ड्रोन पॉलिसी | 28 Aug 2018

चर्चा में क्यों?

हाल ही में नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने ड्रोन या दूरस्थ रूप से संचालित विमान के वाणिज्यिक उपयोग हेतु अंतिम दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

ड्रोन के उपयोग
ड्रोन, मानव रहित विमानों को कहा जाता है। इनका उपयोग कई तरह के कार्यों के लिये किया जा सकता है, उदाहरण के तौर पर-

  • शहर के विभिन्न इलाकों का हवाई चित्रण करने में
  • घने वनों में किसी विशेष वस्तु या विशेष वन्य जीव की निगरानी में
  • बड़ी-बड़ी कंपनियों द्वारा उपभोक्ता को सामान पहुँचाने में।
  • रेलमार्गों के सर्वेक्षण में।
  • आपदा राहत कार्यों में।

नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA)

  • नागर विमानन मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है।
  • DGCA नागर विमान के क्षेत्र में एक विनियामक निकाय है, जो मुख्यतः सुरक्षा संबंधी विषयों पर कार्यवाही करता है।
  • यह भारत के लिये/से/भारत के भीतर, विमान परिवहन सेवाओं के विनियमन और सिविल विमान विनियमन, विमान सुरक्षा तथा उड़न योग्यता मानकों के प्रवर्तन के लिये उत्तरदायी है।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के साथ सभी विनियामक कार्यों का समन्वय भी करता है।
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है, जबकि क्षेत्रीय कार्यालय भारत के विभिन्न भागों में हैं।
  • इसके 14 क्षेत्रीय उड़न योग्यता कार्यालय है जो दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, कोलकाता, बेंगलुरू, हैदराबाद, त्रिवेंद्रम, भोपाल, लखनऊ, पटना, भुवनेश्वर, कानपुर, गुवाहाटी और पटियाला में स्थित है।

ड्रोन पॉलिसी संबंधी प्रमुख दिशा-निर्देश

  • यह एक ऐसा कदम है जो निजी ऑपरेटरों को कृषि, स्वास्थ्य और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में फोटोग्राफी, सुरक्षा, निगरानी इत्यादि की अनुमति देगा। 
  • हालाँकि नियामक ने ड्रोन द्वारा पेलोड की डिलीवरी को स्पष्ट रूप से अस्वीकार कर दिया है, इसका अर्थ यह है कि ड्रोन को ई-कॉमर्स कंपनियों या ऑनलाइन खाद्य प्लेटफार्मों द्वारा भोजन या सामान के वितरण के लिये उपयोग नहीं किया जा सकता है।
  • उल्लेखनीय है कि यह दिशा-निर्देश 1 दिसंबर,2018 से प्रभावी होंगे।

सीमाएँ

  • सभी नागरिक ड्रोन का संचालन केवल दिन के दौरान ही सीमित किया जा सकेगा। साथ ही, ड्रोन की उड़ान, दृष्टि की दृश्य रेखा के भीतर तक होगी, जो आम तौर पर 450 मीटर तक मानी गई है।
  • राष्ट्रीय तकनीकी अनुसंधान संगठन तथा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के स्वामित्व वाले नैनो ड्रोन को छोड़कर, शेष सभी ड्रोनों के लिये पंजीकृत और विशिष्ट पहचान संख्या जारी की जाएगी।
  • यह दिशानिर्देश ड्रोन को कुछ प्रतिबंधित स्थानों जैसे हवाई अड्डे, अंतर्राष्ट्रीय सीमा के पास, तट रेखा के नज़दीक, राज्य सचिवालय परिसरों के आसपास उड़ान भरने से प्रतिबंधित हैं।
  • इसके अलावा ड्रोन रणनीतिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण स्थानों, सैन्य प्रतिष्ठानों तथा राजधानी में विजय चौक क्षेत्र में संचालित नहीं किये जा सकते हैं।
  • सरकार ने देश भर में 23 साइटों की पहचान की है, जहाँ ड्रोन प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग का मूल्यांकन किया जाएगा।