खाद्य पदार्थो के साथ खिलौनों की पैकेजिंग पर मनाही | 08 Aug 2019

चर्चा में क्यों?

FSSAI ने खाद्य पदार्थों और खिलौनों को एक साथ पैक न करने के लिये राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिशा-निर्देश जारी किये हैं।

प्रमुख बिंदु:

  • निर्माताओं द्वारा बच्चों को आकर्षित करने के लिये खाद्य पदार्थों के पैकेट के अंदर खिलौने, टैटू स्टिकर और उपहार रखना आम बात हो गई है।
  • अगर किसी वस्तु को चिप्स के पैकेट के अंदर रखा जाता है, तो बच्चों द्वारा उसे गलती से निगलने की संभावना अधिक होती है।
  • इसलिये भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (Food Safety and Standards Authority of India- FSSAI) ने इस संबंध में दिशा निर्देश सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को दिये हैं।
  • इसके साथ ही FSSAI ने इस तरह के प्रचारात्मक मुफ्त खिलौनो को अलग से पैक किये जाने की अनुमति दी है, साथ ही इN खिलौनों का रंग भी खाद्य पदार्थ के रंग से अलग होना चाहिये।
  • खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 की धारा 3 (1) zz (xi) के अनुसार, यदि किसी खाद्य पदार्थ की प्रकृति या गुणवत्ता से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है तो उसे असुरक्षित खाद्य पदार्थ माना जाता है।
  • इस अधिनियम के माध्यम से ऐसे खिलौनों और उपहारों की पैकिंग को हतोत्साहित करने के लिये सभी हितधारकों में जागरूकता का प्रसार किया जा रहा है।

भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण

(Food Safety and Standards Authority of India-FSSAI)

  • केंद्र सरकार ने खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के तहत भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण का गठन किया। इसे 1 अगस्‍त, 2011 को केंद्र सरकार के खाद्य सुरक्षा और मानक विनिमय (पैकेजिंग एवं लेबलिंग) के तहत अधिसूचित किया गया।
  • इसका संचालन भारत सरकार के स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत किया जाता है।
  • इसका मुख्‍यालय दि‍ल्ली में है, जो राज्‍यों के खाद्य सुरक्षा अधिनियम के विभिन्‍न प्रावधानों को लागू करने का काम करता है।
  • FSSAI मानव उपभोग के लिये पौष्टिक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, भंडारण, वितरण, बिक्री और आयात की सुरक्षित व्यवस्था सुनिश्चित करने का काम करता है।
  • इसके अलावा यह देश के सभी राज्‍यों, ज़िला एवं ग्राम पंचायत स्‍तर पर खाद्य पदार्थों के उत्पादन और बिक्री के निर्धारित मानकों को बनाए रखने में सहयोग करता है। यह समय-समय पर खुदरा एवं थोक खाद्य-पदार्थों की गुणवत्ता की भी जाँच करता है।

स्रोत: द हिंदू