DIPAM | 05 Mar 2019

चर्चा में क्यों?

वित्त मंत्रालय ने केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली कंपनियों (Central Public Sector Enterprises- CPSEs) की गैर-प्राथमिक परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण में तेज़ी लाने के लिये निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) के तहत एक विशेष सेल स्थापित करने की योजना बनाई है ।

प्रमुख बिंदु

  • इसके तहत नीति आयोग द्वारा CPSEs की गैर-प्राथमिक परिसंपत्तियों की सूची तैयार की जाएगी।
  • इस सूची पर परामर्शदाता समूह के साथ चर्चा के बाद परिसंपत्तियों को अलग-अलग कर बेचा जा सकता है।
  • इस समूह में प्रशासनिक मंत्रालयों, आर्थिक मामलों के विभाग, निवेश विभाग और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन के अधिकारी शामिल हैं।
  • वित्त मंत्री की अध्यक्षता में विनिवेश पर वैकल्पिक तंत्र द्वारा नीति आयोग की रिपोर्ट ली जाएगी, जिसके बाद CPSEs और संबंधित प्रशासनिक मंत्रालय मौद्रीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएंगे।
  • गौरतलब है कि नीति आयोग पहले से ही लगभग 35 CPSEs की पहचान कर चुका है जो खुले बाज़ार में एकमुश्त बिक्री के लिये जा सकते हैं।
  • संपत्ति मौद्रीकरण सेल ही उन लोगों की अचल संपत्ति की बिक्री से संबंधित मामलों को भी देखेगा जो पाकिस्तान या चीन चले गए और अब भारत के नागरिक नहीं हैं।
  • यह केंद्र सरकार की CPSEs की गैर-प्राथमिक परिसंपत्तियों, मुख्य रूप से भूमि और भवन, के मौद्रीकरण के लिये प्रक्रिया और तंत्र अपनाने की समग्र योजनाओं का एक हिस्सा है।

पृष्ठभूमि

  • गैर-प्राथमिक परिसंपत्तियाँ ऐसी संपत्तियाँ हैं जो या तो आवश्यक नहीं हैं या कंपनी के व्यावसायिक कार्यों में उपयोग नहीं की जाती हैं।
  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाल ही में रणनीतिक विनिवेश और शत्रु संपत्ति के कस्टोडियन के तहत अचल संपत्तियों के मौद्रीकरण के लिये संस्थागत ढांचा तैयार करने की मंजूरी दी है।
  • साथ ही CPSEs की परिसंपत्तियों के मौद्रीकरण की योजना वित्त मंत्रालय की रही है जिसके तहत नीति आयोग इन कपनियों की प्रत्येक गैर-प्राथमिक परिसंपत्तियों की सूची तैयार करेगा।

क्या है DIPAM?

  • विनिवेश विभाग वित्त मंत्रालय के अधीन एक विभाग था।
  • 14 अप्रैल, 2016 से विनिवेश विभाग का नाम बदलकर निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) कर दिया गया।

DIPAM के अंतर्गत निम्नलिखित मामले आते हैं:

  • केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में इक्विटी के विनिवेश सहित इक्विटी में केंद्र सरकार के निवेश से संबंधित सभी मामले।
  • बिक्री या निजी प्लेसमेंट या पूर्ववर्ती केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में केंद्र सरकार की इक्विटी की बिक्री से संबंधित सभी मामले।

स्रोत: द हिन्दू बिज़नस लाइन