डिजिटल विलेज पहल के अंतर्गत आवश्यकताओं का प्रारूप जारी किया | 16 Jan 2017

सन्दर्भ 

शहरी सुविधाओं में सुधार करने हेतु स्मार्ट सिटी कार्यक्रमों के साथ ही, केंद्र ने अपनी डिजिटल विलेज की पहल के तहत आवश्यकताओं का एक प्रारूप भी जारी कर दिया है| डिजिटल विलेज की पायलट अवस्था में 100 गाँवों के चारों-ओर कुछ सेवाओं, जैसे टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन और वाई-फाई हॉटस्पॉट को उपलब्ध कराने पर ध्यान दिया जाएगा|

प्रमुख बिंदु

  • डिजिटल विलेज परियोजना का लक्ष्य विभिन्न राज्यों तथा संघ शासित क्षेत्रों के चुनिंदा प्रखंडों में ग्राम पंचायत स्तर पर लोगों को टेली-मेडिसिन, टेली-एजुकेशन, एलईडी स्ट्रीट लाइट, वाई-फाई हॉटस्पॉट एवं कौशल विकास जैसी सेवाएँ उपलब्ध कराने के लिये एक प्लेटफार्म का निर्माण करना है|
  • इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी सूचना के अनुसार, यह प्रोजेक्ट ई-गवर्नेंस परियोजनाओं के परंपरागत दृष्टिकोण (जो अवसंरचना निर्माण पर ध्यान केन्द्रित करता है) से अलग होगा तथा डिजिटल विलेज हेतु एक सेवा आधारित दृष्टिकोण को अंगीकृत करेगा|
  • टेली-मेडिसिन की प्रथम आवश्यकता के अंतर्गत ग्रामीण विद्यालयों के एक समूह को किसी अन्य विद्यालय द्वारा नेतृत्व प्रदान  करने का प्रस्ताव रखा गया है |
  • नेतृत्व प्रदाता विद्यालय एक सरकारी विद्यालय होगा जो प्रखंड, ज़िला अथवा राज्य/संघ राज्यक्षेत्र स्तर पर गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिये विख्यात होगा| 
  • इसके अतिरिक्त, नेतृत्व प्रदाता विद्यालय निजी विद्यालय भी हो सकता है, लेकिन इसे संबंधित राज्य/संघशासित क्षेत्र की सरकार से स्वीकृति लेना आवश्यक है|

प्रारूप की विशेषताएँ 

  • इस कार्यक्रम में टेली-एजुकेशन की कक्षाओं को एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सुविधा के साथ सुसज्जित करना प्रस्तावित है|
  • टेली-एजुकेशन की कक्षा में पढ़ाए जाने वाले विषय एवं पाठ्यक्रम इत्यादि का निर्णय संबंधित राज्यों/संघ शासित प्रदेशों  द्वारा लिया जाएगा|
  • प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवा के पास टेली मेडिसिन समाधान होना चाहिये| इसमें चिकित्सीय उपचार किट, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग किट/चिकित्सकीय परामर्श के लिये इनबिल्ट प्रणाली  और अन्य आईटी उपकरण/बाह्य उपकरण शामिल होने चाहियें| 
  • चिकित्सीय किटयुक्त टेली-मेडिसिन सॉल्यूशन का उपयोग प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल/पैरामेडिकल स्टाफ द्वारा नेतृत्व प्रदाता अस्पताल (जो मेडिकल परामर्श उपलब्ध कराएगा)  के चिकित्सक को रोगी का महत्त्वपूर्ण चिकित्सा डेटा उपलब्ध कराने के लिए किया जाना चाहिये|

क्रियान्वयन 

  • टेली-एजुकेशन सेवाओं के क्रियान्वयन के लिये केंद्रीय स्तर पर एजेंसियों का पैनल तैयार किया जाएगा  और राज्य इन पैनलों से एजेंसियों का चयन करेंगे|  
  • विद्यालयों में अधिकांश समय कनेक्टिविटी को सुनिश्चित कराने हेतु सेवा प्रदाताओं (जो कनेक्शनों के लिए उत्तरदायी होते हैं) को मासिक अथवा वार्षिक आधार पर 10 प्रतिशत तक का दंड दिया जाएगा| 
  •  ये चुनी गई एजेंसियाँ डिजिटल विलेज की पायलट परियोजना का कार्यान्वयन करेंगी|
  • टेली-मेडिसिन सेवा के लिये कनेक्टिविटी के अभाव में यह प्रारूपित दस्तावेज दंड प्रस्तावित करेगा| हालाँकि, यदि कथित अवधि के दौरान कनेक्टिविटी 75 प्रतिशत से कम रहती है तो बिलों का भुगतान न होने के परिणामस्वरूप टेली-मेडिसिन के केस में दंड अधिक गम्भीर होगा|