धारचूला क्षेत्र में भूकंपीय सांद्रता | 11 Nov 2020

प्रिलिम्स के लिये:

भूकंप, केंद्रीय भूकंपीय अंतराल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग,  वाडिया हिमालय भू-विज्ञान संस्थान

मेन्स के लिये: 

हिमालयी क्षेत्र में भूकंप के कारण

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, वाडिया हिमालय भूविज्ञान संस्थान (Wadia Institute of Himalayan Geology) के वैज्ञानिकों ने धारचूला (Dharchula) क्षेत्र और कुमाऊँ हिमालय के आसपास के क्षेत्रों में सूक्ष्म तथा मध्यम तीव्रता के भूकंपों की बड़ी सक्रियता का पता लगाया है।

मुख्य बिंदु

  • स्थान:
    • उत्तराखंड के धारचूला को चीन सीमा पर स्थित लिपुलेख से जोड़ने वाली नई कैलाश मानसरोवर सड़क से करीब 45 किमी. दूर पृथ्वी के निचले हिस्से में बड़ी गतिविधि का पता चला है
    •  हिमालय, देश में सबसे अधिक विवर्तनिक और भूकंपीय रूप से सक्रिय क्षेत्रों में से एक है, फिर भी इस इलाके को केंद्रीय भूकंपीय अंतराल (Central Seismic Gap) क्षेत्र या गैप (Gap) के रूप में जाना जाता है। 
      • गैप एक शब्द है जिसका उपयोग विवर्तनिक गतिविधि (Tectonic Activity) वाले क्षेत्र को दर्शाने के लिये किया जाता है।
  • कार्यप्रणाली (Methodology):
    • सघन भूकंपों के कारण इस क्षेत्र की सही-सही जाँच और मैपिंग शुरू की गई।
    • पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय (Ministry of Earth Sciences) के सहयोग से कुमाऊँ हिमालय क्षेत्र में उपसतह विन्यास की जाँच करने के लिये काली नदी घाटी के किनारे 15 ब्रॉडबैंड भूकंपीय स्टेशनों का एक भूकंपीय नेटवर्क स्थापित किया गया है।
  • परिणाम:
    • भूगर्भीय तनाव के कारण भूकंपीय गतिविधियाँ रिकॉर्ड की गईं। इसलिये भविष्य में इस क्षेत्र में उच्च तीव्रता के भूकंप की भी संभावना है।
    • वर्षों से यहाँ भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं। यहाँ कई छोटे भूकंप आए हैं और भूगर्भीय तनाव बढ़ता जा रहा है।
    • इस क्षेत्र में एक उच्च तीव्रता के भूकंप की संभावना है। हालाँकि भूकंप आने के बारे में सटीक भविष्यवाणी करना संभव नहीं है।

स्रोत: इंडियन इक्सप्रेस