व्यापक होगा उन्नत भारत अभियान का दायरा | 04 May 2019

चर्चा में क्यों?

हाल ही में सीएससी के ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड (Common Service Centre’s e-Governance Services India Limited) ने उन्नत भारत अभियान की प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिये IIT-कानपुर के साथ करार किया है।

प्रमुख बिंदु

  • उन्नत भारत अभियान के तहत IIT-कानपुर ने उत्तर प्रदेश के 15 उच्च शिक्षा संस्थानों को एक साथ जोड़ा है।
  • इन संस्थानों ने अभियान के तहत गाँवों के विकास के लिये सीएससी (Common Service Centre) के साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की है।
  • ये संस्थान ग्राम स्तरीय उद्यमियों (Village Level Entrepreneurs- VLE) को प्रशिक्षित करेंगे जो कि ग्राम विकास योजना के हिस्से के रूप में सीएससी चलाते हैं।
  • ग्राम स्तरीय उद्यमियों को IIT-कानपुर के द्वारा सौर ऊर्जा के उपयोग, स्वच्छता और आधुनिक प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बारे में भी कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • IIT-कानपुर ने समग्र विकास के लिये कानपुर के बाहरी इलाके में स्थित पाँच गाँवों को चुना है।

पृष्ठभूमि

  • उन्नत भारत अभियान की अवधारणा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) दिल्ली के समर्पित संकाय सदस्यों के समूह की पहल के साथ तब अस्तित्व में आई जब ये सदस्य लंबे समय से ग्रामीण विकास और उपयुक्त प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे।
  • सितंबर 2014 में IIT दिल्ली में आयोजित एक राष्ट्रीय कार्यशाला के दौरान विभिन्न प्रौद्योगिकी संस्थानों, रूरल टेक्नोलॉजी एक्शन ग्रुप (RuTAG) के समन्वयकों, स्वैच्छिक संगठनों और सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ विस्तृत परामर्श के बाद यह अवधारणा और अधिक परिपक्व हुई।

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  • इस कार्यशाला को काउंसिल फॉर एडवांसमेंट ऑफ पीपुल्स एक्शन एंड रूरल टेक्नोलॉजी (CAPART), ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित किया गया था।
  • कार्यक्रम की औपचारिक शुरुआत 11 नवंबर, 2014 को भारत मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा की गई थी।

लक्ष्य

  • उच्च शिक्षण संस्थानों के बीच विकास एजेंडे से संबंधित आपसी तालमेल तथा संस्थागत क्षमताओं का विकास करना और राष्ट्र की आवश्यकताओं विशेष रूप से ग्रामीण आवश्यकताओं के अनुरूप प्रशिक्षण की व्यवस्था करना।
  • उच्च शिक्षा के आधार के रूप में क्षेत्रीय स्तर पर कार्य किये जाने की आवश्यकता, हिस्सेदारों के बीच बातचीत तथा सामाजिक उद्देश्यों की प्राप्ति पर ज़ोर देना।
  • नए व्यवसायों के विकास केंद्र के रूप में सही रिपोर्टिंग और उपयोगी परिणामों पर ज़ोर देना।
  • ग्रामीण भारत और क्षेत्रीय एजेंसियों के लिये उच्च शिक्षा संस्थानों के पेशेवरों (विशेष रूप से ऐसे पेशेवर जिन्होंने विज्ञान, इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी तथा प्रबंधन के क्षेत्र में शैक्षणिक उत्कृष्टता हासिल की है) तक पहुँच सुनिश्चित करना।
  • इस शोध के फलस्वरूप विकास परिणामों में सुधार लाना, अनुसंधान के परिणामों को बनाए रखने और समाहित करने के लिये नए व्यवसाय और नई प्रक्रियाओं को विकसित करना।
  • विज्ञान, समाज और पर्यावरण से संबंधित मुद्दों पर बड़े समुदयों के बीच एक नई वार्ता को बढ़ावा देना।

सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड

  • सीएससी ई-गवर्नेंस सर्विसेज़ इंडिया लिमिटेड को कंपनी अधिनियम, 1956 के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा स्थापित किया गया है जिसका उद्देश्य सीएससी योजना के कार्यान्वयन की निगरानी करना है।
  • योजना को प्रणालीगत व्यवहार्यता और स्थिरता प्रदान करने के अलावा यह सीएससी के माध्यम से नागरिकों को सेवाओं की डिलीवरी हेतु एक केंद्रीकृत और सहयोगी रूपरेखा भी प्रदान करता है।

स्रोत- बिज़नेस लाइन