ई-नाम प्लेटफॉर्म के छह नए यूजर फ्रेंडली फीचर्स लॉन्च | 22 Feb 2018 | अंतर्राष्ट्रीय संबंध
चर्चा में क्यों?
21 फरवरी, 2018 को ई-राष्ट्रीय कृषि बाज़ार प्लेटफॉर्म के इस्तेमाल को और अधिक आसान बनाने के लिये इसकी 6 नई विशेषताओं का शुभारंभ किया गया। जिनमें बेहतर विश्लेषण के लिये एमआईएस डैशबोर्ड, व्यापारियों को भीम एप द्वारा भुगतान की सुविधा, व्यापारियों को मोबाइल भुगतान की सुविधा, मोबाइल एप पर विस्तृत सुविधाएँ जैसे कि गेट एंट्री और मोबाइल के ज़रिये पेमेंट, किसानों के डाटाबेस का एकीकरण, ई-नाम बेवसाइट में ई-लर्निंग मॉड्यूल आदि शामिल हैं।
ई-नाम (e-National Agriculture Market-NAM) क्या है?
- किसानों के लिये कृषि वस्तु्ओं के विपणन की प्रक्रिया को आसान बनाने हेतु राष्ट्रीय कृषि बाज़ार (e-NAM) की परिकल्पना की गई थी और 14 अप्रैल, 2016 को इसे 21 मंडियों में शुरू किया गया था।
- ई- राष्ट्रीय कृषि बाज़ार एक पैन इंडिया ई- व्यापार प्लेटफॉर्म है जिसका मुख्य उद्देश्य अधिक पारदर्शिता और प्रतिस्पर्द्धा सुनिश्चित करते हुए किसानों को कृषि उत्पादों का बेहतर मूल्य दिलाने के लिये एक एकीकृत राष्ट्रीय बाज़ार का सृजन करना है।
- इसके तहत किसान नज़दीकी बाज़ार से अपने उत्पाद की ऑनलाइन बिक्री कर सकते हैं तथा व्यापारी कहीं से भी उनके उत्पाद के लिये मूल्य चुका सकते हैं।
- ई-नाम एक “वास्तविक” बाज़ार है जिसे एक भौतिक बाज़ार (मंडी) का समर्थन प्राप्त है।
- ई-नाम एक समांतर मार्केटिंग संरचना नहीं है बल्कि भौतिक मंडियों के राष्ट्रीय नेटवर्क का निर्माण करने वाला एक ऐसा उपाय है जिसके द्वारा इन मंडियों तक ऑनलाइन पहुँचा जा सकता है।
- यह ऑनलाइन व्यापारिक पोर्टल के माध्यम से मंडी की भौतिक अवसंरचना का लाभ उठाने की कोशिश करता है, जो स्थानीय स्तर पर व्यापार में भाग लेने के लिये राज्य के बाहर स्थित खरीदारों को भी सक्षम बनाता है।
- अब तक 14 राज्यों और एक केंद्रशासित प्रदेश की 479 मंडियाँ इससे जुड़ चुकी हैं।
- ई-नाम वेबसाइट अब आठ स्थानीय भाषाओं (हिंदी, अंग्रेज़ी, गुजराती, मराठी, तमिल, तेलुगू, बांग्ला और उडिया) में उपलब्ध है तथा इस पर लाइव ट्रेडिंग सुविधा भी छह भाषाओं (हिंदी, अंग्रेज़ी, बांग्ला, गुजराती, मराठी और तेलुगू) में उपलब्ध कराई जा रही है।
कृषि मंत्रालय द्वारा ई-नाम पोर्टल को नई और यूज़र फ्रेंडली सुविधाओं से लैस करने के लिये निम्नलिखित छह विशेषताएँ लॉन्च की गई है-
ई-नाम मोबाइल एप
- इस बहुभाषीय मोबाइल एप की सहायता से मंडी ऑपरेटर्स द्वारा गेट एंट्री का महत्त्वपूर्ण कार्य किया जा सकेगा तथा किसानों को मोबाइल एप पर अग्रिम रूप से गेट एंट्री करने की सुविधा उपलब्ध होगी। परिणामस्वरूप मंडी आने वाले किसानों का काफी समय बचेगा तथा गेट एंट्री और आवक सूचना आसानी से दर्ज की जा सकेगी।
- इसके अतिरिक्त किसान अपनी फसल के क्रय-विक्रय तथा वास्तविक बोली प्रक्रिया की प्रगति संबंधी जानकारी भी इस मोबाइल एप द्वारा अपने मोबाइल पर प्राप्त कर सकेंगे और किसानों को उनके बैंक खाते में भुगतान प्राप्त होने के संबंध में SMS अलर्ट भेजा जाएगा जिससे किसानों को भुगतान रसीद संबंधी सूचना मिल सकेगी।
- व्यापार के दौरान फसल की गुणवत्ता संबंधी जानकारी को देखने की सुविधा व्यापारियों को मोबाइल एप पर उपलब्ध कराई गई है। अब व्यापारी (क्रेता) ई-नाम मोबाइल एप से डेबिट कार्ड और नेट बैंकिंग के द्वारा भी ऑनलाइन भुगतान कर सकता है। इससे खरीदारों के लिये धनराशि को एप के माध्यम से सीधे ट्रांसफर करना आसान होगा और व्यापारियों के लिये भी किसानों को ऑनलाइन भुगतान करना आसान हो जाएगा।
भीम (BHIM) एप से भुगतान सुविधा
- वर्तमान में ई-नाम पोर्टल किसानों को RTGS/NEFT, डेबिट कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ऑनलाइन भुगतान करने की सुविधा देता है।भीम के ज़रिये यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) सुविधा किसानों को भुगतान करने की प्रकिया आसान बनाने का एक महत्त्वपूर्ण कदम है जिससे खरीदारों के खाते से भुगतान लेकर उसे पूल अकाउंट में डालने तथा किसानों को भुगतान का वितरण करने में लगने वाले समय में कमी आएगी।
ई-लर्निंग माड्यूल सहित नवीन और समुन्नत वेबसाइट
- समुन्नत और अधिक सूचनापरक सुविधाओं जैसे कि गेट एंट्री पर ई-नाम मंडियों की वर्तमान स्थिति, नवीनतम घटनाओं की सूचना, डायनामिक ट्रेनिंग कलेंडर आदि के साथ एक नई वेबसाइट विकसित की गई है।
- इसके अलावा, हिन्दी भाषा में ई-लर्निंग माड्यूल डिज़ाइन किया गया है और उसे वेबसाइट पर उपलब्ध कराया गया है, ताकि विभिन्न हितधारक इस सिस्टम को प्रयोग करने के बारे में ऑनलाइन सीख सकें और अपनी सुविधा अनुसार सिस्टम में लगातार प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
MIS डैशबोर्ड
- बिजनेस इंटेलीजेंस आधारित एमआईएस डैशबोर्ड फसल की आवक और व्यापार के संबंध में प्रत्येक मंडी के कार्य निष्पादन की विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएगा।
- इससे मंडी बोर्ड के अधिकारियों तथा मंडी सचिव को प्रत्येक मंडी की दैनिक, साप्ताहिक, मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक तुलनात्मक कार्य निष्पादन की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी।
मंडी सचिवों के लिये शिकायत निवारण प्रबंधन प्रणाली
- इस सिस्टम द्वारा मंडी सचिव को पोर्टल/सॉफ्टवेयर और उसके प्रचालन से संबंधित तकनीकी मुद्दे उठाने तथा उनके प्रश्नों के निवारण की ऑनलाइऩ निगरानी करने में सहायता मिलेगी।
किसान डेटाबेस का एकीकरण
- ई-नाम को सेंट्रल फार्मर डेटाबेस के साथ जोड़ा गया है ताकि पंजीकरण की प्रक्रिया ज़्यादा आसान हो सके तथा मंडी गेट पर आवक के दौरान किसान की पहचान आसानी से की जा सके।
- इससे गेट एंट्री स्तर पर कार्यक्षमता बढ़ेगी और ‘कतार समय’ (Queue Time) में भी कमी आएगी। इसके अलावा, रबी और खरीफ की अधिक आवक के दौरान अधिक कार्य क्षमता के साथ गेट स्तर पर लोड को व्यवस्थित करने में मदद मिलेगी और एंट्री गेट पर किसानों के अपनी उपज के साथ प्रतीक्षा करने में लगने वाले समय में कमी आएगी।