चक्र पर असर डालते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, भारत 10 संकेतकों में से 6 संकेतकों से जुड़ी अपनी रैंकिंग को बेहतर करने में कामयाब रहा है। साथ ही 10 संकेतकों में से 7 संकेतकों पर वैश्विक सर्वोत्तम कारोबारी तौर-तरीकों के और करीब पहुँच गया है। जिन छह संकेतकों पर भारत ने अपनी रैंकिंग सुधारी है उनमें शामिल हैं:

  • ग्रैंड चैलेंज लॉन्च करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत को विश्व बैंक की कारोबार सुगमता रैंकिंग में टॉप-50 देशों में पहुंचाने का लक्ष्य रखा। ग्रैंड चैलेंज का उद्देश्य कारोबार सुगमता का लाभ आम आदमी तक पहुँचाने की अवधारणा पर भी जोर देता है। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने देश में वृद्धि और विकास के लिये अधिक निवेश की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए भारत को 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य भी तय किया। इस लक्ष्‍य को प्राप्‍त करने के लिये अर्थव्‍यवस्‍था के हर सेक्‍टर में सुधार करने का ज़िक्र भी प्रधानमंत्री ने किया।

स्रोत : द हिंदू